यूपी : एमडीएमए ड्रग्स के साथ दो तस्कर एसटीएफ के हत्थे चढ़े, 80 लाख रुपए कीमत, दिल्ली-मुंबई करते थे सप्लाई
यूपी एसटीएफ ने गोसाईंगंज से दो तस्करों मो. मुजीब और मुकेश सिंह को गिरफ्तार कर 80 लाख रुपये की एमडीएमए ड्रग बरामद की। पूछताछ में खुलासा हुआ कि मुजीब प्रतिबंधित केमिकल मिलाकर घर पर ही ड्रग तैयार करता था और इसे यूपी, दिल्ली, मुंबई व बिहार में सप्लाई करता था।
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एमडीएमए ड्रग्स की तस्करी करने वाले दो तस्करों लालबाग निवासी मो. मुजीब और संतरविदास नगर सुरियावां निवासी मुकेश सिंह को बुधवार को यूपी एसटीएफ ने गोसाईंगंज इलाके से गिरफ्तार किया। दोनों के पास से 80 लाख रुपये कीमत की एमडीएमए ड्रग मिली। मुजीब केमिकल का प्रयोग करके घर पर ही एमडीएमए ड्रग बनाकर सप्लाई करता था।
डिप्टी एसपी एसटीएफ धर्मेश कुमार शाही से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार मुखबिर व सर्विलांस की मदद से एसटीएफ की टीम ने गोसाईंगंज स्थित गब्बर ढाबे के पास से दोनों तस्करों को एसयूवी गाड़ी के साथ पकड़ा। तलाशी में उनके पास से 523 एमडीएमस ड्रग, एक मोबाइल फोन, 2500 रुपये, एक पैन कार्ड, एक आधार कार्ड और एक डीएल मिला।
पूछताछ में आरोपी मुजीब ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, बिहार व राज्यों में महंगे दामों पर एमडीएम बेचता था। मुजीब ने बताया कि वह कई तरह के प्रतिबंधित केमिकल को मिला कर वह अपने ही घर पर एमडीएमए ड्रग बनाता है। उसने ड्रग बनाना वाराणसी के रहने वाले अभय सिंह से सीखा था। अभय सिंह कुछ समय पहले एमडीएमए के साथ मुंबई में पकड़ा गया था। फिलहाल वह जमानत पर है।
ऑन डिमांड बनाता था एमडीएमए
आरोपी मुजीब ने पूछताछ में यह भी बताया है कि वह पिछले काफी समय से खरीददारों की मांग के हिसाब से ड्रग बना कर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों और अन्य प्रदेशों में सप्लाई कर रहा था। इस संबंध में अभय सिंह व उसका भाई अनुज सिंह भी जुड़ा है। पकड़े गए आरोपी मुजीब और मुकेश के खिलाफ गोसाईंगंज थाने में मादक पदार्थ तस्करी के तहत केस दर्ज कराया गया है।
तीन से छह घंटे तक रहता है असर
एमडीएमए यानि मेथिलीनडाइऑक्सी-एन-मेथेम्फेटामाइन एक दवा है जो अवैध रूप से बनाई जाती है। यह एक उत्तेजक दवा है जो मतिभ्रम पैदा कर सकती है। इसे डिजाइनर ड्रग के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसे नशे का एहसास दिलाने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह टेबलेट और पाउडर के रूप में मिलती है।
इस दवा का प्रभाव 30 से 45 मिनट में शुरू होता है और तीन से छह घंटे तक रहता है। एमडीएमए की गोलियां अलग-अलग रंगों और आकारों में आती हैं। इसका प्रयोग करने वाले को लगता है कि यह दवा उन्हें अच्छा महसूस कराएगी और कई दिनों तक बिना आराम के काम करने में मदद करेगी। लेकिन एमडीएमए का इस्तेमाल करने वाले लोग यह नहीं जानते कि यह दवा कितनी खतरनाक है।