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कफ सिरप कांड: धनंजय का करीबी बनने के बाद पूर्वांचल के अंडरवर्ल्ड में आलोक ने बनाई पैठ, बढ़ता ही गया दौलत-रसूख

अशोक मिश्रा, अमर उजाला, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Wed, 03 Dec 2025 09:24 AM IST
सार

सटीएफ से बर्खास्त होने के बाद आलोक सिंह सांसद धनंजय सिंह का गनर बना और फिर पूर्वांचल में माफियाओं के बीच अपनी पैठ बनाता गया। अब गिरफ्तारी के बाद वह ईडी समेत कई एजेंसियों के निशाने पर आ गया है। 
 

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Cough syrup scandal: After becoming close to Dhananjay, Alok made inroads into the Purvanchal underworld
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
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एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह ने नशीले कफ सिरप सिंडीकेट का हिस्सा बनने के बाद करोड़ों रुपये की संपत्तियां अर्जित की हैं। पुलिस सेवा से बर्खास्त होने के बाद वह पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह का गनर बना। इसके बाद पूर्वांचल के अंडरवर्ल्ड में उसकी पैठ गहरी होती गई। पुलिस में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर वह शराब, खनन और नशीले कफ सिरप के कारोबार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाता गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे संरक्षण देने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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आलोक के बढ़ते रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने लखनऊ स्थित सुल्तानपुर रोड पर धनंजय सिंह के घर के सामने महलनुमा घर बनवाया है, जिसकी कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है। वह कई लग्जरी एसयूवी के साथ धनंजय सिंह के साथ चलता है। जौनपुर में वोटर लिस्ट में धनंजय सिंह और आलोक सिंह के घर पर पता एक ही दर्शाया गया है।
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सूत्रों की मानें तो आलोक सिंह पूर्व सांसद का दाहिना हाथ माना जाता है। अब गिरफ्तारी के बाद वह ईडी समेत कई एजेंसियों के निशाने पर आ गया है। एसटीएफ उसकी फर्मों के जरिये हुए नशीले कफ सिरप के कारोबार की कड़ियों को जोड़ रही है। उसकी फर्मों से एक करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ है। इसके अलावा तमाम फर्जी फर्मों के जरिये भी करोड़ों रुपये के नशीले कफ सिरप की तस्करी की गई है।

पहले भी विवादों में रहा
आलोक पहले भी कई मामलों में विवादों के घेरे में रह चुका है। उसे करीब 20 साल पहले सोना लूट कांड में बर्खास्त किया गया था, हालांकि बाद में वह केस से बरी हो गया। बर्खास्तगी के बाद भी पुलिस में उसका रसूख कम नहीं हुआ। सूत्रों की मानें तो वह पूर्वांचल के अंडरवर्ल्ड को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को कई अहम सूचनाएं देता रहता था। इसकी वजह से पुलिस भी उस पर कार्रवाई नहीं करती थी। कई माफिया और अपराधियों को पुलिस की कार्रवाई से बचाने की वजह से भी अंडरवर्ल्ड में उसका प्रभाव बढ़ता जा रहा था।

तिकड़ी का सीधा कनेक्शन
इस प्रकरण में पूर्व सांसद धनंजय सिंह का तीन आरोपियों से सीधा संबंध होना है। शुभम सिंह, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह, पूर्व सांसद के सर्वाधिक करीबियों में शुमार किए जाते हैं। हालांकि पुलिस अधिकारी, पूर्व सांसद की भूमिका की जांच करने से कतरा रहे हैं। आलोक, धनंजय सिंह के साथ रहने वाले एक एमएलसी का भी करीबी है। सूत्रों के मुताबिक पूर्वाचल के कई माफिया भी आलोक के जरिये शुभम से अपना हिस्सा ले रहे थे।

विकास काली कमाई करता है निवेश
शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह को दुबई की सैर कराने वाले जौनपुर के विकास सिंह विक्की ही पूर्व ब्यूरोक्रेट सिंडीकेट की काली कमाई को रियल एस्टेट में निवेश कर रहा था। सूत्रों की मानें तो एक पूर्व ब्यूरोक्रेट ने विकास के जरिये लखनऊ स्थित सुल्तानपुर रोड पर कई बेशकीमती संपत्तियां खरीदी हैं। ईडी ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

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