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Elephant Attack: छत्तीसगढ़ से आया हाथियों का झुंड फिर मंडला पहुंचा, फसल और कैंप को पहुंचाया नुकसान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मंडला Published by: मंडला ब्यूरो Updated Fri, 07 Nov 2025 04:01 PM IST
सार

छत्तीसगढ़ से भटककर आया जंगली हाथियों का झुंड मंडला जिले में प्रवेश कर गया है। झुंड ने फेन अभयारण्य क्षेत्र में तोड़फोड़ कर धान की फसल को नुकसान पहुंचाया। वन विभाग ने ड्रोन और संयुक्त टीमों के जरिए निगरानी बढ़ाई है तथा ग्रामीणों को सतर्क रहने और रात में खेतों में न जाने की सलाह दी है। 

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A herd of elephants from Chhattisgarh returned to Mandla, damaging crops and camps.
छत्तीसगढ़ से आया हाथियों का झुंड फिर मंडला पहुंचा, फसल और कैंप को पहुंचाया नुकसान
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विस्तार
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छत्तीसगढ़ से भटककर आया जंगली हाथियों का झुंड एक बार फिर मंडला जिले में प्रवेश कर गया है। यह झुंड डिंडौरी और छत्तीसगढ़ की सीमा से होते हुए जिले में दाखिल हुआ है। हाथियों की मौजूदगी के बाद वन विभाग और ग्रामीण दोनों ही सतर्क हो गए हैं। विभाग ने आसपास के गांवों में मुनादी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

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जानकारी के अनुसार, हाथियों का यह झुंड डिंडौरी जिले के समनापुर वन क्षेत्र से होकर मंडला जिले के पंडरीपानी, सखजर और धनवाही के रास्ते फेन अभयारण्य के जंगलों तक पहुंचा। गुरुवार को साजलगान और संभार धसान के आसपास इनकी गतिविधियां दर्ज की गईं। इसी दौरान झुंड ने फेन अभयारण्य में बने एक अस्थायी कैंप को भी नुकसान पहुंचाया। हाथियों ने वहां रखे अनाज को खाने के प्रयास में सामान को तोड़फोड़ कर दिया।
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ये भी पढ़ें- मंडला में डिंडौरी और छत्तीसगढ़ सीमा से हाथियों का झुंड दाखिल, वन विभाग अलर्ट पर

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, झुंड में कई हाथी शामिल हैं। गुरुवार शाम को इनकी लोकेशन मवई और मोतीनाला रेंज के बीच छतरताल और औरई क्षेत्र में दर्ज की गई। झुंड लगातार मवई की दिशा में बढ़ रहा है। शुक्रवार सुबह मवई के परसेल क्षेत्र से खेतों में लगी धान की फसल को नुकसान पहुंचाने की खबरें भी मिलीं। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों ने रात में कई खेतों की फसल रौंद दी।

जिले में हाथियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए वन विभाग ने फेन अभयारण्य, मवई और मोतीनाला रेंज की संयुक्त टीम गठित की है, जो लगातार उनकी लोकेशन पर नजर रखे हुए है। विभाग की टीमें ड्रोन और फॉरेस्ट पेट्रोलिंग यूनिट की मदद से जंगल के भीतर भी निगरानी कर रही हैं। ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वन विभाग ने अपील की है कि ग्रामीण रात के समय जंगल या खेतों की ओर न जाएं और खेतों में बने मचान पर सोने से बचें। साथ ही, घर या आंगन में धान, महुआ, खली या अन्य खाद्य सामग्री खुली न रखें ताकि हाथी गांव की ओर आकर्षित न हों।

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि हाथियों के दिखने या उनकी आवाज सुनाई देने पर तुरंत वन विभाग को सूचना दें। किसी भी स्थिति में भीड़ न लगाएं और हाथियों के पास जाने या उन्हें भगाने की कोशिश न करें, क्योंकि यह जोखिम भरा हो सकता है। फिलहाल वन विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है और लगातार हाथियों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

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