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सरकार बॉन्ड वाले डॉक्टर्स की भर्ती नियमों में करेगी बदलाव, 2028 तक 6 शहरों में खुलेंगे नए मेडिकल कॉलेज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Wed, 03 Dec 2025 06:41 PM IST
सार
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव लाने के लिए सरकार ने आने वाले वर्षों की रोडमैप को तेज़ी से आगे बढ़ाया है। नए मेडिकल कॉलेज, हजारों डॉक्टरों की उपलब्धता और आधुनिक मशीनों की स्थापना के साथ स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने पर फोकस किया जा रहा है।
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सीएम डॉ. मोहन यादव ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक बदलाव लाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में अधिक से अधिक अस्पतालों और डॉक्टरों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जाए, ताकि अधिक नागरिक इसका लाभ प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जो अस्पताल अभी योजना में इम्पैनल्ड नहीं हैं, उन्हें भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और आने वाले समय में डॉक्टरों की बड़ी आवश्यकता होगी। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार बॉन्ड वाले डॉक्टर्स की भर्ती नियमों में बदलाव करने जा रही है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को प्रदेश में ही सेवाएं देने के लिए प्रेरित किया जाएगा और दूरस्थ व जनजातीय क्षेत्रों में काम करने के लिए उन्हें आकर्षक मानदेय दिया जाएगा।
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चार नए मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन जल्द
प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के विस्तार को लेकर कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। पन्ना, बैतूल, कटनी और धार में नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का भूमिपूजन जल्द ही किया जाएगा। इसके अलावा सरकार की योजना है कि राज्य के एक जिले को मेडिकल टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाए। वर्ष 2028 तक राजगढ़, मंडला, छतरपुर, उज्जैन, दमोह और बुधनी में निर्माणाधीन सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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सभी संभागों में कैथलैब स्थापित करने की तैयारी
पीपीपी मोड पर बनने वाले मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य भी इसी अवधि में पूरे किए जाएंगे। प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालयों में 2028 तक कैथलैब स्थापित करने की तैयारी है। इसी वर्ष तक मातृ मृत्यु दर को 100 प्रति लाख जीवित जन्म तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। खाद्य प्रशासन और औषधि प्रशासन को सुदृढ़ करने के लिए क्रमशः 41.07 करोड़ और 211 करोड़ रुपये की कार्ययोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं।
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2500 नए बॉन्डेड डॉक्टर्स जल्द उपलब्ध होंगे
सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई आधुनिक मशीनों की खरीद प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इंदौर, रीवा, जबलपुर और ग्वालियर में 50 करोड़ रुपये प्रति मशीन की लागत से ड्यूल एनर्जी लीनियर एक्सीलेटर मशीनें लगाई जाएंगी। वहीं कई मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनों की स्थापना जारी है। बैठक में बताया गया कि बीते दो वर्षों में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को लेकर बड़ी सफलता मिली है। अब प्रदेश में सरकारी और निजी मिलाकर 52 मेडिकल कॉलेज हो चुके हैं। साथ ही 2500 नए बॉन्डेड डॉक्टर्स जल्द उपलब्ध होंगे, जिन्हें मेडिकल कॉलेजों और फील्ड अस्पतालों में सेवाएं देने के लिए तैयार किया जाएगा।
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चार नए मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन जल्द
प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के विस्तार को लेकर कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। पन्ना, बैतूल, कटनी और धार में नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का भूमिपूजन जल्द ही किया जाएगा। इसके अलावा सरकार की योजना है कि राज्य के एक जिले को मेडिकल टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाए। वर्ष 2028 तक राजगढ़, मंडला, छतरपुर, उज्जैन, दमोह और बुधनी में निर्माणाधीन सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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सभी संभागों में कैथलैब स्थापित करने की तैयारी
पीपीपी मोड पर बनने वाले मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य भी इसी अवधि में पूरे किए जाएंगे। प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालयों में 2028 तक कैथलैब स्थापित करने की तैयारी है। इसी वर्ष तक मातृ मृत्यु दर को 100 प्रति लाख जीवित जन्म तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। खाद्य प्रशासन और औषधि प्रशासन को सुदृढ़ करने के लिए क्रमशः 41.07 करोड़ और 211 करोड़ रुपये की कार्ययोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं।
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2500 नए बॉन्डेड डॉक्टर्स जल्द उपलब्ध होंगे
सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई आधुनिक मशीनों की खरीद प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इंदौर, रीवा, जबलपुर और ग्वालियर में 50 करोड़ रुपये प्रति मशीन की लागत से ड्यूल एनर्जी लीनियर एक्सीलेटर मशीनें लगाई जाएंगी। वहीं कई मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनों की स्थापना जारी है। बैठक में बताया गया कि बीते दो वर्षों में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को लेकर बड़ी सफलता मिली है। अब प्रदेश में सरकारी और निजी मिलाकर 52 मेडिकल कॉलेज हो चुके हैं। साथ ही 2500 नए बॉन्डेड डॉक्टर्स जल्द उपलब्ध होंगे, जिन्हें मेडिकल कॉलेजों और फील्ड अस्पतालों में सेवाएं देने के लिए तैयार किया जाएगा।

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