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MP News: नाम बदले 22 माह, बोर्ड अब भी पुराने,जगदीशपुर में इस्लाम नगर लिखे बोर्डों ने भड़काया विरोध, पोती कालिख
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Wed, 10 Dec 2025 04:25 PM IST
सार
जगदीशपुर का नाम बदले जाने के 22 महीने बाद भी कई बोर्डों पर ‘इस्लाम नगर’ लिखा होने से विवाद खड़ा हो गया। हिंदू संगठनों ने बोर्डों पर कालिख पोतकर विरोध किया और पुराने नाम हटाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने इसे जनभावनाओं और ऐतिहासिक पहचान से जुड़ा मुद्दा बताया।
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हिन्दू संगठन ने बोर्डों पर कालिख पोती
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भोपाल के जगदीशपुर में नाम परिवर्तन के 22 महीने बाद भी पुराने बोर्ड लगे रहने को लेकर विवाद गहरा गया है। गांव का आधिकारिक नाम बदले जाने के बावजूद कई स्थानों पर अब भी ‘इस्लाम नगर’ लिखे बोर्ड दिखाई देने से स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। बुधवार को एक बार फिर संगठनों ने मौके पर पहुंचकर बोर्डों पर कालिख पोती और नए बैनर लगाकर विरोध दर्ज कराया। हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी के नेतृत्व में कार्यकर्ता सुबह जगदीशपुर पहुंचे। जहां-जहां ‘इस्लाम नगर’ लिखा मिला, वहां उसे ढककर ‘जगदीशपुर’ के बैनर लगाए गए। इस दौरान नारेबाजी भी हुई। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन और नाम परिवर्तन के आदेशों का पालन जमीनी स्तर पर नहीं हो रहा, जो गंभीर लापरवाही है।
सरकारी आदेश के बावजूद लटकती व्यवस्था
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय गांव का नाम बदलने का फैसला हुआ था और 1 फरवरी 2023 से आधिकारिक तौर पर नाम जगदीशपुर हो गया। केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने इसकी अधिसूचना जारी की थी। इसके बावजूद मुख्य मार्गों और प्रवेश द्वारों पर पुराने नाम के संकेतक बने रहना प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है।
क्षतिग्रस्त मील पत्थर से भड़का आक्रोश
लांबाखेड़ा-जगदीशपुर मार्ग पर मंगलवार को लगाए गए कुछ संकेतक बोर्डों पर फिर से ‘इस्लाम नगर’ लिखा पाया गया। इसके अलावा एक मस्जिद के पास स्थित किलोमीटर पत्थर के क्षतिग्रस्त होने की सूचना ने विवाद को और हवा दी। इसे लेकर स्थानीय लोग और संगठन सड़क पर उतर आए और इसे जानबूझकर की गई हरकत बताया।
यह भी पढ़ें-वोटर लिस्ट पर बड़ा सवाल,10.5% मतदाता नो मेपिंग में, 50 दिन में नहीं मिले रिकॉर्ड तो नाम कटेंगे
यह सिर्फ नाम नहीं, पहचान का मामला
प्रदर्शन में शामिल चंद्रशेखर तिवारी, देवलखेड़ी सरपंच अजय सैनी और अन्य नेताओं ने कहा कि यह महज साइन बोर्ड का मामला नहीं, बल्कि क्षेत्र की ऐतिहासिक पहचान और जनभावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द सभी बोर्डों पर जगदीशपुर नहीं लिखा गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
यह भी पढ़ें-ड्रग तस्करी पर सियासी घमासान, मंत्री भाई की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस सड़कों पर, कार्यकर्ता गिरफ्तार
प्रशासन को चेतावनी, मांगें साफ
प्रदर्शनकारियों ने मौके से ही पीडब्ल्यूडी और प्रशासनिक अधिकारियों से बात की और मांग रखी कि सभी बोर्डों पर तुरंत मूल नाम जगदीशपुर लिखा जाए, क्षतिग्रस्त किलोमीटर पत्थर की मरम्मत हो,पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।विरोध के दौरान कार्यकर्ताओं ने जगदीशपुर पर्यटन स्थल का नया फ्लेक्स भी लगाया। वहीं प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
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सरकारी आदेश के बावजूद लटकती व्यवस्था
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय गांव का नाम बदलने का फैसला हुआ था और 1 फरवरी 2023 से आधिकारिक तौर पर नाम जगदीशपुर हो गया। केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने इसकी अधिसूचना जारी की थी। इसके बावजूद मुख्य मार्गों और प्रवेश द्वारों पर पुराने नाम के संकेतक बने रहना प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है।
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क्षतिग्रस्त मील पत्थर से भड़का आक्रोश
लांबाखेड़ा-जगदीशपुर मार्ग पर मंगलवार को लगाए गए कुछ संकेतक बोर्डों पर फिर से ‘इस्लाम नगर’ लिखा पाया गया। इसके अलावा एक मस्जिद के पास स्थित किलोमीटर पत्थर के क्षतिग्रस्त होने की सूचना ने विवाद को और हवा दी। इसे लेकर स्थानीय लोग और संगठन सड़क पर उतर आए और इसे जानबूझकर की गई हरकत बताया।
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यह सिर्फ नाम नहीं, पहचान का मामला
प्रदर्शन में शामिल चंद्रशेखर तिवारी, देवलखेड़ी सरपंच अजय सैनी और अन्य नेताओं ने कहा कि यह महज साइन बोर्ड का मामला नहीं, बल्कि क्षेत्र की ऐतिहासिक पहचान और जनभावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द सभी बोर्डों पर जगदीशपुर नहीं लिखा गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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प्रशासन को चेतावनी, मांगें साफ
प्रदर्शनकारियों ने मौके से ही पीडब्ल्यूडी और प्रशासनिक अधिकारियों से बात की और मांग रखी कि सभी बोर्डों पर तुरंत मूल नाम जगदीशपुर लिखा जाए, क्षतिग्रस्त किलोमीटर पत्थर की मरम्मत हो,पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।विरोध के दौरान कार्यकर्ताओं ने जगदीशपुर पर्यटन स्थल का नया फ्लेक्स भी लगाया। वहीं प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

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