लखनऊ: दिसंबर से गृहकर और जलकर का होगा एक ही बिल, नहीं लगाने होंगे अलग-अलग ऑफिसों के चक्कर
House Tax in Lucknow: लखनऊ में दिसंबर से गृहकर और जलकर का एक ही बिल होगा। इसके लिए सिस्टम ने अलग सॉफ्टवेयर तैयार किया है।
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दिसंबर से शहरवासियों को गृहकर और जलकर का बिल जमा करने के लिए अलग-अलग ऑफिसों में नहीं जाना पड़ेगा। एनआईसी (नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर) ने इसके लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसकी सिक्योरिटी ऑडिट का काम चल रहा है। जल्द ही उपयोग भी शुरू हो जाएगा। इस नई सुविधा से करीब साढ़े पांच लाख भवनस्वामियों को फायदा होगा।
शासन ने करीब 15 वर्ष पहले जल संस्थान का नगर निगम में विलय कर दिया था। इसके बाद जल संस्थान नगर निगम का एक विभाग बन गया। इसे जलकल नाम दिया गया, लेकिन इससे कोई खास अंतर नहीं आया। दोनों का कामकाज पहले की तरह अलग-अलग चलता रहा। जलकल में महाप्रबंधक का शासन चलता है और उसका अपना अलग बजट भी है। जलकर और सीवर कर की वसूली भी जलकल विभाग खुद ही कराता है। उसका बिल भी अलग ही जारी किया जाता है।
विलय की कमियों को दूर कर गृहकर और जलकर का बिल एक करने के लिए पहले कई बार कागजी कवायद हो चुकी है, मगर शासन स्तर पर ठोस पहल न होने से इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। करीब छह महीने पहले शासन ने गृहकर और जलकर का बिल एक करने का नया आदेश जारी किया, जिसके बाद एनआईएसी ने दोनों विभागों का डेटा मैचकर सॉफ्टवेयर तैयार किया है।
साढ़े पांच लाख से जलकर, साढ़े सात लाख से गृहकर
जलकल महाप्रबंधक कुलदीप सिंह ने बताया कि उनका विभाग करीब साढ़े पांच लाख भवनों से जलकर व सीवर कर वसूलता है। इन भवनों को नगर निगम के गृहकर रिकॉर्ड में दर्ज भवनों से मैच किया गया, क्योंकि जलकल उन्हीं भवनों से जलकर लेता है, जिसके 100 मीटर के दायरे में पानी या सीवर की लाइन मौजूद हो। जिन इलाकों में यह सुविधा नहीं है, वहां जलकर नहीं लिया जाता। दूसरी ओर, नगर उन सभी घरों से गृहकर लेता है, जो उनकी सीमा में हैं। इनकी संख्या करीब साढ़े सात लाख है। सिर्फ उन्हीं भवनों को छूट है जो सीमा विस्तार के बाद दायरे में आए हैं और वहां अभी पानी, सड़क और स्ट्रीट लाइट की सुविधा नहीं है।
एक बिल होने से होंगे ये फायदे
- भवनस्वामी को नामांतरण कराने के लिए दोनों विभागों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- जलकल विभाग को जलकर वसूली के लिए अपने कर्मचारी नहीं लगाने पड़ेंगे।
- अभी जलकल विभाग अलग-अलग महीनों में बिल जारी करता है। नई व्यवस्था में एक साथ ही बिल जारी होंगे।
- गृहकर में संशोधन होने पर जलकर में संशोधन नहीं कराना पड़ेगा।