सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Lucknow News ›   UP Legislative Council: SP's walkout on caste census, SP alleges discrimination in appointment of Vice Chancel

यूपी विधानपरिषद: जातीय जनगणना पर विपक्ष का वॉकआउट, सपा ने लगाया कुलपतियों की नियुक्ति में भेदभाव का आरोप

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: रोहित मिश्र Updated Tue, 04 Mar 2025 05:33 PM IST
सार

Up Vidhan Sabha Budget Satra: यूपी विधानपरिषद में मंगलवार को कार्यवाही हंगामेदार रही। जातीय जनगणना के मुद्दे पर सपा ने वॉकआउट किया तो वहीं केशव मौर्या ने अखिलेश को कटघरे में खड़ा किया। 

विज्ञापन
UP Legislative Council: SP's walkout on caste census, SP alleges discrimination in appointment of Vice Chancel
विधानपरिषद में सपा का वॉकआउट। - फोटो : अमर उजाला।
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

विधान परिषद में मंगलवार को सपा सदस्यों ने जातीय जनगणना की मांग को लेकर वॉकआउट किया। उन्होंने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में जातीय समीकरणों का ध्यान न रखने और भेदभाव का आरोप लगाया। नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि दलितों और पिछड़ों के हितों से सपा सदस्यों का कोई लेना देना नहीं है। अखिलेश चालीसा पढ़ना ही उनका एकमात्र उद्देश्य है।

Trending Videos


सपा के आशुतोष सिन्हा ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये मामला उठाते हुए कहा कि जातीय जनगणना न कराए जाने से सभी वर्गों में निराशा है। डॉ. मान सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश के 34 कुलपतियों में 11 क्षत्रिय, 11 ब्राह्मण, 4 वैश्य, दो कायस्थ, तीन ओबीसी और तीन एससी-एसटी हैं। शीर्ष 100 कॉर्पोरेट कंपनियों में आरक्षित वर्ग की भागीदारी शून्य है। यही वजह है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


सपा सदस्य किरणपाल कश्यप ने कहा कि आरक्षित वर्ग के साथ भेदभाव किया जा रहा है। भाजपा ने वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव केशव प्रसाद मौर्य का चेहरा आगे करके लड़ा था, लेकिन सीएम उन्हें नहीं बनाया। उन्होंने नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनका भविष्य भी जातीय जनगणना होने पर ही सुरक्षित रह सकेगा।

नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि न्यायपालिका से लेकर थानाध्यक्षों की तैनाती तक में आरक्षित वर्ग का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। कुलपतियों की तैनाती में भी आरक्षण का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। कहा गया था कि सपा शासन में एसडीएम के 56 के 56 पद यादव जाति के अभ्यर्थियों से भर दिए गए। सरकार यह सूची जारी करे। अगर सही होगा तो वह सपा के साथ-साथ सदन की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे देंगे।

सरकार बोली-सामाजिक समीकरणों का शानदार गुलदस्ता है भाजपा

नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा सामाजिक समीकरणों का शानदार गुलदस्ता है। भाजपा और वह खुद जातीय जनगणना के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन, वर्ष 2004 से 2014 तक जब केंद्र में सपा समर्थित यूपीए की सरकार थी, तब यह मामला क्यों नहीं उठाया। चौधरी चरण सिंह और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न हमारी सरकार ने दिया। मुलायम सिंह यादव को सम्मानित करने का काम किया। इस पर नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि भारत रत्न से पेट नहीं भरा करता और इसके बाद सपा के सभी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

केशव ने अपना संबोधन जारी रखते हुए कहा कि सपा के लोग पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को 2027 में सत्ता पाने के मुंगेरी लाल के सपने दिखा रहे हैं। सपा, कांग्रेस और अन्य दलों के शासन में आरक्षित वर्ग का जो नुकसान हुआ है, भाजपा सरकार उसकी भरपाई करने का प्रयास कर रही है। जातीय जनगणना का विषय केंद्र का है। भाजपा के ही डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने भारत रत्न को लेकर नेता प्रतिपक्ष की टिप्पणी को अपमानजनक बताया।

बेसिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन का मुद्दा उठा
कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये ही निर्दल समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल और डॉ. आकाश अग्रवाल ने 40 हजार बेसिक शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन की मांग उठाई। कहा कि इन शिक्षकों की नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 से पहले विज्ञापित पदों पर हुई है। इसलिए वे शासनादेश के तहत पुरानी पेंशन के हकदार हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि इन शिक्षकों की सिर्फ ट्रेनिंग 1 अप्रैल 2005 से पहले के विज्ञापन के आधार पर हुई है। इसलिए वे पुरानी पेंशन के लिए अधिकृत नहीं हैं। पीठ ने मामला दिखवा लेने के निर्देश दिए।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed