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मां की दहाड़: चीते के जबड़े से बेटे को बचा लाई मां, करीब 10 मिनट तक लड़ी, बच्चे को लगे 120 टांके
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, श्योपुर
Published by: अरविंद कुमार
Updated Thu, 20 Mar 2025 07:14 PM IST
सार
Sheopur News: मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में एक मां ने ऐसा काम किया, जिससे सभी हैरान हैं। उमरीकला गांव में एक चीते ने नौ साल के बच्चे पर हमला कर दिया। लेकिन बच्चे की मां ने डरने की बजाय अपनी जान जोखिम में डालकर अपने बेटे को उस जानवर के जबड़े से बचा लिया।
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घायल बच्चा और उसकी मां
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
श्योपुर में विजयपुर के पास उमरीकला गांव में घर पर खेल रहे एक बच्चे पर चीता ने हमला कर दिया।नौ साल का अविनाश उर्फ निर्मल धाकड़ शाम 6:30 बजे अपने घर की बाउंड्री के पास खेल रहा था और उसकी मां मवेशियों को चारा डाल रही थी। इस दौरान चीता आया और उसने बच्चे पर हमला कर दिया।
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बता दें कि चीते ने बच्चे की गर्दन और चेहरे को अपने जबड़े में दबा लिया। तभी बच्चा चिल्लाया तो मां की नजर बच्चे पर पड़ी। मां दौड़ती हुई गई और चीते के जबड़े में हाथ डाल दिया। एक तरफ चीता बच्चों को खींचने में लगा था तो दूसरी ओर मां अपने बच्चे को किसी भी कीमत पर बचाने की कोशिश में जुटी थी। आखिरकार जान पर खेलकर मां अपने बच्चों को बचा ली। लेकिन चीत गुर्राता हुआ बच्चे का शिकार करना चाहता था।
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बच्चे की मां का नाम सुरक्षा है और वही उसने अपने बच्चे के लिए किया। एक तरह से बच्चे की मां और चीता के बीच ठन गई। जब मां को यह लगा कि चीता ऐसे नहीं मानने वाला तो उसने घायल निर्मल और अपने दूसरे बेटे को एक जगह छुपा दिया। चीता बार-बार बाउंड्री पर आकर बच्चे का शिकार करना चाहता था। 10 मिनट तक चीता यही देखता रहा कि आखिर बच्चा चला कहां गया।
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हालांकि, वन विभाग का कहना है कि यह चीता नहीं बल्कि तेंदुए ने हमला किया है। जबकि घर वालों का कहना है कि कूनो नेशनल पार्क में चीते आने के बाद करीब 10 से 15 बार चीता उनके गांव के आसपास देखा गया है और वह अच्छी तरह पहचानते हैं। क्योंकि उसकी आंखों के आसपास काली धारियां थी। हमले में बुरी तरह से घायल हुआ मासूम निर्मल को गंभीर हालत में ग्वालियर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसे 120 टांके आए हैं और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
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