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Ratlam News: 19 दिन बाद हुई पहचान, फिर सूबेदार दिलबाग सिंह को सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रतलाम Published by: रतलाम ब्यूरो Updated Tue, 16 Sep 2025 10:27 AM IST
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सार

MP News: अमृतसर निवासी डिफेंस सिक्योरिटी कोर (डीएससी) के ट्रेनी सूबेदार दिलबाग सिंह की मौत चलती ट्रेन से गिरने से हुई थी। 19 दिन तक लापता माने जा रहे सूबेदार की पहचान आलोट में अज्ञात शव के रूप में हुई। इसके बाद 15 सितंबर को उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

Ratlam News Army trainee DSC Subedar from Punjab was given final farewell with military honours
पंजाब के रहने वाले सेना के  ट्रेनी डीएससी सूबेदार को सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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भारतीय सेना की डिफेंस सिक्योरिटी कोर (डीएससी) इकाई के ट्रेनी सूबेदार (46) दिलबाग सिंह, निवासी अमृतसर (पंजाब), लापता नहीं हुए थे बल्कि उनकी मौत चलती ट्रेन से गिरने से हुई थी। यह हादसा 19 दिन पहले मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग पर रतलाम से करीब 80 किलोमीटर दूर लुनी रीछा-विक्रमगढ़ आलोट रेलवे स्टेशन के बीच हुआ था। पहचान न होने की वजह से पुलिस को उनके परिजनों की जानकारी नहीं मिल पाई थी। इधर, घर न पहुंचने से उनकी पत्नी और परिवारजन परेशान होकर उनकी खोजबीन कर रहे थे और गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। बाद में जब शव की पहचान हुई तो 15 सितंबर को आलोट में ही दिलबाग सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
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कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के मुताबिक, 28 और 29 अगस्त 2025 की दरमियानी रात डाउन ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से एक अज्ञात व्यक्ति की मौत हो गई थी। सुबह पुलिस को शव की सूचना मिली। मृतक का चेहरा बुरी तरह क्षत-विक्षत था और कोई पहचान संबंधी दस्तावेज भी नहीं मिले थे। इसलिए शव की पहचान न होने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर उसे दफना दिया था। 14 सितंबर को दिलबाग सिंह की पत्नी पलकप्रीत को जानकारी मिली कि कुछ दिन पहले आलोट क्षेत्र में एक अज्ञात शव मिला था। वे परिजनों के साथ थाने पहुंचीं। पुलिस ने शव के फोटो दिखाए जिन्हें देखकर परिवार ने मृतक की पहचान दिलबाग सिंह के रूप में की। इसके बाद एसडीएम न्यायालय के आदेश से शव कब्र से निकलवाया गया और परिजनों को सौंपा गया। अगले दिन सेना के महू कैंप से आए अधिकारियों और जवानों की मौजूदगी में दिलबाग सिंह का आलोट स्थित मुक्तिधाम में तिरंगे में लिपटे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
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ट्रेनिंग से लौट रहे थे घर
दिलबाग सिंह ने 17वीं सिखलाई बटालियन में सूबेदार के पद पर 26 साल सेवा की थी और 30 मई 2024 को रिटायर हुए थे। इसके बाद वे फिर से सेना में डीएससी (डिफेंस सिक्योरिटी कोर) में भर्ती हुए। अप्रैल 2025 में वे ट्रेनिंग के लिए केरल के कन्नूर कैंट गए थे और ट्रेनिंग पूरी कर 27 अगस्त को अमृतसर लौटने के लिए रवाना हुए थे। 28 अगस्त की रात तक उनकी पत्नी से फोन पर बात हुई थी। लेकिन 29 अगस्त की सुबह जब पत्नी ने कॉल किया तो फोन उठाने वाले यात्री ने बताया कि दिलबाग सिंह पिछली रात तक पास की सीट पर थे, लेकिन सुबह से दिखाई नहीं दे रहे हैं। उनका सामान वहीं रखा हुआ है। इसके बाद परिजन अलग-अलग शहरों में खोजबीन करते रहे और 14 सितंबर को रतलाम जीआरपी थाने में जानकारी मिलने पर आलोट पहुंचे। पुलिस ने शव का डीएनए टेस्ट भी कराया है और मामले की जांच जारी है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दिलबाग सिंह ट्रेन से कैसे गिरे।

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