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MP News: मुरैना में 600 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र को हरी झंडी, सहकारिता को तकनीकी दक्षता देने नई सेल का गठन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Tue, 05 Aug 2025 10:36 PM IST
सार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को विधानसभा में हुई कैबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश के शहरी विकास, ऊर्जा और सहकारिता क्षेत्रों को नई दिशा देने वाले कई बड़े फैसले लिए गए।
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सीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को विधानसभा में आयोजित कैबिनेट बैठक में राज्य के शहरी विकास, ऊर्जा उत्पादन और सहकारिता क्षेत्र में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी अधोसंचरना विकास योजना को निरंतरता देते हुए 1700 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है, वहीं पांचवे चरण में 4000 करोड़ रुपए की लागत वाली योजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिली है। बैठक में मुरैना में 600 मेगावाट क्षमता के सोलर एनर्जी प्लांट को स्वीकृति दी गई। इसमें बैटरी स्टोरेज सिस्टम होगा, जिससे यह संयंत्र रात में भी बिजली उपलब्ध कराएगा। यह मध्यप्रदेश का पहला सोलर एनर्जी प्लांट होगा, जहां 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी।इसमें 3000 करोड़ रुपए का निजी निवेश होगा।
सहकारिता विभाग में दक्षता लाने नई पहल
कैबिनेट ने सहकारिता विभाग को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए एक विशेष "दक्षता सेल" गठित करने का निर्णय भी लिया है। यह मध्यप्रदेश का पहला प्रयोग होगा, जो सहकारिता क्षेत्र में तकनीकी सुधार और मानव संसाधन विकास के लिए किया जा रहा है।
इंदौर और भोपाल का मास्टर प्लान भी होगा जारी
वहीं, मंत्री ने बताया कि विधानसभा में मध्यप्रदेश मेट्रोपॉलिटन सिटी विधेयक को मंजूरी दी गई, जिसके पहले चरण में भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में विकसित किया जाएगा। कैबिनेट द्वारा पारित विधेयक के अनुसार, भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन में विदिशा, सीहोर, रायसेन और राजगढ़ के कुछ क्षेत्र शामिल होंगे, जबकि इंदौर रीजन में देवास, महू, पीथमपुर और शाजापुर जोड़े जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि भविष्य में जबलपुर, ग्वालियर और रीवा को भी मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में शामिल किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए तीन स्तर की समितियों का गठन किया जाएगा, जिनमें से शीर्ष समिति की अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे। साथ ही, "यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी" का गठन भी किया जाएगा, जो बस, मेट्रो और मोनोरेल संचालन की विस्तृत योजना बनाएगी। इसके लिए 200 करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट स्वीकृत किया गया। कैबिनेट में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि भोपाल और इंदौर का मास्टर प्लान पहले से तैयार है, जिसे मेट्रोपॉलिटन विधेयक की प्रक्रिया के कारण रोका गया था। अब इसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा।
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सहकारिता विभाग में दक्षता लाने नई पहल
कैबिनेट ने सहकारिता विभाग को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए एक विशेष "दक्षता सेल" गठित करने का निर्णय भी लिया है। यह मध्यप्रदेश का पहला प्रयोग होगा, जो सहकारिता क्षेत्र में तकनीकी सुधार और मानव संसाधन विकास के लिए किया जा रहा है।
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इंदौर और भोपाल का मास्टर प्लान भी होगा जारी
वहीं, मंत्री ने बताया कि विधानसभा में मध्यप्रदेश मेट्रोपॉलिटन सिटी विधेयक को मंजूरी दी गई, जिसके पहले चरण में भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में विकसित किया जाएगा। कैबिनेट द्वारा पारित विधेयक के अनुसार, भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन में विदिशा, सीहोर, रायसेन और राजगढ़ के कुछ क्षेत्र शामिल होंगे, जबकि इंदौर रीजन में देवास, महू, पीथमपुर और शाजापुर जोड़े जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि भविष्य में जबलपुर, ग्वालियर और रीवा को भी मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में शामिल किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए तीन स्तर की समितियों का गठन किया जाएगा, जिनमें से शीर्ष समिति की अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे। साथ ही, "यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी" का गठन भी किया जाएगा, जो बस, मेट्रो और मोनोरेल संचालन की विस्तृत योजना बनाएगी। इसके लिए 200 करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट स्वीकृत किया गया। कैबिनेट में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि भोपाल और इंदौर का मास्टर प्लान पहले से तैयार है, जिसे मेट्रोपॉलिटन विधेयक की प्रक्रिया के कारण रोका गया था। अब इसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा।

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