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सीएम ने की सहकारिता विभाग की समीक्षा, किसानों को डिफॉल्टर सूची से बाहर निकालने के लिए आएगी नई योजना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Wed, 03 Dec 2025 08:35 PM IST
सार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सहकारिता विभाग की समीक्षा कर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और सहकारी समितियों को मजबूत करने के निर्देश दिए। डिफॉल्टर किसानों को राहत देने के लिए ‘वन टाइम सेटलमेंट’ योजना भी लागू की जाएगी।

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CM reviews cooperative department, new scheme to remove farmers from defaulter list
सीएम ने सहकारिता विभाग की समीक्षा की - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को सहकारिता विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों को सशक्त बनाना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना सहकारी संस्थाओं का मुख्य उद्देश्य है। आगामी वर्ष 2026 को प्रदेश में कृषि एवं किसान वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। अतः किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलवाने और फसल चक्र के अनुसार उन्हें सुगमता से सुविधाऐं उपलब्ध कराने के लिए सहकारिता विभाग कृषि विपणन सहकारी समितियां को मजबूत बनाने बनाने पर विशेष ध्यान दे। सहकारी समितियों का प्राथमिकता के आधार पर कंप्यूटराईजेशन किया जाए, ताकि किसानों को सुगमता और पारदर्शिता के साथ आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। पंचायत स्तर पर पैक्स स्थापित किए जाएं। 
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बैठक के बाद सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री हर विभाग की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। और दो वर्ष पूरे होने पर सभी विभागों की प्रगति और भविष्य की योजनाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। बैठक में विभाग की हालिया गतिविधियों की समीक्षा के साथ आगामी तीन वर्षों की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए। मंत्री सारंग ने बताया कि मुख्यमंत्री ने किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए निर्देश दिए हैं कि जिन किसानों को डिफॉल्टर घोषित किया गया है और सहकारी बैंकों से ऋण उपलब्ध नहीं हो पाता, उन्हें एक ‘वन टाइम सेटलमेंट’ (OTS) योजना के माध्यम से राहत दी जाएगी। इस योजना से हजारों किसानों को फिर से ऋण सुविधा प्राप्त करने का मार्ग खुलेगा।

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों के समय में हुए कई गबन और घोटालों का सीधा असर किसानों पर पड़ता था, लेकिन वर्तमान सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी वित्तीय अनियमितता का भार किसानों पर न आए। इसी दिशा में पारदर्शिता और कंप्यूटरीकरण को गांव स्तर तक लागू किया जा रहा है। सहकारिता विभाग द्वारा ई-पैक्स और अन्य डिजिटल सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। सारंग ने बताया कि सहकारिता विभाग द्वारा सीपीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट-पीपुल्स पार्टनरशिप) मॉडल पर किए गए कार्यों से तेज गति से निवेश आकर्षित हुआ है, जिसकी मुख्यमंत्री ने सराहना की है। विभाग ने सभी सहकारी समितियों का ऑनलाइन ऑडिट पूरा कर लिया है, और यह उपलब्धि हासिल करने वाला मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है। भविष्य की योजनाओं में सहकारी ढांचे को और मजबूत करना, किसानों को आर्थिक सुरक्षा देना और सहकारिता क्षेत्र में तकनीकी पारदर्शिता बढ़ाना शामिल है। मुख्यमंत्री ने विभाग को इन सुधारों को तेज़ी से लागू करने के निर्देश दिए। 
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