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बड़ा खेल उजागर: कृषि मंत्रालय ने तलब की फसल बीमा घपले की रिपोर्ट, विभाग के अफसरों-कर्मचारियों पर कार्रवाई तय

चंद्रभान यादव, अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Sun, 21 Dec 2025 12:05 PM IST
सार

कृषि मंत्रालय ने फसल बीमा घपले की रिपोर्ट तलब की है। महोबा, झांसी के साथ मथुरा, फर्रुखाबाद सहित अन्य जिलों का ब्योरा मांगा है। कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई होना तय है। 

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Agriculture Ministry sought report after scam in PM Crop Insurance Scheme exposed in various districts in up
फसल बीमा में बेईमानी। - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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उत्तर प्रदेश में महोबा, झांसी सहित विभिन्न जिलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में घपला उजागर होने पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है। इसमें अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा भी मांगा गया है। मंत्रालय के रुख से कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।

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दरअसल, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में करोड़ों के घपले की जांच चल रही है। कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। कृषि विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि इस प्रकरण में कृषि मंत्रालय ने फसल बीमा के तरीके, सामने आए तथ्यों, प्रकरण खुलने के बाद अब तक की गई कार्रवाई आदि की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मंत्रालय ने यह भी पूछा है कि गड़बड़ी रोकने की जिम्मेदारी निभाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने किस स्तर पर चूक की है? मंत्रालय से रिपोर्ट तलब किए जाने के बाद कृषि विभाग में हलचल मची है।

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अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर गाज गिरना तय

डीएम महोबा ने पूरे प्रकरण में रिपोर्ट शासन को भेज दी है जबकि अन्य स्थानों से रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। ऐसे में झांसी, जालौन, फर्रुखाबाद, मथुरा व अन्य जिलों के डीएम को जल्द जांच रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है। इस प्रकरण में कृषि एवं राजस्व विभाग के कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। यही वजह है कि दोनों विभाग के अधिकारी बचने की कोशिश में लगे हैं। वे एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।

बीमा कंपनियों का खेल उजागर

अधिकारियों की मानें तो दो दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पूरे प्रकरण की जानकारी ली थी। बीमा कंपनी पर रिपोर्ट दर्ज कराने पर नाराजगी जताई थी, लेकिन महोबा के बाद दूसरे जिलों में सामने आए प्रकरण में बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों की मिलीभगत स्पष्ट रूप से उजागर हो गई है। जिन स्थानों पर जांच हुई है, वहां के किसानों ने भी साफ बताया कि किस तरह से बीमा कंपनी से जुड़े कार्मिकों ने उन्हें प्रलोभन दिया। बीमा क्लेम खाते में आने के बाद वसूली के लिए भी उनके घर पहुंचने लगे।

ये है पूरा मामला

बुंदेलखंड समेत कई जिलों में लोगों ने फर्जीवाड़ा कर नदी, रेल लाइन, तालाब, बंजर और सरकारी जमीन पर फसल बीमा कराके क्लेम हासिल कर लिया। झांसी सांसद अनुराग शर्मा की जमीन पर भी दूसरे लोगों ने बीमा क्लेम ले लिया। महोबा में कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराके 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

झांसी में भी 10 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। घपला सामने आने के बाद हर तहसील में जिला स्तरीय तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच शुरू हो गई है। जालौन, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, मथुरा सहित अन्य जिलों में भी फसल बीमा में घपले की शिकायतें मिलने के बाद वहां के डीएम को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। फसल बीमा के घपले पर पड़ताल के बाद अमर उजाला ने सिलसिलेवार खबरें भी प्रकाशित की हैं।
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