{"_id":"5ecb23b58ebc3e905528e5a8","slug":"corona-crisis-creates-trouble-for-business-associated-with-wedding-industry","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"शादियों के टलने से कई सेक्टर हो रहे प्रभावित, टेंट, कैटरर्स व गेस्ट हाउस वालों का बुरा हाल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
शादियों के टलने से कई सेक्टर हो रहे प्रभावित, टेंट, कैटरर्स व गेस्ट हाउस वालों का बुरा हाल
नरेश शर्मा, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Mon, 25 May 2020 03:21 PM IST
विज्ञापन
1 of 8
प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
Link Copied
वैवाहिक समारोहों में अधिकतम 20 लोगों के ही शामिल होने की बंदिश का असर गेस्ट हाउस, टेंट, कैटरर्स, बैंड-बाजा की बुकिंग पर पड़ी है। कारोबारियों के आंकड़ों के मुताबिक मई और जून में 40 फीसदी तक बुकिंग कैंसिल हो गई। ज्यादातर लोग लॉकडाउन खत्म होने के बाद शादी करने का फैसला कर रहे हैं। कारोबारियों का अनुमान है कि गेस्ट हाउस, टेंट, कैटरर्स, बैंड-बाजा से ही जुडे़ ढाई लाख लोगों की रोजी-रोटी छिन गई है।
Trending Videos
2 of 8
विजय कुमार।
- फोटो : amar ujala
कारोबारियों का सवाल...हमारा क्या होगा?
बरातियों की तादाद बढ़ाई जाए
उत्तर प्रदेश आदर्श टेंट एवं कैटरर्स व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कुमार बताते हैं कि 2000 से अधिक टेंट कारोबारी दो माह से बेकार बैठे हैं। इनसे जुड़े लगभग 60,000 कामगार बेरोजगार हो गए हैं। कारीगर सब्जी बेच रहे हैं तो मजदूर फेरी लगाकर अपने परिवार के लिए रोटी का जुगाड़ कर रहे हैं। विजय कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बरातियों-घरातियों की तादाद बढ़ाकर 200 करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि वर और वधू पक्ष के कम से कम सौ-सौ लोग तो शामिल हो सकें, इसकी छूट दी जाए।
विज्ञापन
विज्ञापन
3 of 8
मुदित तांगरी।
- फोटो : amar ujala
सवा लाख की रोजी-रोटी पर पड़ा असर
उत्तर प्रदेश टेंट एवं कैटरर्स व्यापारी एसोसिएशन के महासचिव मुदित तांगरी बताते हैं कि शादी समारोहों में वर-वधू पक्ष से कुल 20 लोगों के ही शामिल होने की शर्त से कैटरिंग से जुड़े लगभग सवा लाख लोगों की रोजी रोटी पर असर पड़ा है। इनमें मालिक, कारीगर, मजदूर सब शामिल हैं। मुदित के अनुसार 500 बरातियों के खाने की एक बुकिंग पर कम से कम 50 लोगों को रोजगार मिलता था, जो अब बंद है।
4 of 8
सचिन कुमार।
- फोटो : amar ujala
बैंड वालों के पास काम नहीं
नरही के बैंड-बाजा संचालक सचिन कुमार बताते हैं कि लॉकडाउन से शहर के सभी बैंड वालों की हालत पतली हो गई। डेढ़ हजार से ज्यादा बैंड-बाजा संचालक दो माह से घर में बैठे हैं। इनसे जुड़े 45,000 से अधिक लोगों के पास कोई काम नहीं है। एक बैंड की बुकिंग में औसतन 30 को काम मिलता है, जो लाइट उठाने से लेकर बैंड बजाते थे। पर, अब सब बेकार पड़े हैं।
विज्ञापन
5 of 8
रवि कुमार तुली।
- फोटो : amar ujala
कर्मचारियों का वेतन कहां से दें?
फैजाबाद रोड स्थित एक गेस्ट हाउस से जुड़े रवि कुमार तुली बताते हैं कि लखनऊ में 2500 से अधिक गेस्ट हाउस, मैरिज लॉन हैं। इनसे 10,000 से अधिक परिवारों की रोटी चलती है। एक गेस्ट हाउस में एक मैनेजर, 2 गार्ड, दो स्वीपर, एक केयरटेकर और एक इलेक्ट्रिशियन तो रहता ही रहता है। अप्रैल-मई में शादियां हुईं नहीं और अब समारोह में संख्या सीमित होने से जून की उम्मीदों पर भी पानी फिर रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को कहां से वेतन दें? सरकार ने अपने फैसले में बदलाव नहीं किया तो गेस्टहाउस मालिकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई हो जाएगी।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।