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MP News: उमरिया में हाथियों का आतंक, महामन गांव में किसानों की फसलें रौंदी; दहशत में ग्रामीण

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उमरिया Published by: उमरिया ब्यूरो Updated Tue, 19 Aug 2025 03:56 PM IST
सार

Umaria News: किसानों का कहना है कि हाथी अक्सर कई दिनों तक आसपास डेरा डालते हैं और बार-बार खेतों में लौट आते हैं। सूरज और भूखन ने कहा कि उनकी मेहनत की फसल रातों-रात चौपट हो गई है। ऐसे में परिवार की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है।

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MP News: Elephant terror in Umaria, farmers' crops crushed in Mahaman village; Villagers in panic
जंगली हाथी का झुंड (सांकेतिक फोटो)
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विस्तार
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उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के धमोखर बफर परिक्षेत्र के महामन गांव में रविवार की रात दो जंगली हाथियों ने अचानक धावा बोल दिया। खेतों में खड़ी फसलों को रौंदते हुए जब ये हाथी गांव में पहुंचे तो ग्रामीणों के बीच अफरातफरी मच गई। लोगों ने शोर मचाकर और टॉर्च की रोशनी डालकर उन्हें भगाने की कोशिश की, लेकिन हाथियों के आक्रामक रुख को देखते हुए ग्रामीण घरों में दुबक गए और तुरंत टाइगर रिजर्व प्रबंधन को सूचना दी।

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दहशत के साये में महिलाएं और बच्चे
महामन गांव के लोगों का कहना है कि वे पहले भी जंगली जानवरों की वजह से परेशान रहे हैं, लेकिन हाथियों का गांव में घुसना उनके लिए सबसे बड़ा खतरा है। रात के सन्नाटे में हाथियों की गरज और पेड़ों को तोड़ने की आवाजें सुनकर महिलाएं और बच्चे सहम गए। किसानों सूरज और भूखन की धान और मक्का की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। खेतों की मेहनत पलभर में बर्बाद हो गई।
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बीटीआर की टीम ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
सूचना मिलते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की 10 सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची। पूरी रात मशक्कत के बाद हाथियों को खदेड़कर धमोखर परिक्षेत्र के पीएफ-114 स्थित खेरदाई हार के जंगलों की ओर भेजा गया।
परिक्षेत्र अधिकारी सचिन सिंह ने बताया कि हाथियों को सुरक्षित तरीके से वापस जंगल में लौटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीटीआर की टीम लगातार निगरानी कर रही है ताकि वे दोबारा गांव की ओर न लौटें। इसके लिए हाथी मित्र दल को भी गश्त पर लगाया गया है।
 
लौटने की आशंका से बढ़ी ग्रामीणों की चिंता
हालांकि हाथियों को जंगल की ओर भेज दिया गया है, लेकिन ग्रामीणों का डर कम नहीं हुआ है। किसानों का कहना है कि हाथी अक्सर कई दिनों तक आसपास डेरा डालते हैं और बार-बार खेतों में लौट आते हैं। सूरज और भूखन ने कहा कि उनकी मेहनत की फसल रातों-रात चौपट हो गई है। ऐसे में परिवार की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों ने बीटीआर प्रबंधन से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की है।
 
बढ़ता मानव-हाथी संघर्ष
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि बांधवगढ़ और आसपास के इलाकों में हाथियों की आवाजाही बढ़ रही है। भोजन और पानी की तलाश में वे बफर क्षेत्रों से गुजरते हुए गांवों तक पहुंच जाते हैं। नतीजा यह है कि फसलों को नुकसान होने के साथ-साथ मानव-हाथी संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में बांधवगढ़ क्षेत्र में इस तरह की कई शिकायतें दर्ज की गई हैं।

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ग्रामीणों से वन विभाग की अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि हाथियों को भगाने के लिए किसी भी तरह का खतरनाक या हिंसक तरीका अपनाने की कोशिश न करें। बल्कि तुरंत बीटीआर की टीम को सूचना दें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।

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