बुंदेलखंड में फर्जीवाड़ा: चुपके से ली बीमा की रकम, एमपी के लोगों ने यूपी में कराया इंश्योरेंस; जानें सच...
बुंदेलखंड में फसल बीमा घपले से हड़कंप मचा है। वन, नदी और रेलवे की जमीन पर फर्जी पालिसी लेकर करोड़ों का क्लेम किया गया। एफआईआर के बाद कई आरोपी फरार हैं। कृषि विभाग ने जांच तेज कर दी है और दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी है।
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लखनऊ में बुंदेलखंड में वन विभाग, नदी और रेलवे की जमीन पर बीमा लेने वाले वसूली और जेल जाने के डर से दहशत में हैं। हालांकि अब भी 30 से 65 पालिसी लेकर करोड़ों रुपये डकारने वालों से वसूली करना प्रशासन के लिए चुनौती साबित हो रहा है। महोबा में बघौरा में कई महिलाओं ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिये लाखों रुपये का क्लेम लिया है। यहां बाहरी व्यक्ति के पहुंचते ही उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगती हैं। यहां मिली सुनीता से जैसे ही रजनी का नाम पूछा तो वह जवाब देती है कि इस नाम का घर में कोई है ही नहीं।
झांसी के सिमरधा निवासी रिंकिल ने डगरवाह की बंजर जमीन पर 1.04 लाख की बीमा क्लेम लिया है। इसी तरह डंगरवाह में ही खाता संख्या 458 की जमीन देवेंद्र गुप्ता, धनीराम, मुदित सहित 17 लोगों के नाम दर्ज है।
इस पर पूनम देवी ने 1.07 लाख और पूनम के पति रामजी तिवारी ने 1.07 लाख रुपया बीमा ले लिया। इन दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो गई है। ऐसे में पूनम ने घर छोड़ दिया है। रिपोर्ट दर्ज होने वाले में 1.09 लाख का क्लेम लेने वाले राममूर्ति भी शामिल हैं।
गांव के लोगों ने बताया कि दो दिन से वे भी घर छोड़कर कहीं चले गए हैं। इन गांवों में गाड़ी रुकते ही लोग तितर बितर होने लगते हैं। बीमा लेने वाले परिवार के लोग बातचीत में कोई न कोई बहाना बताते हैं। सफाई देते हैं कि उनके खाते में रकम गलती से गई है। यह भी कहते हैं कि खाते में आए रुपये तो खर्च हो गए हैं।
एमपी के लोगों ने यूपी में कराया बीमा, प्रशासन के सामने चुनौती
महोबा जिले में बीमा पालिसी का खेल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सागर निवासी आर्यन ने सिजवाहा गांव की जमीन पर 65 पालिसी ली है। उसने इन पालिसी के जरिए 3.40 लाख रुपये का क्लेम लिया।
इसी तरह सागर के खुरई निवासी दीप्ति ने सिजवाहा गांव की जमीन पर 34 पालिसी लेकर 3.37 लाख का क्लेम लिया है। कुछ ऐसे ही अन्य केस भी हैं, जो मध्य प्रदेश के आकर यहां थोक में पालिसी लिए और क्लेम लेकर चले गए। इनके बैंक खाते में भी मध्य प्रदेश में ही हैं। इन पर रिपोर्ट तो दर्ज हो गई है, लेकिन इनसे रकम वसूलने की चुनौती है।
कृषि निदेशक ने तलब की रिपोर्ट
महोबा के बाद झांसी और ललितपुर में फसल बीमा घपले की खबरें प्रकाशित होने के बाद कृषि विभाग सक्रिय हो गया है। पहले जहां महानिदेशालय घपले की बात से इनकार कर रहा था, वहीं अब सभी जिलों से रिपोर्ट मंगाई जा रही है। कृषि निदेशक डा. पंकज त्रिपाठी का कहना है कि बुंदेलखंड के सभी जिलों की निगरानी के लिए महानिदेशालय में एक सेल का गठन कर लिया गया है। यह सेल खबरों में दिए गए तथ्यों की पड़ताल भी कर रहा है।
संबंधित जिलों के जिला कृषि अधिकारियों से रिपोर्ट मंगाई जा रही है। अब तक हुई कार्रवाई के बारे में भी रिपोर्ट तलब की गई है। रबी 2025 की सभी पालिसी की जांच की जा रही है। जिन पालिसी में किसी तरह की की खामी मिल रही है, उसे अलग कराया जा रहा है। कोशिश है कि गलत तरीके से कोई भी बीमा क्लेम न लेने पाए। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि विभाग के किसी अधिकारी और कर्मचारी की संलिप्तता मिली तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महोबा डीएम ने शासन को भेजी रिपोर्ट
फसल बीमा में हुए घपले की रिपोर्ट महोबा की जिलाधिकारी ने शासन को भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक इसमें घपले के तरीके, घपले में शामिल लोगों की सूची, राजस्व, कृषि विभाग और बीमा कंपनी की मिलीभगत के विभिन्न तथ्यों को शामिल किया गया है।
इन तथ्यों के आधार पर राजस्व विभाग और कृषि विभाग अपने- अपने विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि महोबा जिले के कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर शासन स्तर से गाज गिरनी तय है।
