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कफ सिरप: तस्करी के लिए जुटाए गए नकली आधार और अनुभव प्रमाण पत्र, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल से जुड़े तार

अशोक मिश्रा, अमर उजाला ब्यूरो लखनऊ Published by: रोहित मिश्र Updated Thu, 25 Dec 2025 10:34 AM IST
सार

Cough syrup scandal in UP: नशीले कफ सिरप की तस्करी करने वाले सिंडिकेट की जांच कर रही एसआईटी के हाथ अहम सुराग लगे हैं। इसके तार कई दूसरे राज्यों से भी जुड़ रहे हैं। 

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Cough syrup: Fake Aadhaar and experience certificates used for smuggling, links to Tripura and West Bengal
यूपी कफ सिरप कांड। - फोटो : अमर उजाला।
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नशीले कफ सिरप की तस्करी करने वाले सिंडिकेट की जांच कर रही एसआईटी के हाथ अहम सुराग लगे हैं। एसआईटी को जानकारी मिली है कि त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में बीते दिनों बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर द्वारा पकड़ी गई कफ सिरप और शुभम जायसवाल की शैली ट्रेडर्स को बेची गई सिरप का बैच नंबर एक ही है। यह सुराग मिलने पर एसआईटी ने शुभम समेत सिंडिकेट के सभी सदस्यों पर शिकंजा कसने के लिए सभी विवेचकों से एक हफ्ते में फर्मों और कंपनियों के बीच हुए लेन-देन का ब्योरा मांगा है।

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सूत्रों की मानें तो जांच में सामने आया है कि शुभम जायसवाल ने अपने करीबियों की फर्मों के नाम पर खरीदी गईं कफ सिरप की सारी बोतलों को बांग्लादेश भेजने के लिए पूर्वोत्तर के राज्यों में भेज दिया था। अभी तक एक भी बोतल किसी फुटकर कारोबारी को बेचने के प्रमाण नहीं मिले हैं। यह भी सामने आया है कि विदेश भेजे गए सिरप का भुगतान कुछ फर्जी कंपनियों के जरिए वापस मंगाया गया है। एसआईटी ने विवेचकों से इसकी गहनता से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है ताकि जिन कंपनियों के जरिए डायवर्जन कर सिंडिकेट को भुगतान किया गया, उसका खुलासा किया जा सके। इसके लिए एसआईटी विशेष टीम भी गठित करेगी, जो रकम का ट्रांजेक्शन करने वाली शेल कंपनियों का पता लगाएगी।

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शुभम के पास कहां से आए 312 करोड़ रुपये

वहीं दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में सामने आया है कि शुभम जायसवाल ने कफ सिरप की 2.24 करोड़ बोतलें खरीदने के लिए एबॉट फार्मास्युटिकल्स को 312 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह रकम शुभम के पास कहां से आई थी, ईडी इसकी गहनता से जांच कर रहा है। इसके लिए शुभम जायसवाल के साथ संबंधित थोक व्यापारियों, फर्मों आदि के खातों को खंगाला जा रहा है। यह आशंका भी जताई जा रही है कि यह रकम एक माफिया ने शुभम को दी थी।

रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू
वहीं दूसरी ओर एसआईटी ने विदेश भाग चुके शुभम जायसवाल समेत कई आरोपियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एसआईटी सीबीआई के जरिये इंटरपोल को आरोपियों की फोटो, वारंट आदि का ब्याेरा भेजकर तलाश कराएगी। बता दें कि अब तक 12 फरार आरोपियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी हो चुका है।

बनवाया नकली आधार कार्ड 

 नशीले कफ सिरप की तस्करी करने वाले वाराणसी के शुभम जायसवाल की करतूतों का जांच में लगातार खुलासा होता जा रहा है। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि उसने कफ सिरप की तस्करी के लिए रांची में अपना फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया था। इसकी मदद से उसने रांची में शैली ट्रेडर्स फर्म और बैंक खाता खोला था। जांच में ये भी पता चला है कि शैली ट्रेडर्स द्वारा एबॉट फार्मास्युटिकल्स कंपनी से खरीदी गईं कफ सिरप की बोतलें सीधे पूर्वोत्तर के राज्यों में तस्करी के लिए भेजी जा रही थीं।

वहीं दूसरी ओर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की जांच में सामने आया है कि सिरप की बिक्री दिखाने के लिए जिन फर्जी फर्मों को खोला गया था, उसका ड्रग लाइसेंस हासिल करने के लिए फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाए गए थे। ये फर्में शुभम ने अपने सगे-संबंधियों के नाम पर खोली थीं, जबकि उनका संचालन वह खुद करता था। इसमें वाराणसी का चार्टर्ड अकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल खातों में हेराफेरी कर सिरप की बिक्री और लेन-देन दर्शान का फर्जीवाड़ा अंजाम दे रहा था। इसी तरह बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और वाराणसी के अमित सिंह टाटा ने भी धनबाद में फर्जी फर्में खोलकर सिरप की तस्करी में शुभम का साथ दिया था। इसमें भी फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र का सहारा लिया गया था।

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