सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Lucknow News ›   UP: Pain relievers are in distress, caught between the AYUSH and Medical and Health departments.

UP: दर्द की दवा करने वाले डॉक्टर बेहाल, आयुष और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के बीच खुद ही पिस रहे

चंद्रभान यादव, अमर उजाला, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Wed, 03 Dec 2025 11:36 AM IST
सार

आयुर्वेद विधा के इन चिकित्साधिकारियों की नियुक्ति आयुष विभाग के अधीन होती है। आयुष विभाग नियुक्ति प्रस्ताव भेजता है और उप्र लोक सेवा आयोग से चयन होता है। प्रदेश में एमओसीएच के लगभग 1,678 पद हैं। इनमें करीब 600 पदों पर चिकित्साधिकारी कार्यरत हैं। 

विज्ञापन
UP: Pain relievers are in distress, caught between the AYUSH and Medical and Health departments.
प्रतीकात्मक तस्वीर। - फोटो : Freepik.com
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

उत्तर प्रदेश में मरीजों के दर्द की दवा करने वाले चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य (एमओसीएच) खुद ही दर्द से बेहाल हैं। दरअसल, ये चिकित्साधिकारी आयुष विभाग और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के बीच पिस रहे हैं। वे जिस पद पर भर्ती होते हैं और करीब 30 साल सेवा देते हैं, उसी पद से सेवानिवृत्त हो जाते हैं। ऐसे में ये चिकित्साधिकारी काफी समय से खुद को किसी एक विभाग के अधीन करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

Trending Videos


प्रदेश में एमओसीएच के लगभग 1,678 पद हैं। इनमें करीब 600 पदों पर चिकित्साधिकारी कार्यरत हैं। आयुर्वेद विधा के इन चिकित्साधिकारियों की नियुक्ति आयुष विभाग के अधीन होती है। आयुष विभाग नियुक्ति प्रस्ताव भेजता है और उप्र लोक सेवा आयोग से चयन होता है। चयन के बाद आयुष विभाग इन चिकित्साधिकारियों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन भेज देता है। मुख्य चिकित्साधिकारी इन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर तैनाती देते हैं। प्रत्येक पीएचसी पर एलोपैथ और आयुर्वेद के एक-एक चिकित्साधिकारी तैनात होते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें - सेवा अवधि में कमाए 2.23 करोड़ रुपये, खर्च किए 4.70 करोड़...सीएंडडीएस के पूर्व सीजीएम के खिलाफ केस दर्ज

ये भी पढ़ें - संपत्तियों का ब्योरा न देने वाले राज्य कर्मियों को नहीं मिलेगी पदोन्नति, सभी विभागाध्यक्ष को कड़े निर्देश जारी


बाद में एलोपैथ वाले चिकित्साधिकारी अपने विभाग में प्रोन्नति पाते हुए निदेशक और महानिदेशक तक पहुंच जाते हैं। जबकि आयुष विभाग के अधीन एमओसीएच पद पर भर्ती होने वाले ये चिकित्साधिकारी, इसी पद से सेवानिवृत्त हो जाते हैं। कई चिकित्साधिकारी 30 से 35 वर्ष की सेवा बाद के भी प्रोन्नति नहीं पा सके हैं। इससे इन चिकित्साधिकारियों में काफी आक्रोश है। नतीजतन, अब भर्ती को लेकर भी उत्साह खत्म हो रहा है।

दिखवा रहे हैं यह प्रकरण
प्रमुख सचिव आयुष रंजन कुमार का कहना है कि प्रकरण संज्ञान में है। दिखवा रहे हैं। अभी तक क्यों नहीं हो पाया, इस पर भी विचार किया जा रहा है। कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा ताकि सभी चिकित्साधिकारियों को समय-समय पर पदोन्नति का लाभ मिल सके।

वीआईपी से लेकर इमरजेंसी ड्यूटी तक
मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन कार्यरत एमओसीएच मरीजों के उपचार के साथ ही तमाम अन्य कार्य भी करते हैं। इन्हें वीआईपी से लेकर इमरजेंसी ड्यूटी तक की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। सीएमओ कार्यालय के अधीन आने वाले अन्य विभागीय जिम्मेदारी भी दी जाती है। पर, जब प्रोन्नति की बारी आती है तो इन्हें आयुष विभाग के जिम्मे छोड़ दिया जाता है। उधर, आयुष विभाग इन चिकित्साधिकारियों को लेकर गंभीर नहीं है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed