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UP: दिल्ली धमाके की जांच में सहारनपुर पर फोकस, यहां से जैश और मसूद अजहर का है पुराना नाता

अमर उजाला ब्यूरो,अशोक मिश्रा, लखनऊ Published by: आकाश द्विवेदी Updated Fri, 21 Nov 2025 12:30 AM IST
सार

दिल्ली हमले की साजिश उजागर होने के बाद एनआईए की जांच का फोकस सहारनपुर के देवबंद पर है, जहां जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर का पुराना संबंध रहा है। 1994 में मसूद के देवबंद आने के बाद क्षेत्र में आतंकी सक्रियता बढ़ी। 
 

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UP: Jaish-e-Mohammed's Masood Azhar has a long-standing connection to Deoband, runs a terror factory; stayed a
जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद माड्यूल द्वारा दिल्ली में आतंकी घटना अंजाम देने के बाद जांच के केंद्र में सहारनपुर आ रहा है। खासकर सहारनपुर का देवबंद तमाम आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स की पनाहगाह रहा है।
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इनमें आतंकी मसूद अजहर का संगठन जैश-ए-मोहम्मद भी शामिल है। मसूद वर्ष 1994 में देवबंद आ चुका है। अब ऑपरेशन सिंदूर में अपने करीबी परिजनों को खोने के बाद जैश के इस व्हाइट कॉलर माड्यूल की जड़ें देवबंद में भी तलाशी जा रही हैं।
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मसूद के देवबंद आने के बाद से पश्चिमी उप्र के इस जिले में जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों में इजाफा होता चला गया। वर्ष 1994 में जैश के आतंकियों ने हापुड़ से तीन विदेशियों का अपहरण किया था ताकि जेल में बंद आतंकियों को रिहा कराया जा सके। 

 


 

आतंकियों का यूपी पुलिस से लखनऊ में आमना-सामना हुआ

वर्ष 2001 में पहली बार जैश के आतंकियों का यूपी पुलिस से लखनऊ में आमना-सामना हुआ। बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में यूपी आए जैश के तीन आतंकियों सलीम उर्फ बाबर, राशिद उर्फ फैजान और सज्जाद उर्फ तलहा को एसटीएफ ने गोमतीनगर इलाके में एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। 

उनके पास से दो किलो आरडीएक्स, एक एके-47 समेत तमाम हथियार बरामद हुए थे। इसके बाद 9 मार्च 2003 को मुजफ्फरनगर में जैश के दो आतंकियों कुपवाड़ा निवासी इजाज हुसैन जान और मेराज हसन को पकड़ा गया। उनके पास से संसद भवन का नक्शा और हथियार बरामद हुए थे। 

इसके तीन दिन बाद एसटीएफ ने नोएडा में छिपे उनके एक साथी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इसके बाद जैश के आतंकियों ने अयोध्या को निशाना बनाया और 5 जुलाई 2005 को रामजन्मभूमि परिसर में आतंकी हमले का प्रयास किया। 

 

आतंकी हैंडग्रेनेड फेंकते हुए परिसर में घुस का प्रयास कर रहे थे

आतंकी हैंडग्रेनेड फेंकते हुए परिसर में घुसने का प्रयास करने लगे, लेकिन वहां मौजूद सीआरपीएफ के जवानों ने जवाबी फायरिंग कर 5 आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया। इस घटना में शामिल सहारनपुर निवासी डॉ. इरफान, जम्मू निवासी आसिफ इकबाल उर्फ फारुख, शकील अहमद, पुंछ निवासी मोहम्मद नसीम और मोहम्मद जीम को दबोच लिया गया। 

वहीं फरवरी, 2019 में एटीएस ने देवबंद के खानकाह मोहल्ला स्थित नाज मंजिल छात्रावास से जैश से जुड़े दो कश्मीरी युवकों शाहनवाज अहमद तेली और आकिब मलिक को गिरफ्तार किया था। दोनों देवंबद में रहकर जैश के लिए युवाओं की भर्ती कर रहे थे। इनमें शाहनवाज बम बनाने में एक्सपर्ट था और सीधे मसूद अजहर के संपर्क में रहता था। इस मामले की जांच एनआईए को दी गई थी, जिसके बाद बीते वर्ष दोनों को सात वर्ष की सजा सुनाई गई थी।

 

मस्जिद में रुका था अजहर

बता दें कि मसूद अजहर सहारनपुर आने के बाद देवबंद के नामचीन शिक्षक संस्थान दारुल उलूम और कासमी कब्रिस्तान भी गया था। उसके साथ दो कश्मीरी आतंकी भी आए थे और तीनों एक मस्जिद में रुके थे। 

हालांकि कुछ दिन बाद उसे सेना ने श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया था। 24 दिसंबर 1999 को विमान को हाईजैक करने के बाद कंधार ले जाने पर मसूद अजहर समेत कई आतंकियों को रिहा करना पड़ा था।

 




 

ये कनेक्शन भी आए सामने

  • वर्ष 2016 में दिल्ली पुलिस ने देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 12 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था।
  • देवबंद से जिहाद व्हाट्सएप ग्रुप चला रहे बारामूला निवासी जैश आतंकी अब्दुल लतीफ मीर और कुपवाड़ा निवासी मोहम्मद अशरफ खटाना को नवंबर, 2020 में दिल्ली पुलिस ने पकड़ा था। दोनों पाकिस्तान जाकर आतंकी ट्रेनिंग भी ले चुके थे।
  • 12 अगस्त 2022 को सहारनपुर से जैश आतंकी नदीम को पकड़ा गया। दो दिन बाद उसके साथी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला को फतेहपुर से दबोच लिया गया। दोनों जिहाद के लिए युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे।

 


 

पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले की घटनाओं को अंजाम दिया

राज्यसभा सांसद एवं पूर्व डीजीपी बृजलाल ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद ने अयोध्या में राम मंदिर परिसर, संसद भवन, पठानकोट एयरबेस, पहलगाम में सीआरपीएफ कैंप और बीते दिनों पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले की घटनाओं को अंजाम दिया है। 

अब लाल किला का निशाना बनाया है। इस आतंकी संगठन का जुड़ाव देवबंद से होने की वजह कट्टरपंथी मुस्लिमों का होना है। देवबंद में वह अपनी आतंक की फैक्ट्री को खाद-पानी मुहैया कराने के लिए युवाओं का ब्रेन वॉश करता है।
 
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