दादरी कांड पर घिरे आजम ने किया जोरदार पलटवार
दादरी मसले को यूएन ले जाने की बात कहने वाले आजम खां अपने इस बयान के बाद कई राजनीतिक दलों द्वारा तीखी आलोचना का शिकार हुए थे। बुधवार को लखनऊ में हुए एक कार्यक्रम में आजम ने इस मसले पर जोरदार पलटवार करते हुए अपनी चुप्पी तोड़ी। आजम ने बातों ही बातों ही बदायूं कांड का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री आवास पर हुए एक कार्यक्रम में बोलते हुए आजम खां ने कहा कि उन्हें खुशी है कि दादरी में एक बेगुनाह की मौत पर जम्हूरी ताकतें जिंदा हो गईं। हिंदुस्तान पूरी दुनिया से मुकाबला कर सकता है।
उन्होंने कहा, जब कुछ लोग बदायूं कांड को यूएनओ ले गए तब समाज के ठेकेदार कहां थे ? बाल श्रम का मामला यूएनओ ले जाने पर कैलाश सत्यार्थी को नोबल पुरस्कार मिल गया। सेहत से जुड़े न जाने कितने मामले यूएनओ में हैं। बेगुनाह की मौत और हिंदू राष्ट्र बनाने के खिलाफ वह यूएनओ गए तो मेरी मरहूम मां का सिर काटने की धमकी दी जा रही है।
आजम ने मुख्यमंत्री से मुखातिब होकर कहा, आपने बेगुनाह परिवार के दर्द का अहसास किया। आपके हौंसलों में कमी नहीं आनी चाहिए। आजम ने कहा कि ओहदों से इतिहास नहीं बनता। तारीख (इतिहास) ओहदे बनाता है। आग से कभी आग नहीं बुझती, इसके लिए पानी की जरूरत होती है।
जख्म भरने के लिए मरहम की जरूरत होती है। पूरी दुनिया फासिस्टों को हिराकत भरी नजर से देख रही है। सेकुलरिज्म की तरफ जो उंगली उठाए, उस जालिम के हाथ को मरोडऩे का काम करना होगा।
हमारे बेटों की कोई पहचान नहीं
आजम खान ने उर्दू अकादमी के चेयरमैन नवाज देवबंदी और सीएम से कहा कि वे हिम्मत न छोड़े, सीएम की ओर मुखातिब होकर कहा, हम उन लोगों में हैं जिनके हौसले पत्थरों से जख्मी नहीं होते।
जब तक उनकी सांसें बाकी हैं, हर लमहे उनके लिए बेहतरीन रास्ते तलाश करना उनका फर्ज है और अखलाकी ईमान भी।
आजाम ने मुख्यमंत्री से कहा, हमने स्कूल और यूनिवर्सिटी के लिए आपसे, आपके वालिद (मुलायम सिंह यादव) से बहुत कुछ मांगा है। हमारे बच्चों के टेलीफोन किसी के पास नहीं जाते। उनकी यह पहचान नहीं है कि वे किसके बेटे हैं।
मंत्री पद चला जाता है तो हम स्टेशन से घर तक थ्री व्हीलर से जाते हैं। चाहते हैं कि इसी उसूल पर जिंदगी खामोश हो। उन्होंने मुख्यमंत्री की लंबी उम्र की दुआ की।