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एमपी विधानसभा: नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव अब सीधे जनता करेगी, कृषि मंत्री बेहोश, अनुपूरक बजट पेश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Tue, 02 Dec 2025 08:12 PM IST
सार
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन नगर पालिका संशोधन विधेयक पास हुआ, कृषि मंत्री बेहोश होने से सदन कुछ देर के लिए स्थगित रहा और सरकार ने 13,476.94 करोड़ का अनुपूरक बजट भी पेश किया। विपक्ष ने विधेयक और किसानों की समस्याओं को लेकर जोरदार हंगामा किया।
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मध्य प्रदेश विधानसभा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में मध्यप्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक-2025 को चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। वहीं, कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना अचानक चक्कर आने से बेहोश हो गए, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। दूसरी ओर वर्ष 2025-26 के लिए 13,476.94 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक अनुमान बजट पेश किया गया।
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अध्यक्ष का चुनाव अब प्रत्यक्ष प्रणाली से
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विधेयक प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह संशोधन लोकतंत्र को और मजबूत करेगा। उन्होंने बताया कि 1999 से 2015 तक नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता करती थी। वर्ष 2022 में यह प्रणाली बदलकर अध्यक्षों का चुनाव पार्षदों के माध्यम से किया गया था, लेकिन अब फिर से प्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था लागू होगी। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि अध्यक्ष को वापस बुलाने (राइट टू रिकॉल) की प्रक्रिया भी संशोधित की गई है। नई व्यवस्था के अनुसार अध्यक्ष को वापस बुलाने के लिए कुल मतदाताओं के आधे से अधिक मतदाताओं का समर्थन आवश्यक होगा। प्रक्रिया शुरू करने से पहले कम से कम तीन-चौथाई पार्षदों को प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा। अध्यक्ष के कार्यकाल के पहले तीन वर्ष रिकॉल प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकेगी। उन्होंने इसे राजीव गांधी के सपनों के अनुरूप स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने वाला कदम बताया।
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विपक्ष बोला- “जनता को कोई सीधा लाभ नहीं”
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि इससे जनता को कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा के लिए टिकट बेचने का माध्यम बन जाएगा और तीन साल बाद फिर खुलेआम राजनीतिक खरीद-फरोख्त होगी। सिंघार ने कहा कि अगर तीन साल बाद अध्यक्ष को रिकॉल किया जाना ठीक नहीं है। उसे पांच साल का पूरा समय देना चाहिए। वहीं, कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि जहां विधायक और पार्षद खरीद-फरोख्त में शामिल हों, वहां राइट टू रिकॉल का कोई महत्व नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि तीन साल बाद फिर खरीद फरोख्त शुरू होगी, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संशोधन करने की वजह बनने वाली कमियों का भी उल्लेख किया जाना चाहिए।
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सदन में हंगामा, कृषि मंत्री बेहोश
सदन की कार्यवाही के बीच कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना अचानक बेहोश हो गए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तत्काल उनके पास पहुंचे। इसके बाद स्पीकर और अन्य सदस्य भी मौके पर पहुंचे। स्पीकर ने तुरंत 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। इससे पहले कांग्रेस ने खेतों में खराब फसल की स्थिति दर्शाती तख्तियां लेकर सदन में प्रवेश कर विरोध जताया। उमंग सिंघार ने कहा कि किसान खाद, न्यूनतम समर्थन मूल्य और मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहा है।
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अनुपूरक अनुमान पेश, कल होगी चर्चा
सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2025-26 के लिए 13,476.94 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक अनुमान बजट पेश किया गया। बुधवार को अवकाश होने से सदन की कार्यवाही नहीं होगी। इसलिए बजट पर गुरुवार को साढ़े तीन घंटे चर्चा होगी। अनुपूरक बजट में राजस्व मद में 8,448.57 करोड़ और पूंजीगत मद में 5,028.37 करोड़ शामिल हैं। अनुपूरक बजट में ग्रामीण विकास विभाग में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चार हजार करोड़ रुपए, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अंतर्गत ऊपार्जन संस्थाओं के ऋण के लिए पूंजीगत मद में राशि दो हजार करोड़ रुपए, महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत राज्य मद में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 में 1794 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
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दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक भी पारित
विधानसभा ने मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक-2025 को भी पारित किया। श्रम मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बताया कि 20 से कम कर्मचारियों वाली दुकानों में लेबर इंस्पेक्टर केवल कमिश्नर की अनुमति से जाएगा। महिलाओं को समान वेतन और 24 घंटे खुली दुकानों में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
बुधवार को नहीं होगी विधानसभा की कार्यवाही
तीन दिसंबर को विधानसभा का अवकाश रहेगा। इस दिन भोपाल गैस त्रासदी की बरसी है और राज्य शासन ने भोपाल में सार्वजनिक अवकाश का दिन तय कर रखा है। इस वजह से विधानसभा सदन की कार्यवाही भी नहीं होगी। गुरुवार को विधानसभा कार्यवाही होगी।
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अध्यक्ष का चुनाव अब प्रत्यक्ष प्रणाली से
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विधेयक प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह संशोधन लोकतंत्र को और मजबूत करेगा। उन्होंने बताया कि 1999 से 2015 तक नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता करती थी। वर्ष 2022 में यह प्रणाली बदलकर अध्यक्षों का चुनाव पार्षदों के माध्यम से किया गया था, लेकिन अब फिर से प्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था लागू होगी। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि अध्यक्ष को वापस बुलाने (राइट टू रिकॉल) की प्रक्रिया भी संशोधित की गई है। नई व्यवस्था के अनुसार अध्यक्ष को वापस बुलाने के लिए कुल मतदाताओं के आधे से अधिक मतदाताओं का समर्थन आवश्यक होगा। प्रक्रिया शुरू करने से पहले कम से कम तीन-चौथाई पार्षदों को प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा। अध्यक्ष के कार्यकाल के पहले तीन वर्ष रिकॉल प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकेगी। उन्होंने इसे राजीव गांधी के सपनों के अनुरूप स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने वाला कदम बताया।
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विपक्ष बोला- “जनता को कोई सीधा लाभ नहीं”
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि इससे जनता को कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा के लिए टिकट बेचने का माध्यम बन जाएगा और तीन साल बाद फिर खुलेआम राजनीतिक खरीद-फरोख्त होगी। सिंघार ने कहा कि अगर तीन साल बाद अध्यक्ष को रिकॉल किया जाना ठीक नहीं है। उसे पांच साल का पूरा समय देना चाहिए। वहीं, कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि जहां विधायक और पार्षद खरीद-फरोख्त में शामिल हों, वहां राइट टू रिकॉल का कोई महत्व नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि तीन साल बाद फिर खरीद फरोख्त शुरू होगी, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संशोधन करने की वजह बनने वाली कमियों का भी उल्लेख किया जाना चाहिए।
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सदन में हंगामा, कृषि मंत्री बेहोश
सदन की कार्यवाही के बीच कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना अचानक बेहोश हो गए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तत्काल उनके पास पहुंचे। इसके बाद स्पीकर और अन्य सदस्य भी मौके पर पहुंचे। स्पीकर ने तुरंत 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। इससे पहले कांग्रेस ने खेतों में खराब फसल की स्थिति दर्शाती तख्तियां लेकर सदन में प्रवेश कर विरोध जताया। उमंग सिंघार ने कहा कि किसान खाद, न्यूनतम समर्थन मूल्य और मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहा है।
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अनुपूरक अनुमान पेश, कल होगी चर्चा
सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2025-26 के लिए 13,476.94 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक अनुमान बजट पेश किया गया। बुधवार को अवकाश होने से सदन की कार्यवाही नहीं होगी। इसलिए बजट पर गुरुवार को साढ़े तीन घंटे चर्चा होगी। अनुपूरक बजट में राजस्व मद में 8,448.57 करोड़ और पूंजीगत मद में 5,028.37 करोड़ शामिल हैं। अनुपूरक बजट में ग्रामीण विकास विभाग में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चार हजार करोड़ रुपए, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अंतर्गत ऊपार्जन संस्थाओं के ऋण के लिए पूंजीगत मद में राशि दो हजार करोड़ रुपए, महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत राज्य मद में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 में 1794 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
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दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक भी पारित
विधानसभा ने मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक-2025 को भी पारित किया। श्रम मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बताया कि 20 से कम कर्मचारियों वाली दुकानों में लेबर इंस्पेक्टर केवल कमिश्नर की अनुमति से जाएगा। महिलाओं को समान वेतन और 24 घंटे खुली दुकानों में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
बुधवार को नहीं होगी विधानसभा की कार्यवाही
तीन दिसंबर को विधानसभा का अवकाश रहेगा। इस दिन भोपाल गैस त्रासदी की बरसी है और राज्य शासन ने भोपाल में सार्वजनिक अवकाश का दिन तय कर रखा है। इस वजह से विधानसभा सदन की कार्यवाही भी नहीं होगी। गुरुवार को विधानसभा कार्यवाही होगी।

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