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यूपी: प्रदेश में 90 साल के लिए दिए जा सकेंगे बस अड्डे, स्कूलों को मिलेंगे टैबलेट, पढ़िए योगी कैबिनेट के फैसले

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: रोहित मिश्र Updated Thu, 06 Feb 2025 06:42 AM IST
सार

Yogi Cabinet decisions: बुधवार की रात योगी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें कई प्रस्तावों पर सहमति बनी। यूपी परिवहन निगम पीपीपी मॉडल पर चलाए जा सकेंगे। 

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UP: Bus stands can be given for 90 years in the state, schools will get tablets, read the decisions of Yogi ca
यूपी कैबिनेट के फैसले। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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परिवहन निगम के पीपीपी मॉडल पर बनने वाले बस अड्डों का रास्ता साफ हो गया है। परिवहन निगम 90 साल की लीज पर बस अड्डे को देगा। इस प्रस्ताव को बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है।

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परिवहन निगम पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन बना रहा है। कई जगहों पर परिवहन निगम की जो जमीन थी, वो किसी और विभाग से लीज पर मिली थी। इसमें अमौसी के अलावा कौशांबी डिपो, साहिबाबाद, बुलंदशहर, गाजियाबाद ओल्ड भी शामिल है। अमौसी डिपो की जमीन यूपीएसआईडीसी से परिवहन निगम को 30 साल की लीज पर मिली है। जबकि, परिवहन निगम यहां बनने वाले बस अड्डे को 90 साल की लीज पर देगा। ऐसे में लीज की अवधि का मामला अटका हुआ था।
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परिवहन निगम ने प्रस्ताव दिया था कि उनको जो जमीनें दूसरे विभागों से मिली हैं, उनकी लीज की अवधि को बढ़ा दिया जाए। जिससे पीपीपी मॉडल पर बनने वाले बस अड्डों का रास्ता साफ हो जाए। बुधवार को कैबिनेट से इसका प्रस्ताव पास हो गया है। अब परिवहन निगम 90 साल की लीज पर बस अड्डे दे सकेगा। यहां पर कंपनियां शॉपिंग मॉल से लेकर अन्य प्रयोग कर सकेंगी।

कैबिनेट : यूपी 112 के लिए खरीदे जाएंगे 469 वाहन

कैबिनेट ने यूपी 112 परियोजना के दूसरे चरण के तहत 469 वाहनों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। बता दें कि यूपी 112 के दूसरे चरण के तहत वाहनों का बेड़ा बढ़ाया जाना है। इनकी संख्या 4800 से बढ़ाकर 6278 करने के लिए विभिन्न चरणों में दोपहिया 189 और चार पहिया 280 एसयूवी वाहनों (41 इनोवा, 239 स्कार्पियों) की खरीद की जा रही है।

68 साल तक हो सकेगी नियुक्ति 

एसजीपीजीआई के निदेशक की नियुक्ति की नियमावली में बदलाव होगा। अब 68 साल की उम्र तक निदेशक की नियुक्ति हो सकेगी। राज्यपाल निदेशक को सेवा विस्तार दे सकेंगी। इस प्रस्ताव को बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है। अब तक निदेशक की अधिकतम उम्र 65 साल है। वर्तमान निदेशक प्रो. आरके धीमान का कार्यकाल फरवरी में पूरा हो रहा है। नए निदेशक के लिए आवेदन पत्र भी जमा हो चुके हैं। 38 प्रोफेसरों ने आवेदन किया है। इसमें 13 प्रोफेसर केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान के हैं। इस बीच कैबिनेट ने नियमावली में बदलाव का प्रस्ताव मंजूर कर दिया है। इससे कयास लगाया जा रहा है कि प्रो. धीमान को सेवा विस्तार मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

परिषदीय विद्यालयों के लिए खरीदे जाएंगे 51 हजार और टैबलेट

 प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में टैबलेट निर्धारित संख्या में उपलब्ध कराने के लिए 51 हजार से अधिक और टैबलेट खरीदे जाएंगे। इसकी खरीद में आने वाला अतिरिक्त खर्च 14.68 करोड़ बेसिक शिक्षा विभाग वहन करेगा। विभाग के इस प्रस्ताव को बुधवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

प्रदेश के 1.32 परिषदीय स्कूलों में पिछले साल से टैबलेट उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है। इसके तहत 2.90 लाख टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं। पर, कुछ प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों को निर्धारित संख्या में टैबलेट नहीं मिले हैं। इसके लिए अब 51667 टैबलेट और खरीदे जाने हैं। इस पर केंद्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले बजट में अतिरिक्त खर्च आ रहा था। इस बजट के गैप को बेसिक शिक्षा विभाग अपने बजट से पूरा करेगा। इस क्रम में जल्द ही सभी परिषदीय विद्यालयों में टैबलेट की आपूर्ति की जा सकेगी।

प्रदेश का 29वां विकास प्राधिकरण बनेगा शाहजहांपुर

 प्रदेश सरकार शाहजहांपुर को प्रदेश का 29वां विकास प्राधिकरण बनाएगी। इससे संबंधित आवास विभाग के प्रस्ताव को बुधवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के मुताबिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में शहर के अलावा 32 ग्राम पंचायतों को शामिल किया जाएगा। आवास विभाग जल्द ही प्राधिकरण गठन की अधिसूचना जारी करेगा।

बता दें, संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने पिछले दिनों अपने गृह जिले को विकास प्राधिकरण बनाने का एलान किया था। उनके ही प्रस्ताव पर सरकार ने शाहजहांपुर को विकास प्राधिकरण बनाने का फैसला किया है। विकास प्राधिकरण में जितने भी गांवों को शामिल किया गया है उनमें यूपीएसआईडीए के अधीन अर्जित भूमि को छोड़ दिया जाएगा। प्राधिकरण के बनने के बाद शहर का सुनियोजित विकास होगा। आवास विभाग द्वारा जारी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के आधार पर नक्शा पास होगा। अधिसूचना जारी होने के बाद शहर में मनमाने तरीके से कोई भी निर्माण नहीं हो सकेगा। अवैध निर्माण पर भी काफी हद तक रोक लग जाएगी।

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