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Chhatarpur News: जिले में आठ माह में 402 नवजातों की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया आंकड़ों का सत्यापन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छतरपुर Published by: छतरपुर ब्यूरो Updated Tue, 23 Dec 2025 09:26 PM IST
सार

छतरपुर जिले में अप्रैल से नवंबर 2025 तक 16,912 डिलीवरी में 402 नवजात बच्चों की मृत्यु हुई। सबसे अधिक मौतें छतरपुर ब्लॉक में हुईं। सीएमएचओ ने बताया कि हाई-रिस्क श्रेणी के बच्चों की पहचान और समय पर उपचार के जरिए नवजात मृत्यु दर को कम करने के प्रयास जारी हैं।

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402 newborns died in the district in 8 months, health department started verification of data.
जिले में 8 माह में 402 नवजातों की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया आंकड़ों का सत्यापन।
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विस्तार
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छतरपुर जिले में अप्रैल से नवंबर 2025 तक करीब 8 माह की अवधि में कुल 402 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इस दौरान 64 बच्चों ने रास्ते में, 83 बच्चों की घर पर और 255 बच्चों की अस्पताल में डिलीवरी के बाद उपचार के दौरान दम तोड़ा। कुल 16,912 डिलीवरी में से 402 नवजातों की मृत्यु दर्ज की गई है।

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ब्लॉक स्तर पर देखें तो सबसे अधिक मौतें छतरपुर ब्लॉक में 179 दर्ज की गईं। इसके अलावा बड़ामलहरा में 43, बिजावर में 39, लवकुशनगर में 39, नौगांव में 36, राजनगर में 36, बक्स्वाहा में 20 और गौरिहार में 10 बच्चों की मृत्यु हुई है। वहीं, अप्रैल से नवंबर तक एसएनसीयू के आंकड़ों के अनुसार नवजात मृत्यु दर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। नवंबर तक एसएनसीयू में कुल 176 बच्चों की मौत दर्ज की गई है।

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दावा: डेथ रेट में कमी आई है
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. आर.पी. गुप्ता ने बताया कि सामने आए आंकड़ों का सत्यापन कराया जा रहा है। एसएनसीयू प्रभारी, सिविल सर्जन और ब्लॉक मेडिकल ऑफिसरों से आंकड़ों की पुष्टि कराई गई है। उन्होंने कहा कि विभागीय समीक्षा में डेथ रेट में कमी आई है और इसे और कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।


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सीएमएचओ ने बताया कि डिलीवरी के दौरान लगभग 10 प्रतिशत बच्चे हाई-रिस्क श्रेणी में आते हैं, जिनमें मृत्यु की संभावना अधिक रहती है। ऐसे बच्चों की पहचान, समय पर उपचार और सुविधाओं में सुधार के लिए निरंतर रिव्यू और सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि नवजात मृत्यु दर को और कम किया जा सके।

 

 

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