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सेहत की बात: नौनिहालों को अस्थमा के लपेटे में ले रहा कंबल, देश के नौ केंद्रों पर हुए अध्ययन में निकले निष्कर्ष
सचिन त्रिपाठी, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: भूपेन्द्र सिंह
Updated Tue, 08 Jul 2025 03:33 PM IST
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सार
कंबल का उपयोग नौनिहालों को अस्थमा के लपेटे में ले रहा है। केजीएमयू समेत देश के नौ केंद्रों पर हुए साझा अध्ययन में कई निष्कर्ष निकले हैं। बचपन में एंटीबायोटिक्स का ज्यादा इस्तेमाल भी बीमारी की वजह बन रहा है। अध्ययन में देशभर में 1.27 लाख बच्चों, किशोर और वयस्कों को शामिल किया गया था।

बच्चों में अस्थमा
- फोटो : Freepik
विस्तार
एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कंबल का इस्तेमाल अस्थमा की वजह बन रहा है। बचपन में एंटीबायोटिक्स का अंधाधुंध इस्तेमाल भी बच्चों और किशारों को इस बीमारी का शिकार बनाता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में पैरासिटामॉल के सेवन से भी उनके होने वाले बच्चे में अस्थमा का खतरा रहता है। ये चौंकाने वाले निष्कर्ष ग्लोबल अस्थमा नेटवर्क के नए शोध में सामने आए हैं। शोध में लखनऊ समेत देश के नौ शहरों के कुल 1.27 लाख बच्चे, किशोर और वयस्क शामिल थे।
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लखनऊ में शोध कार्य की अगुवाई केजीएमयू में पीडियाट्रिक विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. शैली अवस्थी ने की। उन्होंने बताया कि अध्ययन में देश भर में अस्थमा के प्रभाव और उसके जिम्मेदार कारकों की पहचान की गई। अध्ययन में 20,084 बच्चे, 25,887 किशोर और 81,296 वयस्क शामिल थे।
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इंडियन चेस्ट सोसाइटी के जर्नल में अध्ययन को स्थान मिला
मुख्य रूप से विभिन्न स्कूलों से संपर्क करके वहां के बच्चों को पंजीकृत किया गया। बाद में बच्चों के माध्यम से उनके अभिभावकों को पंजीकृत किया गया। ये बच्चे दो समूह में थे। पहले समूह में छह से सात वर्ष और दूसरे में 13 से 14 वर्ष के किशोर शामिल थे। इन सभी से प्रश्नावली भरवाई गई, जिसके आधार पर निष्कर्ष निकाले गए। इंडियन चेस्ट सोसाइटी के जर्नल में इस अध्ययन को स्थान मिला है।लखनऊ है राहत वाला शहर
अध्ययन में पाया गया कि लखनऊ में अस्थमा का प्रकोप सामान्य के मुकाबले काफी कम है। राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों में अस्थमा का प्रकोप 3.16 फीसदी रहा, वहीं लखनऊ में यह आंकड़ा 1.11 फीसदी रहा। किशोरों में राष्ट्रीय स्तर पर 3.63 फीसदी और लखनऊ में 1.62 फीसदी में अस्थमा का खतरा रहा। लखनऊ के 1.55 फीसदी वयस्कों में अस्थमा मिला, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 3.3 फीसदी है।अस्थमा के लिए जोखिम वाले कारण
- घर में नमी वाले स्थान पर रहना
- कम उम्र में अंधाधुंध एंटीबायोटिक्स का सेवन
- मां का गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामाॅल लेना
- एक साल से कम उम्र में ऊनी कंबल पर लेटना
- पर्यावरण प्रदूषण और घर के सामने ट्रकों का गुजरना
- पालतू जानवरों के संपर्क में रहना
- पारिवारिक इतिहास
- खाना पकाने के ईंधन के रूप में कोयला, मिट्टी के तेल, उपलों का इस्तेमाल
- बच्चों में निमोनिया का इतिहास
- सिजेरियन जन्म
जानिए कहां कितने फीसदी में मिले अस्थमा रोगी
शहर | बच्चे | किशोर | वयस्क |
लखनऊ | 1.11 | 1.62 | 1.55 |
नई दिल्ली | 3.46 | 0.89 | 0.88 |
चंडीगढ़ | 8.54 | 2.5 | 3.92 |
जयपुर | 2.35 | 6.62 | 5.84 |
बीकानेर | 0.35 | 2.41 | 1.59 |
पुणे | 2.08 | 4.59 | 3.89 |
कोटायम | 5.48 | 4.45 | 6.02 |
मैसूर | 2.75 | 3.28 | 3.43 |
कोलकाता | --- | 6.44 | 5.03 |
कुल | 3.16 | 3.63 | 3.30 |
(नोट : सभी आंकड़े प्रतिशत में)