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राज्य कर्मचारियों ने सातवें वेतन पर सीएम ऑफिस घेरा, सरकार ने दो मांगे मानी

ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ Updated Thu, 14 Jul 2016 01:06 PM IST
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state employees protest in front of chief minister office in Lucknow.
एनेक्सी के बाहर प्रदर्शन करते राज्य कर्मचारी - फोटो : amar ujala
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सातवें वेतन आयोग के विरोध, पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू करने सहित तमाम मांगों को लेकर एकत्र हुए राज्य कर्मचारियों ने बुधवार को जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा से एनेक्सी तक पैदल मार्च किया। गांधी टोपीधारी हजारों कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय (एनेक्सी) घेर लिया।

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शासन के किसी आला प्रतिनिधि से मिलने की मांग कर रहे कर्मचारियों ने एनेक्सी के अंदर घुसने की कोशिश की। रोकने पर एनेक्सी के सामने बैठकर प्रदर्शन किया जिससे पूरी सड़क जाम हो गई। वहां आधा घंटे तक प्रदर्शनकारी बैठे रहे। बाद में गृह सचिव मणिप्रसाद मिश्र ने कर्मचारी प्रतिनिधियों को अंदर बुलाकर मुख्य सचिव दीपक सिंघल से फोन पर बात कराई।
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मुख्य सचिव से शाम 4 बजे वार्ता का समय मिलने के बाद कर्मचारी सड़क से हटकर गांधी प्रतिमा के पास दोबारा जमा हो गए। कर्मचारी नेताओं ने एलान किया कि अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो 10 से 12 अगस्त तक हड़ताल करेंगे।

वार्ता के बाद प्रशासन ने उनकी दो मांगों को मंजूर करने की बात कही। एचआरए में बढ़ोतरी और कैशलेस इलाज की सुविधा का प्रस्ताव कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जाएगा।

इन मांगों को लेकर धरने पर बैठे

state employees protest in front of chief minister office in Lucknow.
कर्मचारियों को समझाते पुलिसकर्मी - फोटो : amar ujala

हजारों राज्य कर्मियों ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के पास इकट्ठा होकर धरना दिया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी के नेतृत्व में वे धरने पर बैठे।

कैशलेस इलाज, मकान किराये भत्ते को महंगाई भत्ते से जोड़ने, पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली, मोटरसाइकिल भत्ता देने जैसी मुख्य मांगों को लेकर जुटे प्रदेश भर के कर्मचारियों ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया।

तिवारी ने कहा, हम लंबे अर्से से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन हर बार राज्य सरकार हमें आश्वासन देकर टरका देती है। हमारी मांगें सरकार ने पहले ही मान ली हैं लेकिन आज तक आदेश जारी नहीं हुआ।

मुख्य सचिव से वार्ता का समय मिलने के बाद भी अध्यक्ष ने 3 दिनी हड़ताल करने की घोषणा की। राज्य कर्मचारियों के धरने को केंद्रीय कर्मचारियों का भी सर्मथन प्राप्त था। आयकर विभाग के जेपी सिंह ने कहा, हम राज्य कर्मचारियों के साथ हैं।

एनेक्सी के भीतर जाने की कोशिश

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बड़ी संख्या में कर्मचारी दोपहर करीब दो बजे नारे लगाते हुए लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) के सामने पहुंच गए। भारी पुलिस बल, सचिवालय और विधानसभा के  सुरक्षाकर्मी उन्हें समझाने-बुझाने में लग गए।

हल्की धक्का-मुक्की के बीच कुछ कर्मचारियों ने एनेक्सी के भीतर जाने की कोशिश की। मगर तत्काल गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र वहां पहुंच गए। उन्होंने कर्मचारी नेताओं से बात की और मुख्य सचिव दीपक सिंघल से उनकी फोन पर बात करवाई।

16 लाख कर्मचारियों को होगा लाभ
कर्मचारी नेता हरिकिशोर तिवारी के अलावा शिवबरन सिंह यादव, भूपेश अवस्थी, अतुल मिश्रा, यदुवीर सिंह ने मुख्य सचिव से मुलाकात की। मुख्य सचिव के साथ डीएम राजेशखर और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने स्पष्ट किया कि एचआरए में 20 फीसदी की बढ़ोतरी और कैशलेस इलाज की सुविधा देने का प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। इस फैसले से 16 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। बाकी मांगों के बारे में सरकार एक-एक कर हल निकालेगी।

प्रमुख मांगें जिन पर बनी सहमति

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-तदर्थ, वर्कचार्ज, दैनिक वेतन, अतिथि वक्ताओं की अवधि को जोड़कर पेंशन का लाभ देते हुए संबंधित विभाग से ही पेंशन स्वीकृत करने का मुद्दा।

-चतुर्थ श्रेणी पदों को मृत संवर्ग से हटाकर पुनर्जीवित करने और ग्रुप-डी की बंद भर्तियों से रोक हटाना।

-नई पेंशन व्यवस्था समाप्त करते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने और रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित भुगतान।

-राज्य कर्मियों को 8,16 व 20 वर्षों की कुल सेवा के आधार पर तीन पदोन्नति पर ग्रेड वेतन।

-फील्ड  कर्मचारियों को मोटरसाइकिल भत्ता।

इन मांगों पर नहीं बनी सहमति

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- केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले सभी भत्तों के समान राज्य कर्मियों को भी भत्ता।

-घाटे के लिए जिम्मेदार मानते हुए निगमों के कर्मचारियों की वेतन कटौती व्यवस्था बंद करने का प्रकरण।

-सफाई कर्मी, संग्रह अमीन, लिपिक संवर्ग को भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा।

-सरकारी विभागों में ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर सीधी भर्ती शुरू हो।

-आंगनबाड़ी, रसोइयों, ग्राम रोजगार सेवकों, मनरेगा, कम्प्यूटर ऑपरेटर, पीआरडी आदि कर्मियों को राज्य कर्मी घोषित किया जाए।

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