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Mandla News: कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघ और दो शावकों की रहस्यमयी मौत, प्रबंधन सकते में
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मंडला
Published by: मंडला ब्यूरो
Updated Fri, 03 Oct 2025 10:03 PM IST
सार
कान्हा टाइगर रिजर्व में नए पर्यटन सीजन के दूसरे दिन एक नर बाघ और दो शावकों की मौत से सनसनी फैल गई। नर बाघ टेरिटोरियल फाइट में मारा गया, जबकि शावकों को नर बाघ ने शिकार बनाया माना जा रहा है। घटना ने बाघ संरक्षण और प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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कान्हा नेशनल पार्क फोटो
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विस्तार
कान्हा टाइगर रिजर्व एक बार फिर चर्चा में आ गया है। नए पर्यटन सीजन के दूसरे ही दिन यहां दो अलग-अलग स्थानों पर एक वयस्क बाघ और दो मासूम शावकों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। यह घटना न केवल वन्यजीव प्रेमियों को विचलित कर रही है, बल्कि टाइगर रिजर्व प्रबंधन के लिए भी चिंता का विषय बन गई है।
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सूचना के अनुसार, मुक्की रेंज के मवाला क्षेत्र में लगभग 10 वर्षीय नर बाघ मृत अवस्था में मिला। वहीं कान्हा रेंज में दो मादा शावक, जिनकी उम्र महज डेढ़ से दो महीने बताई जा रही है, मृत पाई गईं। दोनों घटनाओं की जानकारी हाथी गश्ती दल को हुई, जिसके बाद तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया और वे मौके पर पहुंचे।
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वन विभाग के अधिकारियों ने शावकों का पोस्टमॉर्टम कराया। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों शावकों की मौत किसी बड़े जानवर के हमले से हुई है। आशंका जताई जा रही है कि नर बाघ ने इन मासूम शावकों को अपना शिकार बनाया। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार नर बाघ अपने क्षेत्र में आए शावकों को मार डालते हैं, ताकि मादा बाघिन फिर से आकर्षित हो सके। यही वजह इस घटना के पीछे हो सकती है। दूसरी ओर, मुक्की रेंज में मिला 10 वर्षीय नर बाघ टेरिटोरियल फाइट का शिकार हुआ माना जा रहा है। अनुमान है कि दूसरे शक्तिशाली नर बाघ के साथ संघर्ष में उसकी मौत हुई। शुक्रवार को उसका पोस्टमॉर्टम किया गया रिपोर्ट आने के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
कान्हा टाइगर रिजर्व में नई पर्यटन सीजन की शुरुआत एक अक्टूबर से हुई है। दूसरे ही दिन बाघ और शावकों की मौत की खबर ने प्रबंधन को सकते में डाल दिया। यह टाइगर रिजर्व देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे चर्चित अभयारण्यों में गिना जाता है और यहां बाघों की सुरक्षा पर लगातार निगरानी रखी जाती है। इसके बावजूद ऐसी घटनाएं होना चिंता का विषय है। फील्ड डायरेक्टर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों शावकों का अंतिम संस्कार एनटीसीए प्रोटोकॉल के तहत कर दिया गया है।
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वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं टाइगर रिजर्व के प्राकृतिक चक्र का हिस्सा हैं। बाघ अपने क्षेत्र के प्रति बेहद संवेदनशील और आक्रामक स्वभाव के होते हैं। जब दो शक्तिशाली नर बाघ आमने-सामने आते हैं तो अक्सर संघर्ष घातक साबित होता है। इसी तरह, नर बाघ द्वारा शावकों को मार देना भी एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है। फिर भी, लगातार ऐसे मामले सामने आना बाघों की संख्या और उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। स्थानीय स्तर पर बाघ और शावकों की मौत की खबर जंगल से जुड़े पर्यावरण प्रेमियों और गाइड्स के बीच चर्चा का विषय बन गई है। उनका कहना है कि रिजर्व प्रबंधन को निगरानी और कड़ी करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं कम हों।

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