UP : मुफ्त में कीजिए 'इसरो' से जुड़े ऑनलाइन कोर्स, सैटेलाइट सिस्टम का मिलेगा प्रशिक्षण; जानें प्रोसेस
नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुमित कुमार श्रीवास्तव को इस कार्यक्रम का समन्वयक और संदीप यादव को सह-समन्वयक बनाया गया है। डॉ. सुमित ने बताया कि यह नक्षत्रशाला और उत्तर प्रदेश दोनों के लिए गौरव की बात है।
विस्तार
राजधानी के विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब लखनऊ में भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़ी अंतरिक्ष तकनीक के ऑनलाइन कोर्स निशुल्क किए जा सकेंगे। इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस), देहरादून के आउटरीच नोडल नेटवर्क संस्थान का दर्जा मिला है। यानी नक्षत्रशाला अब सीधे इसरो के आउटरीच प्रोग्राम से जुड़ गई है।
राजधानी में विज्ञान शिक्षा के लिए यह एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। अब विद्यार्थी, शिक्षक और आम नागरिक रिमोट सेंसिंग, जीआईएस, सैटेलाइट सिस्टम, एस्ट्रोफिजिक्स जैसे विषयों के ऑनलाइन प्रशिक्षण ले सकेंगे और इसरो की ओर से प्रमाणपत्र भी प्राप्त करेंगे। जो उनके कॅरिअर में चार चांद लगाएंगे। इस पहल की महत्ता को ऐसे समझिए कि ये कोर्स अगर किसी निजी संस्थान से करने हों तो तीन महीने के कोर्स के लिए दस हजार रुपये तक की फीस भरनी पड़ेगी।
नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुमित कुमार श्रीवास्तव को इस कार्यक्रम का समन्वयक और संदीप यादव को सह-समन्वयक बनाया गया है। डॉ. सुमित ने बताया कि यह नक्षत्रशाला और उत्तर प्रदेश दोनों के लिए गौरव की बात है। अब हमारे विद्यार्थी और शोधार्थी इसरो जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से सीधे जुड़कर अपने सपनों को पंख दे सकेंगे।
राज्य में बनेगा अंतरिक्ष शिक्षा का नया केंद्र
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के तहत पहले से संचालित उप्र अमेच्योर एस्ट्रोनॉमर्स क्लब के करीब 1,500 सदस्य खगोल विज्ञान से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय हैं। इसरो नेटवर्क से जुड़ने के बाद यह नक्षत्रशाला राज्य में अंतरिक्ष शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण का प्रमुख केंद्र बनने जा रही है। उप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक पंधारी यादव ने कहा कि यह मान्यता राज्य के बढ़ते वैज्ञानिक वातावरण का प्रमाण है। परिषद के निदेशक एवं सचिव शीलधर सिंह यादव ने कहा कि इससे युवाओं में विज्ञान और नवाचार की भावना को नई दिशा मिलेगी।
विद्यार्थियों के लिए नए अवसर
इन कोर्सों के माध्यम से छात्रों को इसरो और अन्य वैज्ञानिक संस्थानों में रिसर्च, इंटर्नशिप व तकनीकी कॅरिअर के अवसर मिल सकेंगे। रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीकें कृषि, रक्षा, सर्वेक्षण, और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए रास्ते खोलेंगी।
जानें कैसे करें रजिस्ट्रेशन
कोर्स विषय : रिमोट सेंसिंग, जीआईएस, सैटेलाइट सिस्टम, एस्ट्रोफिजिक्स।
प्लेटफॉर्म www.iirs.gov.in/outreach
कोर्स अवधि : अधिकतम तीन महीना।
फीस : नि:शुल्क।
पात्रता : छात्र, शिक्षक, शोधार्थी और विज्ञान प्रेमी।