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लाल-नीली बत्ती हटी तो वीआईपी दिखने के लिए अफसरों ने की दूसरी जुगाड़

टीम डिजिटल/अमर उजाला, लखनऊ Updated Sat, 10 Jun 2017 01:01 PM IST
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up officers are not ready to leave VIP culture
डेमो प‌िक - फोटो : file photo

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भले ही अफसरों व नेताओं को वीआईपी कल्चर छोड़ने की हिदायत दे रहे हों लेकिन यूपी के अफसरों के दिमाग से यह निकल नहीं रहा। 

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वाहनों में लाल-नीली बत्ती लगाने पर रोक लगाने के बाद अब अफसर अपने सरकारी वाहनों में पदनाम लगाकर चलने की तैयारी कर रहे हैं। परिवहन विभाग इसका प्रस्ताव तैयार करने में जुटा है। कार में पदनाम की पट्टिका लगाने का अधिकार किसे दिया जाए, इस पर मंथन चल रहा है।
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केंद्र सरकार ने सभी मंत्रियों व अफसरों के सरकारी वाहनों से लाल-नीली बत्ती हटा दी है। अब केवल पुलिस को ही बत्ती लगाने का अधिकार है। ऐसे में शासन में बैठे अफसरों के साथ ही फील्ड में काम करने वाले अफसरों को अब पदनाम की पट्टिका लगाने का अधिकार देने की तैयारी है। 

पहले इसे लगाने का अधिकार कानून व्यवस्था से जुड़े अफसरों के साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़े अफसरों को ही देने की बात थी लेकिन अब इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसमें दूसरे अफसरों को भी जोड़ा जाएगा।

इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हो चुकी है। दूसरी बैठक शुक्रवार को होनी थी लेकिन स्थगित हो गई। इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि किन-किन अफसरों को नाम पट्टिका लगाने का अधिकार दिया जाए। 

मुख्य सचिव ने वाहनों में झंडा लगाने का अधिकार किस-किस अफसर को है इसकी भी जानकारी मांगी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होने के बाद पदनाम पट्टिका लगाने के अधिकार संबंधी प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद इस नियमावली को मंजूरी दी जाएगी।

अफसर हाईकोर्ट का दे रहे हवाला

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डेमो प‌िक - फोटो : लाल सिंह

परिवहन विभाग के अफसरों का दावा है कि हाईकोर्ट ने वाहनों में नाम की पट्टी लगाकर इसका दुरुपयोग करने पर नाराजगी जताते हुए इसके लिए नियमावली बनाने के निर्देश दिए थे। 

इस नियमावली में यह प्रावधान होगा कि कौन-कौन अफसर अपने वाहनों में पदनाम की पट्टिका लगा सकते हैं। यह नियमावली मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार तैयार करने के लिए कहा गया है।

यह संयोग है कि लाल-नीली बत्ती पर प्रतिबंध लगाने के बाद नेम प्लेट लगाने का अधिकार देने वाला प्रस्ताव सामने आ रहा है। जबकि यह प्रस्ताव हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद तैयार किया गया है। 

इसकी पहली बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उस समय हुई थी जब लाल-नीली बत्ती पर प्रतिबंध की कोई बात नहीं थी। अभी यह तय नहीं है कि पदनाम की प्लेट कौन-कौन लगा सकता है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी। उसके बाद ही इस बारे में दिशा-निर्देश मिलेंगे।
-आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव परिवहन

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