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Jabalpur News: सीएम ममता के भतीजे सांसद अभिषेक की गिरफ्तारी पर रोक बरकरार, जानें क्या है पूरा मामला?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: जबलपुर ब्यूरो
Updated Mon, 08 Dec 2025 09:06 PM IST
सार
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट पर लगी रोक को बरकरार रखा है, जबकि मानहानि मामले में शिकायतकर्ता आकाश विजयवर्गीय को जवाब देने के लिए समय दिया है।
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सीएम ममता के भतीजे सांसद अभिषेक की गिरफ्तारी पर रोक बरकरार
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विस्तार
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के विरुद्ध भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक बरकरार रखी है। वहीं, कोर्ट ने आकाश विजयवर्गीय को जवाब पेश करने मोहलत प्रदान की है। जस्टिस बीपी शर्मा की एकलपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 19 जनवरी को निर्धारित की है।
बता दें कि मानहानि का केस भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने दायर किया है। नवंबर 2020 में कोलकाता में आयोजित एक सभा में अभिषेक बनर्जी ने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को गुंडा कहा था। इस बयान को लेकर आकाश ने 2021 में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। अभिषेक की ओर से याचिका दायर कर दलील दी गई थी कि वे वर्तमान में टीएमसी सांसद हैं और उनके फरार होने की संभावना नहीं है।
गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी थी
उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से राहत प्रदान किए जाने का आवेदन दिया था। लेकिन कोर्ट ने उस पर विचार न करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। मानहानि का मुकदमा अनुचित है। ऐसा इसलिए क्योंकि बयान को तोड़ मरोड़ कर समाचार बनाए गए थे। हाई कोर्ट में आज का की सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी थी।
ये भी पढ़ें- काला हिरण शिकार कांड: भोपाल के रास्ते मुंबई में होती थी मांस की सप्लाई, अब STF खंगालेगी शिकारियों का नेटवर्क
चार सप्ताह का समय दिया गया
हाई कोर्ट ने अनावेदक आकाश विजयवर्गी को नोटिस जारी जवाब मांगा था। हाई कोर्ट में सोमवार को भी सुनवाई के दौरान अनावेदक आकाश विजयवर्गी की तरफ से जवाब पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया गया एकल पीठ में आग्रह को स्वीकार करते हुए चार सप्ताह का समय दिया गया।
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बता दें कि मानहानि का केस भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने दायर किया है। नवंबर 2020 में कोलकाता में आयोजित एक सभा में अभिषेक बनर्जी ने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को गुंडा कहा था। इस बयान को लेकर आकाश ने 2021 में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। अभिषेक की ओर से याचिका दायर कर दलील दी गई थी कि वे वर्तमान में टीएमसी सांसद हैं और उनके फरार होने की संभावना नहीं है।
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गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी थी
उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से राहत प्रदान किए जाने का आवेदन दिया था। लेकिन कोर्ट ने उस पर विचार न करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। मानहानि का मुकदमा अनुचित है। ऐसा इसलिए क्योंकि बयान को तोड़ मरोड़ कर समाचार बनाए गए थे। हाई कोर्ट में आज का की सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी थी।
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चार सप्ताह का समय दिया गया
हाई कोर्ट ने अनावेदक आकाश विजयवर्गी को नोटिस जारी जवाब मांगा था। हाई कोर्ट में सोमवार को भी सुनवाई के दौरान अनावेदक आकाश विजयवर्गी की तरफ से जवाब पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया गया एकल पीठ में आग्रह को स्वीकार करते हुए चार सप्ताह का समय दिया गया।

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