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69000 शिक्षक भर्ती: आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मंत्री का आवास घेरकर की नारेबाजी, दी आत्मदाह की चेतावनी

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Sat, 25 Oct 2025 06:48 PM IST
सार

69 हजार शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने राजधानी में मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव करके प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति को संभाला और सभी को ईको गार्डन भेज दिया।

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Reserved category candidates for 69,000 teacher recruitment staged protest in minister residence in Lucknow
प्रदर्शन करते शिक्षक अभ्यर्थी। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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राजधानी लखनऊ में शनिवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की। मौके पर मौजूद पुलिस ने सभी को फिर से ईको गार्डन भेज दिया। 

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69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण में भेदभाव को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी कई महीनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले भी वह मंत्री संदीप सिंह और डिप्टी सीएम केशव मौर्य के आवास का घेराव कर चुके हैं। प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट से हमारे पक्ष में फैसला आया है। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं। लेकिन, सरकार सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से हमारा पक्ष नहीं रख रही है।

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सामूहिक रूप से आत्मदाह की चेतावनी

इसी को लेकर धनंजय गुप्ता के नेतृत्व में अभ्यर्थी एक बार फिर मंत्री संदीप सिंह के आवास पहुंचे। वहां नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार सेकंड पार्टी है। वह हम लोगों का पक्ष मजबूती से रखे। अन्यथा हम सब लोग सामूहिक रूप से आत्मदाह करने के लिए मजबूर होंगे।  


हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया

प्रदर्शन कर रहे धनंजय गुप्ता, रवि पटेल, अमित मौर्य ने बताया कि यह भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2018 में शुरू हुई थी। इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया। लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद 13 अगस्त 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ की डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया। अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया। लेकिन, सरकार हीला हवाली करती रही। 

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि 28 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। हम लोग सरकार से निवेदन करते हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता भेजे। हमारे पक्ष में सुनवाई करा कर हमें न्याय दिलाए। अब तक लगभग 22 से अधिक तारीखें मिलीं, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। इससे सभी अभ्यर्थी परेशान हैं।

पुलिस ने अभ्यर्थियों को लखनऊ पहुंचने से रोका

शिक्षक भर्ती में शामिल अभ्यर्थी उमाकांत मौर्य ने बताया कि अम्बेडकर नगर से आ रहे अभ्यर्थियों को रात में पुलिस ने घर व रास्तों में ही रोक लिया। इससे लखनऊ में अभ्यर्थियों की संख्या कम रही। पुलिस कई अभ्यर्थियों को फोन करके उनकी जानकारी जुटाती रही। डर और भय के कारण भी कुछ अभ्यर्थी लखनऊ नहीं पहुंच पाए। अभ्यर्थियों का आरोप है कि पुलिस के माध्यम से उनके आंदोलन को सरकार कुचलने का प्रयास कर रही है।
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