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दिव्यांग को प्रोन्नति न देने के मामले पर हाईकोर्ट नाराज, कहा फैसला भेदभाव पूर्ण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला लखनऊ
Published by: Amulya Rastogi
Updated Wed, 22 May 2019 09:45 PM IST
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Lucknow High Court
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने समाज कल्याण निगम (अब राज्य इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कॉर्पोरेशन) में दिव्यांग कर्मचारी को प्रोन्नति न दिए जाने पर नाराजगी जताई है जबकि निगम में दिव्यांग से जूनियर कर्मचारियों को प्रोन्नति दे दी गई थी। कोर्ट ने इसे भेदभाव पूर्ण बताया। लगभग 26 साल की कानूनी लड़ाई के बाद दिव्यांग कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद कोर्ट से राहत मिल सकी है।
आंशिक रूप से मूक-बधिर (दिव्यांग) याची ध्रुव नारायण त्रिपाठी वर्ष 1981 में असिस्टेंट ग्रेड-3 के पद पर सेवा में आया था। उसने याचिका में कहा कि विभाग के प्रबंध निदेशक ने उसे असिस्टेंट ग्रेड-2 में इसलिए प्रोन्नति नहीं दी, क्योंकि वह दिव्यांग था जबकि वरिष्ठता सूची में उससे कनिष्ठ कर्मियों को प्रोन्नति दे दी गई। वहीं, ध्रुव को बाद में वरिष्ठ पद का वेतनमान दिया गया, लेकिन यह आदेश कनिष्ठ कर्मचारियों के प्रोन्नति आदेश के बाद किया गया।

आंशिक रूप से मूक-बधिर (दिव्यांग) याची ध्रुव नारायण त्रिपाठी वर्ष 1981 में असिस्टेंट ग्रेड-3 के पद पर सेवा में आया था। उसने याचिका में कहा कि विभाग के प्रबंध निदेशक ने उसे असिस्टेंट ग्रेड-2 में इसलिए प्रोन्नति नहीं दी, क्योंकि वह दिव्यांग था जबकि वरिष्ठता सूची में उससे कनिष्ठ कर्मियों को प्रोन्नति दे दी गई। वहीं, ध्रुव को बाद में वरिष्ठ पद का वेतनमान दिया गया, लेकिन यह आदेश कनिष्ठ कर्मचारियों के प्रोन्नति आदेश के बाद किया गया।
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न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने सुनवाई के बाद कहा कि प्रोन्नति के आदेश में भेदभाव किया गया है, जो संविधान की मंशा के अनुरूप नहीं है। याची दिव्यांग है और वह उच्च पद पर संतोषजनक सेवा नहीं दे पाएगा, इस आशंका पर उसे प्रोन्नति न दिया जाना मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।
कोर्ट ने कहा कि विभाग की तरफ से पेश वकील ने भी याची से कनिष्ठ कर्मचारियों को प्रोन्नति दिए जाने और याची के दिव्यांग होने की वजह से उसे प्रोन्नति का लाभ न दिए जाने की बात स्वीकार की है।
कोर्ट ने इस प्रकरण में लंबा अरसा बीतने और याची की सुनवाई के दौरान सेवानिवृत्त होने की वजह से ध्रुव को सेवानिवृत्ति बाद मिलने वाले देयों को प्रोन्नति की स्थिति में दिए जाने वाले लाभ के समान दिए जाने का आदेश दिया। अदालत ने विभाग के अधिकारियों को छह माह के भीतर इस आदेश की अनुपालना करने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने कहा कि विभाग की तरफ से पेश वकील ने भी याची से कनिष्ठ कर्मचारियों को प्रोन्नति दिए जाने और याची के दिव्यांग होने की वजह से उसे प्रोन्नति का लाभ न दिए जाने की बात स्वीकार की है।
कोर्ट ने इस प्रकरण में लंबा अरसा बीतने और याची की सुनवाई के दौरान सेवानिवृत्त होने की वजह से ध्रुव को सेवानिवृत्ति बाद मिलने वाले देयों को प्रोन्नति की स्थिति में दिए जाने वाले लाभ के समान दिए जाने का आदेश दिया। अदालत ने विभाग के अधिकारियों को छह माह के भीतर इस आदेश की अनुपालना करने के निर्देश दिए।