Ajab-Gajab: धरती पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई? इस सवाल का जवाब वैज्ञानिक वर्षों से तलाश रहे हैं। अब इस बीच अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा और जापान की स्पेस एजेंसी ने एक नई खोज की है। इसने एक पुरानी थ्योरी को नई जिंदगी दे दी है। इस थ्योरी के मुताबिक, पृथ्वी पर जीवन खुद पैदा नहीं हुआ है, बल्कि अंतरिक्ष से आया, जिसका पैनस्पर्मिया है।
Ajab-Gajab: धरती पर इंसानों का नहीं हुआ जन्म, यहां से आया जीवन! नासा की नई खोज ने वैज्ञानिकों को किया हैरान
Ajab-Gajab: धरती पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई? इस सवाल का जवाब वैज्ञानिक वर्षों से तलाश रहे हैं। अब इस बीच अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा और जापान की स्पेस एजेंसी ने एक नई खोज की है।
वैज्ञानिकों को जांच में चट्टान के भीतर 20 अमीनो एसिड में से 14 मिले है। अमीनो एसिड प्रोटीन के बिल्डिंग ब्लॉक हैं, जो जीवन की बुनियाद हैं। डीएनए और आरएनए के केमिकल पूर्वज, जिनसे आनुवंशिक कोड बनते हैं, वो भी मिले। ये केमिकल इतने साथ थे, जैसे कभी छुए न गए हों। यह खोज जनवरी 2025 में साबित हुई। वैज्ञानिकों का कहना है कि बेनू जैसे एस्टेरॉयड ने जीवन के बीज बोए हैं।
अंतरिक्ष से आया जीवन
इस थ्योरी के मुताबिक, जीवन के कच्चे माल- जैसे अमीनो एसिड और कार्बनिक यौगिक अंतरिक्ष से आए। इन्हें धूमकेतु या क्षुद्रग्रहों ने पृथ्वी पर गिराया है। इस थ्योरी को जीवित जीवों की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ मजबूत अणु चाहिए, जो किसी भी रहने लायक दुनिया पर जीवन चालू कर सकें। बेनू की चट्टान ने इसे मजबूती प्रदान की।
क्या नाजुक रसायन अंतरिक्ष की खाली जगह, वायुमंडल की जलन या टक्कर की गर्मी सह सकते हैं? लेकिन लैब टेस्ट और मिशन जैसे OSIRIS-REX ने साबित कर दिया है कि कई रसायन जीवित रह सकते हैं।
कई वर्षों से आलोचक कहते आ रहे हैं कि अंतरिक्ष से जीवन का आना नामुमकिन है, लेकिन अब मिले सबूत मजबूत हैं। बेनू की चट्टान में मिले अमीनो एसिड पृथ्वी के जीवन से मिलते-जुलते हैं। ये रसायन बेनू के भीतर बंद थे, जिसकी वजह से बाहरी प्रदूषण से बच गए। वैज्ञानिकों ने स्पेक्ट्रोस्कोपी और दूसरी जांच से कन्फर्म किया।
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इस खोज से पता चलता है कि ब्रह्मांड में जीवन के उपकरण हर जगह फैले हो सकते हैं। अगर बेनू जैसा एस्टेरॉयड जीवन का उपकरण लाया, तो दूसरों ग्रहों पर भी यही हो सकता है। मंगल, यूरोपा या टाइटन पर जीवन खोजने में इससे मदद मिलेगी।
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इस थ्योरी से पता चलता है कि पृथ्वी पर जीवन शुरू नहीं हुआ, बल्कि यहां इकट्ठा किया गया। अंतरिक्ष से लाया गया है। नासा और जापान की एजेंसी अब और सैंपल की जांच कर रही हैं। भविष्य के मिशन जैसे हैबल या जेम्स वेब टेलीस्कोप से और डेटा मिलेगा। अगर पैनस्पर्मिया सच हुआ, तो जीवन अकेला नहीं यह ब्रह्मांड का सामान्य नियम है।