{"_id":"69316c5a6bf002c46b0752fe","slug":"tit-bits-of-uttar-pradesh-4-dec-2025-2025-12-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"सुना है क्या: देखन में छोटे लगें... एक-दूसरे की जड़ें खोदने में लगे भगवा दल के नेता","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
सुना है क्या: देखन में छोटे लगें... एक-दूसरे की जड़ें खोदने में लगे भगवा दल के नेता
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Thu, 04 Dec 2025 04:41 PM IST
सार
सुना है कि... कॉलम में हम उन राजनीतिक और प्रशासनिक कानाफूसी की बात करते हैं जो कि काफी छिपाने की कोशिश के बाद भी सत्ता के गलियारों से बाहर आ ही जाती है। आज पढ़ें, भगवा खेमे और प्रशासन से जुड़ी कानाफूसी:
विज्ञापन
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
सुना है कि... कॉलम में उन राजनीति और प्रशासनिक कानाफूसी की बात करते हैं जो कि काफी छिपाने की कोशिश के बाद भी सत्ता के गलियारों से बाहर आ ही जाती है। आज पढ़ें, भगवा खेमे और प्रशासन से जुड़ी कानाफूसी:
Trending Videos
देखन में छोटे लगें...
प्रदेश में नशीले कफ सिरप के सिंडीकेट पर कार्रवाई में एक छोटे जिले ने बाजी मार ली। बड़े-बड़े सूरमा दफ्तर में बैठकर रिपोर्ट बनाते रहे और जिले की पुलिस ने तस्करों की नाक में दम कर दिया। सैकड़ों मील दूर जाकर एक आरोपी को पकड़ भी लिया। अब महकमे में छोटे जिले के कप्तान के इस कारनामे की चर्चा तेजी से फैल रही है। जिनके पास असली जिम्मेदारी थी, उनके हिस्से में केवल बदनामी आ रही है। अगर समय रहते चेत जाते तो वर्षों में बनी शोहरत पर बट्टा नहीं लगता। चारों तरफ से इतनी घेराबंदी भी नहीं होती।
विज्ञापन
विज्ञापन
जड़ें खोदने की होड़
भगवा दल के भोंपू बनाए गए नेताओं के बीच इन दिनों एकदूसरे की जड़ें खोदने की होड़ मची है। दरअसल कुछ दिन पहले ही एक भोंपू के एक माननीय को कोई काम कराने के लिए एडवांस में एक करोड़ रुपये देने की चर्चा मीडिया में आ गई थी। तब से भोंपू खार खाए बैठे हैं कि यह मामला अपने ही बीच के किसी दूसरे भोंपू ने लीक किया है। लिहाजा वह भी एक-एक करके दूसरे भोपुओं के बारे में लोगों की चर्चा करते फिर रहे हैं लेकिन अभी तक उनका प्रयास विफल ही रहा है। ऐसे में वह परेशान होकर इधर-उधर दूसरे सहयोगियों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।
आयोग की बिटिया पर इत्ती कृपा
आयोग की बिटिया की परफॉर्मेंस खराब है। उनका जिला काफी पीछे चल रहा है। यही वजह है कि प्रदेश स्तर के तो आंकड़े दिए जा रहे हैं लेकिन जिलेवार आंकड़े जारी नहीं किए जा रहे हैं। अब तो साथी नौकरशाह भी फुसफुसा रहे हैं कि आयोग की बेटी पर इतनी कृपा। पीछे रहने पर भी मीटिंग में उससे कुछ नहीं कहा जाता, जबकि औरों को चेतावनी दी जा रही है।