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विधानसभा में वीआईटी यूनिवर्सिटी में कार्रवाई पर सरकार घिरी!, बच्चों में बढ़ती स्मार्टफोन लत को लेकर भी चिंता

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 02 Dec 2025 08:48 PM IST
सार

मध्य प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को वीआईटी यूनिवर्सिटी की अव्यवस्थाओं और बच्चों में बढ़ती स्मार्टफोन की लत के मुद्दे जोरदार तरीके से उठे, जिन पर सरकार ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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The government was surrounded in the Assembly over the mismanagement of VIT University, and there was also con
सीहोर वीआईटी यूनिवर्सिटी में जमकर हुआ बवाल - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को दो महत्वपूर्ण मुद्दों ने सदन का ध्यान अपनी ओर खींचा। पहला मुद्दा सीहोर स्थित वीआईटी यूनिवर्सिटी में छात्रों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और प्रबंधन की तानाशाही के आरोपों का रहा, जबकि दूसरा मुद्दा 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों में तेजी से बढ़ती स्मार्टफोन और इंटरनेट की लत को लेकर गंभीर चिंता का था। दोनों मामलों पर सदन में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं और ठोस कार्रवाई की मांग उठी। सरकार की तरफ से दोनों ही मामलों में कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।
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वीआईटी यूनिवर्सिटी में अव्यवस्थाओं का मामला गर्माया
सीहोर की वीआईटी यूनिवर्सिटी में दूषित पानी, निम्न स्तर का भोजन और छात्रों के बीमार होने के बाद हुए आक्रोश, मारपीट और तोड़फोड़ की घटनाओं पर, विधायक दिनेश जैन, हेमंत कटारे और महेश परमार ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने छात्रों को हनुमान चालीसा पढ़ने पर 5,000 रुपए जुर्माना लगाया गया, जिससे धार्मिक भावनाएं भड़काने का प्रयास हुआ। कैंपस में फर्जी क्लीनिक चलाया गया और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई में बाधा डालते हुए सीएमएचओ को रोका गया। यूनिवर्सिटी में अवैध निर्माण हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक कार्रवाई नहीं की है। विधायक कटारे ने कहा कि इतने गंभीर मामलों पर सरकार की ढिलाई सवाल पैदा करती है। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने जवाब देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एक प्रकरण में 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सभी पहलुओं पर विस्तृत जांच चल रही है। मंत्री परमार ने कहा कि प्रबंधन पर ऐसी कार्रवाई होगी जो अब तक किसी पर नहीं हुई होगी।

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बच्चों में बढ़ती स्मार्टफोन लत पर चिंता
ध्यानाकर्षण में भाजपा विधायक डॉ. अभिलाष पाण्डेय ने कहा कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों में काबू से बाहर होती स्मार्टफोन और इंटरनेट की लत गंभीर सामाजिक और मानसिक संकट बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चे खेलकूद, पढ़ाई, पारिवारिक संवाद और सामाजिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं। लगातार स्क्रीन पर रहने से उनके शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और नैतिक विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं।
इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि सरकार बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को अत्यंत गंभीरता से लेती है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध से बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कानूनी प्रावधान लागू हैं और एजेंसियां निरंतर कार्रवाई कर रही हैं। स्वास्थ्य और स्कूल शिक्षा विभाग के साथ मिलकर कक्षा 6 से 10 के छात्रों के लिए “उमंग मॉड्यूल” विकसित किया गया है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य, डिजिटल सुरक्षा और अत्यधिक स्क्रीन टाइम के नुकसान पर विशेष शिक्षण सामग्री शामिल है। सरकार संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर बच्चों के स्क्रीन टाइम नियंत्रण और ऑनलाइन सुरक्षा के लिए और ठोस कदम उठाने की दिशा में कार्य कर रही है।
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