Lucknow : पावर कॉर्पोरेशन अध्यक्ष डॉ. का बड़ा बयान, बोले-बिजली पेंशनर्स को मीटर तो लगवाना ही पड़ेगा
पावर कॉर्पोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने स्पष्ट किया कि सरकारी आदेश के तहत सभी बिजली पेंशनर्स को स्मार्ट मीटर लगवाना अनिवार्य है और उनकी सुविधाएं जारी रहेंगी। अधिवेशन में मेडिकल बिल कटौती को लेकर पेंशनर्स ने नाराजगी जताई। प्रबंधन ने समस्याओं के समाधान के लिए जल्द बैठक का आश्वासन दिया।
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सरकार के नीतिगत फैसल के तहत सभी उपभोक्ताओं के परिसरों पर स्मार्ट मीटरों को लगाने की मुहिम चल रही है। उपभोक्ताओं की श्रेणी में बिजली पेंशनर्स भी जिनको भी मीटर तो लगवाना ही पड़ेगा। बिजली के मद में जिस कर्मचारी को सुविधा मिल रही वह मिलती रहेगी। यह बातें पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने कहीं।
डॉ. आशीष कुमार बुधवार को विद्युत पेंशनर्स परिषद के 37 वें वार्षिक अधिवेशन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। पेंशनर्स से भरे खचाखच भरे गांधी भवन सभागार में अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा कि करीब 75 हजार सेवानिवृत्तों के घरों में मीटर लगाने की दिशा में वह जो भी कर रहे वह सरकार का आदेश है। इस आदेश के तहत जो भी बिजली का उपभोग करेगा उसको मीटर तो लगवाना ही पड़ेगा।
उन्होंने कहा लखनऊ समेत प्रदेश भर में बिजली महकमे के पेंशनर्स के घरों में मीटर लगाए गए, मगर ऐसी तादाद कम है। उन्होंने पेंशनर्स से अनुरोध किया कि वह मीटर लगाने की मुहिम का विरोध न करें। इससे जो कठिनाई हो उसे मुझे बताएं। पेंशनर्स के बिजली एवं मेडिकल के बिल का भुगतान होता रहेगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि पेंशनर्स की जो उचित समस्या होती उसका प्राथमिकता पर निवारण हो रहा, और होता रहेगा।
अधिवेशन में पावर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि प्रमुख महासचिव कप्तान सिंह के द्वारा जो मांग पत्र सौंपा गया, जिस पर शीघ्र ही परिषद पदाधिकारियों के साथ एक बैठक करके उनके हल करने पर बातचीत की जाएगी। अधिवेशन में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने 80 साल और इससे अधिक उम्र के पेंशनर्स को अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
पेंशनर्स में मेडिकल बिल में कटौती से आक्रोश
अधिवेशन में मेडिकल बिल की धनराशि में कटौती किए जाने से पेंशनर्स में काफी आक्रोश दिखा। वक्ताओं ने गोरखपुर के पेंशनर्स जेई प्रशांत कुमार घोष का उदाकरण देते हुए कहा कि पेशमेकर लगवाने पर अस्पताल ने करीब तीन लाख रुपये का बिल बनाया। खंडीय कार्यालय ने इस बिल को जांच के बाद 1.22 लाख रुपये का कर दिया। पूर्वांचल निगम के एमडी ने उसका भुगतान महज 88 हजार रुपये किया। वक्ताओं ने कहा कि नोएडा के एक आई अस्पताल को पावर कॉर्पोरेशन पैनल में शामिल नहीं किया जा रहा, जिसमें आंखों का बेहतर उपचार होता है।