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UP: सीएम योगी की सख्ती के बाद बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों पर कसा शिकंजा, डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्देश

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Wed, 03 Dec 2025 12:32 PM IST
सार

उत्तर प्रदेश से बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को निकालने के लिए एक्शन शुरू हो गया है। इसके लिए नगर निकायों को सूची बनाकर आईजी और कमिश्नर को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

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Major crackdown on Bangladeshi-Rohingya infiltrators begins in UP
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। - फोटो : amar ujala
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उत्तर प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में 17 नगर निकायों को निर्देश दे दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि नगर निकायों में काम करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की सूची बनाएं और कमिश्नर व आईजी को सौपें।

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कमिश्नर व आईजी को प्रथम चरण में डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्देश दिया गया है। ये डिटेंशन सेंटर प्रदेश के हर मंडल में बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद अधिकारी एक्शन में आ गए हैं।
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दिल्ली की तर्ज पर बनेंगे डिटेंशन सेंटर
उत्तर प्रदेश में से विदेशी घुसपैठियों को बाहर करने के लिए दिल्ली की तर्ज पर जिलों में डिटेंशन सेंटर बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद कई कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उनको वापस भेजने की प्रक्रिया पूरी होने तक डिटेंशन सेंटर में रखने के लिए जगह तलाशी जा रही हैं। शासन के निर्देश पर जिलों में खाली सरकारी इमारतों, सामुदायिक केंद्र, पुलिस लाइन, थाने आदि चिन्हित किए जा रहे हैं, जहां घुसपैठियों को कड़ी सुरक्षा में रखा जा सके।

डिटेंशन सेंटरों पर खाने-पीने और इलाज की भी सुविधा

दिल्ली में करीब 18 डिटेंशन सेंटर चल रहे हैं, जिनमें तकरीबन 1500 विदेशी नागरिकों को कड़ी सुरक्षा बंदोबस्त में रखा गया है। इनमें अवैध रूप से सीमा पार करके आए बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अफ्रीकी मूल के देशों के नागरिक हैं।

बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों द्वारा भारतीय नागरिकता के दस्तावेज बनवा लेने की वजह से उनका सत्यापन कराया जा रहा है। डिटेंशन सेंटरों पर खाने-पीने, इलाज की सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम भी रहता है। तत्पश्चात एफआरआरओ (फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस) के जरिए उनको वापस भेजने की प्रक्रिया की जाती है। तमाम राज्यों में पकड़े गए घुसपैठियों को पश्चिम बंगाल और असम में बीएसएफ की मदद से वापस भेजा जाता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी मानक संचालन प्रक्रिया भी सभी राज्यों को भेजी है, जिसके बाद अब यूपी में भी अन्य राज्यों की तरह डिटेंशन सेंटर बनाए जाएंगे। इनके प्रबंधन और सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और पुलिस की होगी। इसके अलावा पकड़े गए घुसपैठियों की जानकारी गृह विभाग को रोजाना देनी होगी।

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