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सीएम बोले: हमारी सोच सांप्रदायिक नहीं, जो हमारा है हमें मिल जाना चाहिए, सपा को नहीं है राम-कृष्ण पर विश्वास

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: रोहित मिश्र Updated Wed, 05 Mar 2025 10:32 AM IST
सार

Up Vidhan Sabha Budget Satra:सामान्य बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा पर तीखे हमले किए। उन्होंने संभल के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जो हमारा है हमें मिल जाना चाहिए। 

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CM said: Our thinking is not communal, we should get what is ours, SP does not believe in Ram-Krishna
विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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उत्तर प्रदेश 2025-26 के सामान्य बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में शुरुआत से ही समाजवादी पार्टी पर करारा हमला किया है। उन्होंने साफ कहा कि समाजवादी पार्टी डॉ राम मनोहर लोहिया का नाम तो लेती है, लेकिन वह उनके मूल्यों और आदर्शों से दूर जा चुकी है। आज की समाजवादी पार्टी न डॉ लोहिया के बताए आचरण के अनुरूप कार्य कर रही है और न ही उनके बताए आदर्शों पर चल रही है। उन्होंने उपचुनावों पर समाजवादी पार्टी के आरोपों पर भी करारा हमला करते हुए कहा कि दूसरों को उपदेश देने के बजाए स्वयं इन बातों को अपने आचरण में उतारा होता तो संभवत इतनी करारी हार नहीं होती और 2027 में भी इतनी करारी हार झेलने के लिए मजबूर न होना पड़ता। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सामान्य बजट 2025-26 में भाग लेने के लिए सभी सदस्यों का ह्दय से आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि अब तक कुल 93 सदस्यों में इस चर्चा में भाग लिया है, जिसमें 59 सदस्य सत्ता पक्ष और सहयोगी दलों के हैं, जबकि नेता प्रतिपक्ष समेत विपक्ष के 34 सदस्यों ने भी इसमें अपनी बात रखी है। 

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राम, कृष्ण और शंकर पर सपा को कोई विश्वास नहीं 

नेता प्रतिपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा कि मुझे अच्छा लगा कि नेता प्रतिपक्ष ने आज अपनी बात को बड़े दार्शनिक अंदाज में सदन में रखा। उन्होंने डॉ राम मनोहर लोहिया के एक अनुयायी के रूप में अपनी बात को रखने का प्रयास किया, लेकिन वह स्वयं इसका आचरण कर पाते हैं या नहीं, यह उन्हें स्वयं ही देखना चाहिए था। आज की समाजवादी पार्टी डॉ लोहिया का नाम तो लेती है, लेकिन उनके मूल्यों और आदर्शों से दूर जा चुकी है। डॉक्टर लोहिया ने कहा था कि एक सच्चा समाजवादी वह है जो संपत्ति और संतति से दूर रहे, यह तो आपकी पार्टी के आचरण से देख सकते हैं। आदर्श के रूप में उन्होंने भारत के लिए कहा था कि राम, कृष्ण और शंकर यह जब तक भारत के तीन आदर्श हैं तब तक भारत का कोई बाल बांका नहीं कर सकता है। भारत की जनता जब तक इन तीन देव महापुरुषों को अपना आदर्श मानेगी तब तक भारत, भारत बना रहेगा। इन तीनों देव महापुरुषों पर समाजवादी पार्टी का कोई विश्वास नहीं है, क्योंकि आप लोग भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं। 

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जो हमारा है, वह हमें मिल जाना चाहिए 

बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि संभल में जो हो रहा है, वह हमारी आस्था का विषय है। जो हमारा है, वह हमें मिल जाना चाहिए। हम इससे इतर नहीं जा रहे। सच कड़वा होता है, उसे स्वीकारने का सामर्थ्य होना चाहिए। प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है। संभल में 26 फरवरी को 56 वर्षों बाद शिव मंदिर में जलाभिषेक का कार्यक्रम हुआ। अकेले संभल में 67 तीर्थ और 19 कूप थे। जिनको एक निश्चित समय के अंदर समाप्त कर दिया गया। इनमें से 54 तीर्थ को हमने तलाशा, 19 कूप भी मुक्त कराए। यह हमारी विरासत का हिस्सा है।

सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि आप कहते हैं कि हमारी सोच सांप्रदायिक है। हम तो सबका साथ, सबके विकास की बात करते हैं। हमारा आदर्श 'सर्व भवंतु सुखिनः, सरवे सरवे संतनु निरामया' है। इसका सबसे आदर्श उदाहरण महाकुंभ है। इस आयोजन ने भारत की विरासत और विकास की एक अनुपम छाप दुनिया के सामने प्रस्तुत की है। महाकुंभ में किसी के साथ जाति, क्षेत्र, मत, मजहब का भेद नहीं दिखा। 100 से अधिक देशों के लोग श्रद्धा भाव के साथ आए और अभिभूत होकर गए। आपका दुष्प्रचार भी इसे डिगा नहीं सका। आपकी नकारात्मक बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया। सीएम ने कहा कि सपा डॉ. राम मनोहर लोहिया का नाम तो लेती है, लेकिन वह उनके मूल्यों और आदर्शों से दूर जा चुकी है। वहीं उपचुनाव को लेकर सपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि दूसरों को उपदेश देने के बजाए स्वयं इन बातों को अपने आचरण में उतारा होता तो संभवत इतनी करारी हार नहीं होती। आगे 2027 के चुनाव में भी हार झेलने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।


हमनें दिखाया है समाजवादी पार्टी को आईना

 मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट पर चर्चा करते हुए समाजवादी पार्टी को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का आयोजन उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य को देश के सामने और दुनिया के सामने रखने में सफल हुआ है। आपका कितना भी दुष्प्रचार था वह भारत की आस्था को कहीं डगमगा नहीं पाया। आपकी इन नकारात्मक बातों पर ना प्रदेश की जनता को और ना ही देश की जनता को ही विश्वास था। ये आपके लिए उल्टी गिनती है कि जनता अब आपकी बातों को सुनना ही बंद कर दी है। सीएम ने कहा कि सरकार ने इस आयोजन से जुड़कर 7.5 हजार करोड रुपए खर्च किए थे। यह खर्च सिर्फ कुम्भ के लिए नहीं था, बल्कि प्रयागराज जैसी पौराणिक सिटी के सस्टेनेबल डेवलपमेंट की रूपरेखा तैयार करने का भी माध्यम था। प्रयागराज महाकुम्भ के बहाने इस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर देने में हम सफल हुए। 200 से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण हुआ, 14 फ्लाईओवर बने, 9 अंडर पास बनाए गए, 12 कॉरिडोर बने। श्रंग्वेरपुर में भगवान राम और निषाद राज की गले मिलती प्रतिमा स्थापित कर कॉरिडोर बनाया, जिस पर आप कब्जा करवा रहे थे और हमने कॉरिडोर बनवाकर त्रेतायुग की स्मृति को जीवंत करने का कार्य करवाया है।  आपके लिए यह वोट बैंक था, हमारे लिए विरासत थी, बस अंतर यही है कि हम विरासत की बात कर रहे हैं, आस्था की बात कर रहे हैं इसलिए जनता हमारे साथ है। 

45 दिन में एक भी घटना नहीं घटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम लोग सामान्य बजट पर चर्चा में भाग ले रहे हैं तब प्रयागराज का महाकुम्भ अपनी भव्यता, दिव्यता और अपनी विरासत को आने वाली पीढ़ी के लिए छोड़कर संपन्न हो चुका है। आप कानून व्यवस्था की बात कर रहे थे। 45 दिनों में 66 करोड़ 30 लाख से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक देश और दुनिया से प्रयागराज आए. 66 करोड़ में से आप मान कर चलिए कि कम से कम आधी आबादी तो महिलाओं की रही होगी, क्योंकि महिलाएं ज्यादा धार्मिक होती है। एक भी छेड़खानी की घटना नहीं हुई, एक भी अपहरण की घटना नहीं, एक भी लूट की घटना नहीं, एक भी हत्या की घटना नहीं, एक भी ऐसा उदाहरण नहीं जो उत्तर प्रदेश को या भारत को या सनातन धर्मावलंबियों को कटघरे में खड़ा करता हो। 66 करोड लोग आ जाएं और सुरक्षित वापस अपने घरों को चले जाएं और वो खुशी-खुशी होकर जाएं। बहुत सारे लोग आना चाहते थे नहीं आ पाए, बहुत सारे लोगों को आने के लिए साधन नहीं मिल पाए, क्योंकि जो अनुमान था उससे कहीं ज्यादा श्रद्धालु वहां पहुंच रहे थे और उन स्थितियों में जो लोग नहीं आ पाए उनके मन में कसक थी की कुछ छूट गया, कुछ चूक हुई है, लेकिन जो आया, जिसने भी डुबकी लगाई, आस्था की डुबकी में जो भी आया अभिभूत होकर गया। यह भारत की विरासत का ऐसा अनुपम उदाहरण है कि इसके बारे में शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते। 

विदेशी मीडिया भी महाकुम्भ को देखकर हुआ अभिभूत

CM said: Our thinking is not communal, we should get what is ours, SP does not believe in Ram-Krishna
विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी। - फोटो : अमर उजाला।

सीएम योगी ने कहा कि अक्सर हम देखते हैं कि भारत के बारे में विदेशी मीडिया बहुत नकारात्मक टिप्पणी करता है। विदेशी मीडिया ने इस बार महाकुम्भ के बारे में जो टिप्पणी की है उसे जानना चाहिए। वॉल स्ट्रीट जनरल ने लिखा कि यह एक ऐसा आयोजन था जहां अमेरिका की कुल आबादी से ज्यादा लोग जुटे। बीबीसी ने लिखा, महाकुंभ मानवता का सबसे बड़ा समागम था। एक्सप्रेस ट्रिब्यून कहता है कि यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समारोह रहा। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि इस महाआयोजन में न केवल श्रद्धालु और पर्यटक, बल्कि नेता और हस्तियां भी पहुंची थीं। राइटर ने इसे डिजिटल कुम्भ बताया। इसमें व्यवस्था बनाने के लिए तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया था। गार्जियन ने कहा कि यह पर्वों का पर्व था, लोगों की उमंग और उत्साह चरम पर रहा। सीएनएन ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में 60 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए, यह आस्था की अभिव्यक्ति का शानदार नजारा है। यूनेस्को के डायरेक्टर टीम कर्टिस ने कहा कि यूनेस्को ने 2019 में कुम्भ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता दी। इससे पहले 1923 में इसके सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों की निगरानी की जा रही थी। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेला प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विश्व को एक नई दृष्टि प्रदान करता है। 

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