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MP News: पति का साथ छूटते ही उजड़ गई दुनिया, जीवनयापन के बचे सहारे पंचायती सिस्टम ने छीने, जानें मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उमरिया Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Wed, 12 Nov 2025 01:19 PM IST
सार

ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई अकेला मामला नहीं, बल्कि कई परिवार इस तरह की तकनीकी और प्रशासनिक लापरवाही का शिकार हो चुके हैं। नीता बाई ने जनपद सीईओ को शिकायत दी है, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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Umaria News: Panchayat snatches rights of a living woman by declaring her dead on the government portal
बच्चे को गोद में लिए पीड़ित नीता बाई। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जनपद पंचायत पाली की ग्राम पंचायत गोयरा में सरकारी सिस्टम की लापरवाही ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यहां एक जीवित महिला को मृत दिखाकर उसके सभी शासकीय अधिकार छीन लिए गए। यह मामला नीता बाई का है, जो अपने दो साल के बच्चे को गोद में लेकर लगातार पंचायत और जनपद कार्यालय के चक्कर काट रही हैं, ताकि उनका नाम फिर से परिवार की सूची में शामिल हो सके।
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जानकारी के अनुसार, नीता बाई स्वर्गीय सतेंद्र सिंह की पत्नी हैं। सतेंद्र सिंह की मृत्यु के बाद पंचायत ने समग्र पोर्टल से उनका नाम हटाया, जो सही प्रक्रिया थी, लेकिन इसी दौरान गलती से नीता बाई का नाम भी हटा दिया गया। समग्र आईडी 180949097 के तहत नीता बाई जीवित हैं और अपने घर में बच्चे के साथ रह रही हैं, फिर भी सिस्टम ने उन्हें मृत मान लिया।
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इस त्रुटि का असर उनके जीवन पर बुरी तरह पड़ा है। समग्र पोर्टल से नाम हटने के कारण नीता बाई को राशन, पेंशन और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गरीबी और जिम्मेदारियों के बीच वह लगातार अधिकारियों के पास गुहार लगा रही हैं, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। उनके चेहरे की थकान और आंखों की बेबसी यह बताने के लिए काफी है कि सिस्टम की गलती ने उन्हें किस हद तक तोड़ दिया है।

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ग्राम पंचायत गोयरा के ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है। कई परिवारों के नाम भी बिना जांच-पड़ताल के समग्र पोर्टल से डिलीट कर दिए गए हैं, जिसके चलते गरीबों को महीनों तक सरकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ता है। ग्रामीणों का आरोप है कि तकनीकी खामियों और अफसरशाही की अनदेखी के कारण जनता परेशान है, जबकि सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे।

नीता बाई ने इस संबंध में जनपद पंचायत पाली के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखित आवेदन देकर अपना नाम पुनः जोड़ने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जब इस मामले में जनपद पंचायत पाली के सीईओ कुंवर कन्हाई से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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