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यूपी: 'आजम-शिवपाल खेल न करें इसी डर से गए अखिलेश', सपा प्रमुख के रामपुर जाने पर राजभर ने किया कटाक्ष
अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: रोहित मिश्र
Updated Wed, 08 Oct 2025 08:33 PM IST
सार
Akhilesh met Azam: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रामपुर जाकर आजम खान से मुलाकात की। इस मुलाकात पर ओपी राजभर ने टिप्पणी की है।
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रामपुर में अखिलेश यादव और आजम खां
- फोटो : सपा
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विस्तार
23 महीने जेल में बंद रहने के दौरान पूर्व मंत्री आजम खां से एक बार भी मिलने नहीं गए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की रामपुर यात्रा पर सियासत गरमा गई है। दोनों नेताओं की बुधवार को हुई मुलाकात पर भाजपा और सहयोगी दल के नेताओं ने सपा अध्यक्ष पर तीखा हमला बोला है। पंचायती राज मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि दरअसल अखिलेश को यह डर सता रहा था कि चाचा शिवपाल और आजम खां मिलकर कहीं उनके खिलाफ कोई खेल न कर दें। सपा अध्यक्ष को यह भी डर है कि दोनों मिलकर सपा को तोड़ न दें।
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आजम खां से मिलने के लिए अखिलेश के रामपुर पहुंचने पर तंज कसते हुए राजभर ने कहा कि 23 महीने तक जेल में मिलने से परहेज करने वाले अखिलेश का आजम के दरवाजे जाना राजनीतिक मजबूरी है। उन्होंने कहा इससे यह भी साफ हो गया है कि आजम की हनक अभी बरकार है। अखिलेश का उनके दरवाजे तक जाना इसका सबूत है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आजम की शर्त थी कि अखिलेश उनकी देहरी पर आएं।
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वहीं, सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि 23 महीने तक जेल में रहे आज़म की सुध नहीं लिया और अब 'घड़ियालू आंसू' बहाने रामपुर पहुंचे हैं। यह उनकी मुस्लिम वोटबैंक को साधने की सियासी मजबूरी है। जेपीएस ने कहा कि सपा अध्यक्ष ने रामपुर में आज़म का विकल्प खड़ा कर उनकी राजनीति खत्म करने की कोशिश की। अखिलेश को आज़म से लगाव नहीं है, बल्कि उनकी एकमात्र चिंता वोटबैंक है।
परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि अगर अखिलेश को आज़म की चिंता होती, तो जमानत के तुरंत बाद मिलने जाते। अब वोटबैंक खिसकने का डर उन्हें रामपुर खींच ले गया। वहीं, राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा कि अखिलेश का रामपुर जाना महज मुसलमानों को गुमराह करने की सियासी चाल है। दानिश ने दावा किया कि अखिलेश और आज़म के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। आज़म खान जेल में वर्षों रहे, लेकिन अखिलेश कभी उनसे मिलने नहीं गए। अब आगे बिहार और फिर यूपी के विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए अखिलेश मुसलमानों को गुमराह करने के लिए यह ढोंग कर रहे हैं।