{"_id":"68b2e68a96e11e46810d7812","slug":"mp-news-cm-will-unveil-vikramaditya-vedic-clock-and-launch-the-app-on-september-1-2025-08-30","type":"story","status":"publish","title_hn":"MP News: मुख्यमंत्री डॉ. यादव 1 सितंबर को विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का अनावरण एवं ऐप का लोकार्पण करेंगे","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
MP News: मुख्यमंत्री डॉ. यादव 1 सितंबर को विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का अनावरण एवं ऐप का लोकार्पण करेंगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Sat, 30 Aug 2025 05:25 PM IST
सार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 1 सितंबर 2025 को मुख्यमंत्री निवास पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का अनावरण और मोबाइल ऐप का लोकार्पण करेंगे। यह जानकारी मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी ने प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत शौर्य स्मारक से बाइक रैली के साथ होगी, जो रवींद्र भवन से पैदल मार्च के रूप में मुख्यमंत्री निवास पहुंचेगी। इस अवसर पर “विक्रमादित्य वैदिक घड़ी : भारत के समय की पुनर्स्थापना की पहल” विषय पर युवा संवाद भी होगा, जिसमें मुख्यमंत्री युवाओं से सीधा संवाद करेंगे।
विज्ञापन
मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
विक्रमादित्य वैदिक घडी का अनावरण एवं ऐप का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 1 सिंतबर 2025 को मुख्यमंत्री निवास से करेंगे। यह बात मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि सुबह 9 बजे शौर्य स्मारक पर कॉलेज, विश्वविद्यालय के युवा एवं छात्र-छात्राएं एकत्रित होंगे। शौर्य स्मारक से बाइक रैली आरंभ होगी जो रवींद्र भवन तक जायेगी। रवींद्र भवन से बाइक रैली पैदल मार्च में बदलकर मुख्यमंत्री निवास के द्वार तक पहुंचेगी। इस अवसर पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी: भारत के समय की पुनर्स्थापना की पहल विषय पर युवा संवाद कार्यक्रम भी होगा। जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव युवाओं से संवाद करेंगे। संस्कृति सलाहकार तिवारी ने बताया कि विक्रमादित्य वैदिक घडी भारतीय काल गणना पर आधारित विश्व की पहली घड़ी है। भारतीय काल गणना सर्वाधिक विश्वसनीय पद्धति का पुनरस्थापन विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के रूप में उज्जैन में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 29 फरवरी 2024 को किया गया था। जिसे देश और दुनिया में अच्छा प्रतिसाद मिला।
ये भी पढ़ें- MP News: उमा भारती ने जीतू पटवारी को क्यों कहा 'बेचारा'? बोलीं- राजनीति में योगदान की कोई उम्र नहीं होती
उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय परंपरा, वैदिक गणना और वैज्ञानिक दृष्टि का अद्भुत संगम है। भारतवर्ष वह पावन भूमि है जिसने संपूर्ण ब्रह्माण्ड को अपने ज्ञान से आलोकित किया है। यहां की संस्कृति का प्रत्येक पहलू प्रकृति और विज्ञान का ऐसा विलक्षण उदाहरण है, जो विश्व कल्याण का पोषक है। इन्हीं धरोहरों के आधार पर निर्मित 'विक्रमादित्य वैदिक घड़ी' भारतीय परम्परा का गौरवपूर्ण प्रतीक है। इस घड़ी के माध्यम से भारत के गौरवपूर्ण समय को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है। यह प्रयास विरासत और विकास, प्रकृति और तकनीक का संतुलन होगा। यह स्वदेशी जागरण की महत्वपूर्ण कोशिश है, जो भारत को विश्व मंच पर मजबूती प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक धुरी बनकर वैश्विक भाषाओं और परंपराओं, आस्थाओं व धार्मिक कार्यों को जोड़ने वाली कड़ी बनेगी। श्रीराम तिवारी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि भारत दुनिया का पहला और अकेला ऐसा देश है जो पूरी मानवता को, विरासत, प्रकृति और तकनीक के संतुलन के साथ जीना सिखाता रहा है।
ये भी पढ़ें- MP News: भिंड कलेक्टर से दुर्व्यवहार पर IAS एसोसिएशन ने जताई नाराजगी, MLA के खिलाफ सीएम से की कार्रवाई की मांग
Trending Videos
ये भी पढ़ें- MP News: उमा भारती ने जीतू पटवारी को क्यों कहा 'बेचारा'? बोलीं- राजनीति में योगदान की कोई उम्र नहीं होती
विज्ञापन
विज्ञापन
उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय परंपरा, वैदिक गणना और वैज्ञानिक दृष्टि का अद्भुत संगम है। भारतवर्ष वह पावन भूमि है जिसने संपूर्ण ब्रह्माण्ड को अपने ज्ञान से आलोकित किया है। यहां की संस्कृति का प्रत्येक पहलू प्रकृति और विज्ञान का ऐसा विलक्षण उदाहरण है, जो विश्व कल्याण का पोषक है। इन्हीं धरोहरों के आधार पर निर्मित 'विक्रमादित्य वैदिक घड़ी' भारतीय परम्परा का गौरवपूर्ण प्रतीक है। इस घड़ी के माध्यम से भारत के गौरवपूर्ण समय को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है। यह प्रयास विरासत और विकास, प्रकृति और तकनीक का संतुलन होगा। यह स्वदेशी जागरण की महत्वपूर्ण कोशिश है, जो भारत को विश्व मंच पर मजबूती प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक धुरी बनकर वैश्विक भाषाओं और परंपराओं, आस्थाओं व धार्मिक कार्यों को जोड़ने वाली कड़ी बनेगी। श्रीराम तिवारी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि भारत दुनिया का पहला और अकेला ऐसा देश है जो पूरी मानवता को, विरासत, प्रकृति और तकनीक के संतुलन के साथ जीना सिखाता रहा है।
ये भी पढ़ें- MP News: भिंड कलेक्टर से दुर्व्यवहार पर IAS एसोसिएशन ने जताई नाराजगी, MLA के खिलाफ सीएम से की कार्रवाई की मांग

कमेंट
कमेंट X