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Lucknow News: आरटीओ में महिलाकर्मी का मोबाइल खंगाला, चैटिंग जांची, व्यक्तिगत तस्वीरें देखने पर रोने लगी महिला, नहीं पसीजे अफसर
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आरटीओ में महिलाकर्मी का मोबाइल खंगाला, चैटिंग जांची, व्यक्तिगत तस्वीरें देखने पर रोने लगी महिला
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ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ का मामला
अफसरों की दलील, दलालों से मिलीभगत की थी आशंका
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ में काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारी अफसरों के रडार पर हैं। दलालों से मिलीभगत के नाम पर उनके मोबाइल अफसर खंगाल रहे हैं। तस्वीरें, चैटिंग और कॉल डिटेल जांच रहे हैं। गत दिवस मोबाइल चेक किए जाने पर एक महिलाकर्मी रोने लगी। लेकिन अफसर नहीं पसीजे। सूत्र बताते हैं कि व्यक्तिगत तस्वीरें देखे जाने पर महिलाकर्मी रोने लगी थी। मामले की शिकायत परिवहन विभाग मुख्यालय पहुंच गई है।
दरअसल, इन दिनों परिवहन विभाग के ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित कामकाज नई संस्था के कर्मचारी संभाल रहे हैं। आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी ने गत माह एक पत्र लिखकर पूर्व में तैनात प्राइवेटकर्मियों को भ्रष्ट व दलाल बताया था। इसके बाद नई संस्था सिल्वर टच ने नए कर्मचारियों को यहां तैनात किया। लेकिन इन कर्मचारियों को लगातार अफसर प्रताड़ित कर रहे हैं। इसी क्रम में बीते शनिवार को आरटीओ में डीएल का कामकाज देखने वाले प्राइवेटकर्मियों के मोबाइल जबरन ले लिए गए। प्राइवेटकर्मियों ने बताया कि उनके मोबाइल का डाटा जांचा गया। कॉल डिटेल चेक की गई। साथ ही तस्वीरें व ईमेल भी देखे गए। इसके अतिरिक्त उनसे पूछताछ की गई। हद तो यह हुई कि एक प्राइवेट महिलाकर्मी की व्यक्तिगत तस्वीरें जांच के नाम पर देखी गईं। महिला मिन्नतें करती रही। लेकिन उसकी व्यक्तिगत तस्वीरें देखने का सिलसिला नहीं रुका। मामला रविवार को उजागर हुआ। साथ ही शिकायत परिवहन विभाग मुख्यालय पहुंच गई।
परिवहन आयुक्त महिला, फिर भी मनमानी
परिवहन विभाग में परिवहन आयुक्त का प्रमुख पद महिला आईएएस किंजल सिंह के हाथ में है। इसके अतिरिक्त अपर परिवहन आयुक्त, आईटी सुनीता वर्मा भी महिला अफसर है। बावजूद इसके प्राइवेट कर्मचारियों, खासतौर पर महिलाओं की निजता सुरक्षित नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सोमवार को परिवहन आयुक्त किंजल सिंह मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई करेंगी।
कर्मियों पर लगाए थे आरोप, नहीं हुई थी पुष्पिट
इससे पूर्व जब डीएल से संबंधित कामकाम स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी देख रहे थे। उस दौरान आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी ने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर प्राइवेटकर्मियों के दलालों से मिलीभगत के आरोप लगाए थे। उन्हें भ्रष्ट बताया था। सूत्र बताते हैं कि इस बाबत कोई भी शिकायत दर्ज नहीं हुई। न ही परिवहन आयुक्त की ओर से मामले की जांच करवाई गए। एकतरफा कार्रवाई में कर्मचारियों को वर्तमान तैनाती से हटा दिया गया था।
दलालों से मिलीभगत की थी आशंका
ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित काम करने वाले प्राइवेटकर्मियों के बाहरी दलालों से मिलीभगत की शिकायतें थीं। इसके चलते ही कर्मचारियों के मोबाइल चेक करवाए गए थे। महिलाकर्मी के मोबाइल की निजी तस्वीरें देखने का आरोप बेबुनियाद है।
-संजय तिवारी, आरटीओ(प्रशासन)
अफसरों की दलील, दलालों से मिलीभगत की थी आशंका
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ में काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारी अफसरों के रडार पर हैं। दलालों से मिलीभगत के नाम पर उनके मोबाइल अफसर खंगाल रहे हैं। तस्वीरें, चैटिंग और कॉल डिटेल जांच रहे हैं। गत दिवस मोबाइल चेक किए जाने पर एक महिलाकर्मी रोने लगी। लेकिन अफसर नहीं पसीजे। सूत्र बताते हैं कि व्यक्तिगत तस्वीरें देखे जाने पर महिलाकर्मी रोने लगी थी। मामले की शिकायत परिवहन विभाग मुख्यालय पहुंच गई है।
दरअसल, इन दिनों परिवहन विभाग के ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित कामकाज नई संस्था के कर्मचारी संभाल रहे हैं। आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी ने गत माह एक पत्र लिखकर पूर्व में तैनात प्राइवेटकर्मियों को भ्रष्ट व दलाल बताया था। इसके बाद नई संस्था सिल्वर टच ने नए कर्मचारियों को यहां तैनात किया। लेकिन इन कर्मचारियों को लगातार अफसर प्रताड़ित कर रहे हैं। इसी क्रम में बीते शनिवार को आरटीओ में डीएल का कामकाज देखने वाले प्राइवेटकर्मियों के मोबाइल जबरन ले लिए गए। प्राइवेटकर्मियों ने बताया कि उनके मोबाइल का डाटा जांचा गया। कॉल डिटेल चेक की गई। साथ ही तस्वीरें व ईमेल भी देखे गए। इसके अतिरिक्त उनसे पूछताछ की गई। हद तो यह हुई कि एक प्राइवेट महिलाकर्मी की व्यक्तिगत तस्वीरें जांच के नाम पर देखी गईं। महिला मिन्नतें करती रही। लेकिन उसकी व्यक्तिगत तस्वीरें देखने का सिलसिला नहीं रुका। मामला रविवार को उजागर हुआ। साथ ही शिकायत परिवहन विभाग मुख्यालय पहुंच गई।
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परिवहन आयुक्त महिला, फिर भी मनमानी
परिवहन विभाग में परिवहन आयुक्त का प्रमुख पद महिला आईएएस किंजल सिंह के हाथ में है। इसके अतिरिक्त अपर परिवहन आयुक्त, आईटी सुनीता वर्मा भी महिला अफसर है। बावजूद इसके प्राइवेट कर्मचारियों, खासतौर पर महिलाओं की निजता सुरक्षित नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सोमवार को परिवहन आयुक्त किंजल सिंह मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई करेंगी।
कर्मियों पर लगाए थे आरोप, नहीं हुई थी पुष्पिट
इससे पूर्व जब डीएल से संबंधित कामकाम स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी देख रहे थे। उस दौरान आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी ने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर प्राइवेटकर्मियों के दलालों से मिलीभगत के आरोप लगाए थे। उन्हें भ्रष्ट बताया था। सूत्र बताते हैं कि इस बाबत कोई भी शिकायत दर्ज नहीं हुई। न ही परिवहन आयुक्त की ओर से मामले की जांच करवाई गए। एकतरफा कार्रवाई में कर्मचारियों को वर्तमान तैनाती से हटा दिया गया था।
दलालों से मिलीभगत की थी आशंका
ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित काम करने वाले प्राइवेटकर्मियों के बाहरी दलालों से मिलीभगत की शिकायतें थीं। इसके चलते ही कर्मचारियों के मोबाइल चेक करवाए गए थे। महिलाकर्मी के मोबाइल की निजी तस्वीरें देखने का आरोप बेबुनियाद है।
-संजय तिवारी, आरटीओ(प्रशासन)
