{"_id":"6811c06cd32e7cedaa0f5531","slug":"maha-kumbh-2025-many-deficiencies-were-found-in-the-arrangements-for-the-stay-and-food-of-the-artists-now-in-2025-04-30","type":"story","status":"publish","title_hn":"महाकुंभ 2025: कलाकारों के ठहरने व खानपान की व्यवस्था में मिली थीं कई तरह की कमियां, अब हो रही है जांच","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
महाकुंभ 2025: कलाकारों के ठहरने व खानपान की व्यवस्था में मिली थीं कई तरह की कमियां, अब हो रही है जांच
अक्षय कुमार, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: रोहित मिश्र
Updated Wed, 30 Apr 2025 11:47 AM IST
सार
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में विभिन्न तरह के कलाकारों के ठहरने और खानपास की व्यवस्था की गई थी। इस मामले में भी कई तरह की खामियां सामने आई हैं।
विज्ञापन
महाकुंभ टेंट सिटी।
- फोटो : अमर उजाला।
विज्ञापन
विस्तार
संस्कृति विभाग में वाद्य यंत्र या कलाकारों को लेकर एक नहीं कई स्तर पर खेल हुए हैं। कुछ की जांच चल रही है तो कुछ विभाग की ओर से दबाए गए हैं। महाकुंभ में कलाकारों को ठहरने के लिए टेंट सिटी व खानपान की व्यवस्था की गई थी। इसमें कमियों और अन्य अनियमितताओं को लेकर भी शिकायतें मिली हैं।
Trending Videos
महाकुंभ में उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (यूपीएसटीडीसी) की ओर से 200 और 300 कलाकारों के लिए अलग-अलग दो टेंट सिटी वेंडर से बनवाई गईं। इसमें कलाकारों के रहने के लिए डारमेट्री-कॉलेज व खानपान की व्यवस्था थी। यूपीएसटीडीसी के अनुसार इसे संस्कृति विभाग को कलाकारों को ठहराने के लिए दे दिया गया। वहीं हाल ही में संस्कृति विभाग की संयुक्त सचिव उमा द्विवेदी ने जारी शासनादेश में कहा है कि इसके लिए 4.88 करोड़ व 5.48 करोड़ के बजट की स्वीकृति दी जाती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
साथ ही यह भी कहा है कि यूपीएसटीडीसी को शर्त के साथ यह राशि दी जाएगी। शर्त के मुताबिक कॉटेज की व्यवस्था व अन्य अनियमितताओं के संबंध में मिली शिकायतों पर सम्यक कार्रवाई कर वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए संस्कृति विभाग केमंत्री के अनुमोदन के बाद भुगतान होगा। किंतु इस पर हुआ क्या इसकी जानकारी न तो यूपीएसटीडीसी को है और न ही संस्कृति निदेशालय को।
इस बारे में यूपीएसटीडीसी की एमडी सान्या छाबड़ा ने कहा कि इस तरह की कोई अनियमितता उनके संज्ञान में नहीं है। अगर विभाग की ओर से इसकी कोई जानकारी दी जाती है तो संबंधित वेंडर के भुगतान में कटौती की जाएगी। वहीं संस्कृति निदेशक विशाल सिंह ने कहा कि उन्होंने तो अभी कुछ दिन पहले ही कार्यभार ग्रहण किया है, इसलिए इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।