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कफ सिरप कांड: ईडी ने दर्ज किया मनी लांड्रिंग का केस, शुभम जायसवाल के बनारस स्थित घर में चस्पा की गई नोटिस
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Wed, 03 Dec 2025 01:31 PM IST
सार
नशीले कफ सिरप की तस्करी मामले में ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर आरोपी शुभम जायसवाल के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया है।
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मनी लांड्रिंग का केस दर्ज व शुभम जायसवाल के घर के बाहर नोटिस चस्पा।
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
नशीले कफ सिरप की तस्करी मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बुधवार को मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं, फरार आरोपी शुभम जायसवाल के वाराणसी स्थित घर में नोटिस चस्पा कर दिया गया है।
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बता दें कि शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह को दुबई की सैर कराने वाले जौनपुर के विकास सिंह विक्की ही पूर्व ब्यूरोक्रेट सिंडीकेट की काली कमाई को रियल एस्टेट में निवेश कर रहा था। सूत्रों की मानें तो एक पूर्व ब्यूरोक्रेट ने विकास के जरिये लखनऊ स्थित सुल्तानपुर रोड पर कई बेशकीमती संपत्तियां खरीदी हैं। ईडी इसकी जांच शुरू कर चुकी है।
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इसके पहले, नशीले कफ सिरप सिंडीकेट के अहम सदस्य बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को यूपी एसटीएफ ने मंगलवार सुबह गोमतीनगर विस्तार स्थित प्लासियो मॉल के पास से गिरफ्तार कर लिया। आलोक सिंह, पूर्व सांसद व पूर्वांचल के बाहुबली धनंजय सिंह का करीबी है। एसटीएफ की टीम उससे पूछताछ कर रही है।
एसटीएफ ने मूल रूप से चंदौली व लखनऊ स्थित सुल्तानपुर रोड के पास रहने वाले आलोक सिंह के खिलाफ सोमवार को लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। हालांकि आलोक ने अदालत में आत्मसमर्पण की अर्जी दी थी। इस पर अदालत ने पुलिस से आख्या मांगी थी। इस मामले के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के साथ अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह सिंडीकेट का संचालन कर रहे थे। तीनों ही धनंजय सिंह के खास बताए जाते हैं। धनंजय सिंह के साथ उनकी तमाम फोटो और वीडियो एजेंसियों के लिए जांच का सबब बनती जा रही हैं। अब एसटीएफ इस सिंडीकेट के बाकी सदस्यों को तलाश रही है।