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MP Winter Session: मध्य प्रदेश में बढ़ रहे बाल विवाह के मामले, पांच साल में 2550 नाबालिग बने दूल्हा-दुल्हन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Tue, 02 Dec 2025 07:40 PM IST
सार

 मध्य प्रदेश विधानसभा में पेश आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि पिछले पांच वर्षों में बाल विवाह के मामले हर साल बढ़े हैं, पिछले पांच साल में 25,50  नाबालिग दूल्हा-दुल्हन बने हैं। जिसके बाद कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने सरकार की नीयत और नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में बाल विवाह रोकने के लिए न कोई ठोस योजना है, न राजनीतिक इच्छा शक्ति।

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विधानसभा - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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 मध्य प्रदेश में बाल विवाह के मामलों में लगातार बढ़ोतरी गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। विधानसभा में पेश किए गए सरकारी आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि वर्ष 2020 से 2025 के बीच हर साल बाल विवाह के मामलों में वृद्धि दर्ज हुई है। पांच साल में 25,50 नाबालिग दूल्हा-दुल्हन बने हैं। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के प्रश्न के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने यह जानकारी सदन में दी। जयवर्धन सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से सभी सरकारों ने बाल विवाह रोकने का प्रयास किया, लेकिन मध्य प्रदेश में हालात इसके उलट दिखाई दे रहे हैं। उनके अनुसार, पिछले पांच वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि सरकार न केवल इस मुद्दे को लेकर उदासीन है, बल्कि बाल विवाह रोकथाम को लेकर कोई ठोस योजना या दृष्टि भी नहीं रखती।
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हर साल करोड़ों रूपए खर्च
उन्होंने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग हर साल करोड़ों रुपये खर्च करता है, फिर भी 2020 से 2025 तक औसतन 400 से अधिक मामले प्रतिवर्ष दर्ज हुए हैं। विधायक ने मंत्री से जिलेवार और वर्षवार आंकड़े, साथ ही यह जानकारी भी मांगी कि कितनी नाबालिग लड़कियों ने विवाह के बाद बच्चों को जन्म दिया और उनमें से कितने बच्चों की मृत्यु हुई।

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5 साल से बढ़ रहे बाल विवाह मामले 
मंत्री निर्मला भूरिया द्वारा सदन में प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, 2020 से हर साल बाल विवाह के मामले बढ़ते चले गए। इधर बाल विवाह के मुद्दे पर राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ सीट से भाजपा विधायक मोहन शर्मा ने कहा कि पहले बाल विवाह सामान्य रूप से हो जाते थे, लेकिन अब प्रशासनिक सक्रियता और जनप्रतिनिधियों के प्रयासों से कई मामलों को रोका जा रहा है।

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वर्षवार आंकड़े

2025 (नवंबर तक): 538 मामले- सबसे ज्यादा दमोह में 115

2024: 529 मामले- सबसे ज्यादा डिंडोरी में 39

2023: 528 मामले- सबसे ज्यादा राजगढ़ में 87

2022: 519 मामले- सबसे ज्यादा दमोह में 64

2021: 436 मामले- सबसे ज्यादा दमोह में 69
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