श्योपुर में आवारा पशुओं की समस्या को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन उस वक्त विवादों में आ गया, जब कलेक्ट्रेट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था भंग करने के आरोप में कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल समेत कई नेताओं पर एफआईआर दर्ज कर ली गई। प्रशासन के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान आवारा पशुओं को जबरन कलेक्ट्रेट परिसर में घुसाने की कोशिश की गई, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का खतरा पैदा हो गया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना प्राप्त हुई कि कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट के संयुक्त भवन का घेराव कर रहे हैं और आवारा पशुओं को परिसर के भीतर प्रवेश कराने का प्रयास कर रहे हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए थाना कोतवाली से पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा। मौके पर कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल के साथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष मांगीलाल जाटव, युवा कांग्रेस अध्यक्ष रामभरत मीणा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दौलतराम गुप्ता, कांग्रेस कार्यकर्ता जसवंत बचेरी सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे। पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने आवारा पशुओं को घेरकर कलेक्ट्रेट परिसर में दाखिल करने की कोशिश की। समझाइश दिए जाने के बावजूद वे नहीं माने और मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा करते रहे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कलेक्ट्रेट के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला लगाकर परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
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इसी दौरान प्रदर्शनकारियों पर मुख्य मार्ग की आवाजाही बाधित करने और यातायात प्रभावित करने का भी आरोप है। पूरी घटना की पुलिस द्वारा वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई है।पुलिस ने बताया कि कलेक्ट्रेट श्योपुर के आदेशानुसार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत कलेक्ट्रेट परिसर से 100 मीटर की परिधि में जुलूस, धरना, प्रदर्शन, सभा, नारेबाजी एवं ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध लागू है। प्रारंभिक जांच में उक्त आदेश का उल्लंघन पाए जाने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत मामला दर्ज किया गया है।फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है, वहीं इस कार्रवाई के बाद जिले की सियासत एक बार फिर गरमा गई है।