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MP News: देशद्रोही वाले बयान पर शास्त्री के वकील ने मांगा समय, अब 12 जून को जवाब पेश करेंगे बाबा बागेश्वर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल
Published by: शहडोल ब्यूरो
Updated Mon, 02 Jun 2025 06:38 PM IST
सार
वकील ने परिवाद का जवाब देने के लिए समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 12 जून 2025 तय की। यह परिवाद अधिवक्ता संदीप तिवारी ने भड़काऊ और असंवैधानिक बयान बताते हुए दायर किया था।
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पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
महाकुंभ में नहीं पहुंचने वालों को देशद्रोही बताने वाले बयान मामले की सुनवाई के लिए पंडित धीरेंद्र शास्त्री आज 2 जून को भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। मामले में जिला न्यायालय में संदीप तिवारी बनाम कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री मामले की सुनवाई होनी थी। धीरेंद्र शास्त्री की लेकिन उनकी ओर से उनके वकील न्यायाल में उपस्थित हुए और एक आवेदन देकर परिवाद का जवाब प्रस्तुत करने के लिए एक अवसर प्रदान किए जाने की मांग रखी। आवेदन पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने 12 जून 2025 को अगली सुनवाई तय की है।
शहडोल के अधिवक्ता संदीप तिवरी की ओर से न्यालायल में लगाए गए परिवाद के अनुसार यह मामला कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा प्रयागराज महाकुंभ 2025 के दौरान दिए गए एक विवादास्पद बयान से संबंधित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देश द्रोही कहलाएगा। इस बयान पर अधिवक्ता संदीप तिवारी ने आपत्ति जताते हुए शहडोल न्यायालय में आपराधिक परिवाद दायर किया था, जिसमें इसे भड़काऊ और असंवैधानिक बताया गया। पिछली सुनवाई 20 मई 2025 को होनी थी, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सीता शरण यादव के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।
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पंंडित धीरेंद्र शास्त्री की ओर से उनके वकील ने मेमो पेश कर उपस्थिति दर्ज कराई थी और सुनवाई को 2 जून 2025 के लिए स्थगित कर दिया गया था। परिवाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 196, 197(2), 299, 352, 353 और आईटी एक्ट 2000 की धारा 66ए, 67 के तहत दायर किया गया है।सोमवार को पंडित धीरेंद्र शास्त्री की ओर से उनके वकील उपस्थित होकर एक आवेदन इस आशय का पेश किया कि हमें परिवाद का जवाब प्रस्तुत करने के लिए एक अवसर प्रदान किया जाए। आवेदन पर विचार के लिए न्यायालय ने 12 को अगली सुनवाई नियत की है।
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शहडोल के अधिवक्ता संदीप तिवरी की ओर से न्यालायल में लगाए गए परिवाद के अनुसार यह मामला कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा प्रयागराज महाकुंभ 2025 के दौरान दिए गए एक विवादास्पद बयान से संबंधित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देश द्रोही कहलाएगा। इस बयान पर अधिवक्ता संदीप तिवारी ने आपत्ति जताते हुए शहडोल न्यायालय में आपराधिक परिवाद दायर किया था, जिसमें इसे भड़काऊ और असंवैधानिक बताया गया। पिछली सुनवाई 20 मई 2025 को होनी थी, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सीता शरण यादव के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।
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पंंडित धीरेंद्र शास्त्री की ओर से उनके वकील ने मेमो पेश कर उपस्थिति दर्ज कराई थी और सुनवाई को 2 जून 2025 के लिए स्थगित कर दिया गया था। परिवाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 196, 197(2), 299, 352, 353 और आईटी एक्ट 2000 की धारा 66ए, 67 के तहत दायर किया गया है।सोमवार को पंडित धीरेंद्र शास्त्री की ओर से उनके वकील उपस्थित होकर एक आवेदन इस आशय का पेश किया कि हमें परिवाद का जवाब प्रस्तुत करने के लिए एक अवसर प्रदान किया जाए। आवेदन पर विचार के लिए न्यायालय ने 12 को अगली सुनवाई नियत की है।

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