UP: वंदे मातरम, हिजाब और यूसीसी के मुद्दे पर अधिवेशन में उठी ये मांग, कहा- हिजाब घूंघट नहीं इज्जत की निशानी
All India Shia Personal Law Board: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अधिवेशन में मॉबलिंचिंग, यूनिफाॅर्म सिविल कोड (यूसीसी), वंदेमातरम, हिजाब के मुद्दे उठाए गए।
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ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को मॉब लिंचिंग, यूनिफाॅर्म सिविल कोड (यूसीसी), वंदेमातरम, हिजाब, शिया समुदाय की राजनीतिक भागीदारी, आतंकवाद आदि पर चर्चा की गई। इस दौरान प्रस्ताव पास कर मॉबलिंचिंग को आतंकवाद करार देकर इसके खिलाफ कानून बनाने और यूनिफाॅर्म सिविल कोड को देश में लागू न करने की मांग उठी।
हुसैनाबाद स्थित बड़े इमामबड़े में हुए अधिवेशन में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मॉबलिंचिंग जैसी आतंकवादी बीमारी पूरे देश में फैल रही है। इससे वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब हो रही है। इस पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बनाने की जरूरत है। यूनिफाॅर्म सिविल कोड देशहित में नहीं है। इसे देश या प्रदेश में लागू न किया जाए। हिजाब या घूंघट एक मजहब का मामला नहीं है बल्कि ये एक महिला की इज्जत की निशानी है। हिजाब के उपयोग का अधिकार हमें संविधान ने दिया है। इसका विरोध करने वालों की हम निंदा करते हैं।
मौलाना ने स्कूल के पाठ्यक्रम में इमाम हुसैन की जीवनी शामिल करने, वक्फ संशोधन कानून वापस लेने, सियासी भागीदारी देने, दलितों की तरह शिया समुदाय के लिए निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित करने, हुसैनाबाद ट्रस्ट के तहत आने वाली इमारतों की मरम्मत कराने की भी मांग की। अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना साएम मेहंदी ने बोर्ड के उद्देश्य बताए।
वंदे मातरम के नाम से डराया जा रहा
जम्मू-कश्मीर के मौलाना आगा सैय्यद अब्बास रिजवी ने कहा कि आज भारत माता की जय और वंदेमातरम के नाम पर डराया जा रहा है। उन्होंने वंदेमातरम का मतलब बताते हुए कहा कि ''वंदे मातरम्'' मां को सलाम है। हमें मां को सलाम करने से कोई एतराज नहीं है। आप लोग आंख की रोशनी से हिंदुस्तान को देखते हो। हम दिल की रोशनी और मोहब्बत की आंखों से भारत को देखते हैं। पाकिस्तान में शिया मुस्लिमों के साथ जो सलूक किया जा रहा है, वही यहां भी हो रहा है। सात करोड़ की आबादी होने के बाद भी हमारा प्रतिनिधित्व केंद्र और राज्य सरकारों में नहीं है।
अधिवेशन में पश्चिम बंगाल के मौलाना फिरोज, बिहार के मौलाना असद यावर, झारखंड के मौलाना मूसी रजा, रांची के मौलाना तहजीबुल हसन, दिल्ली के मेहंदी माजीद, जम्मू-कश्मीर के मौलाना मूसली, मुंबई के मौलाना जहीर अब्बास, पंजाब के मौलाना अनीस हैदर, नेपाल के मौलाना जैनुल आबदीन, बांग्लादेश के मौलाना आफताब आदि शामिल रहे।
