सब्सक्राइब करें

कारगिल की चोटियों पर युद्ध के लिए तैयार नहीं थी वायुसेना, एलओसी पार करने की इजाजत होती तो...

मोहित धुपड़, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: खुशबू गोयल Updated Mon, 16 Dec 2019 03:11 PM IST
विज्ञापन
Former Air Marshal Revealed Secrets of Kargil War in Military Literature Festival
पूर्व एयर मार्शल निर्दोष त्यागी - फोटो : अमर उजाला
दुनिया के दुर्गम युद्धों की श्रेणी में शुमार कारगिल युद्ध में वायुसेना कारगिल की चोटियों पर युद्ध लड़ने के लिए तैयार नहीं थी। हाल ही में यह खुलासा किया गया।
Trending Videos
Former Air Marshal Revealed Secrets of Kargil War in Military Literature Festival
करगिल युद्ध में इस्तेमाल किया गया लड़ाकू विमान मिराज-2000 (फाइल फोटो)
वैसे भी युद्ध में वायुसेना का इस्तेमाल उस वक्त किया गया, जब स्थिति बहुत गंभीर होने लगी थी। युद्ध में वायुसेना को भी ऑपरेशन करना है, यह निर्णय भी काफी देरी से लिया गया। इस वजह से कारगिल की चोटियों पर ऑपरेशन के लिए एयरफोर्स को तैयारियों के लिए पूरा वक्त भी नहीं मिल पाया। एयरफोर्स के लड़ाकू जहाज भी कारगिल जैसी परिस्थितियों में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे। यह खुलासा मिलिट्री लिटरेचर फेस्ट में आए एयरफोर्स के पूर्व एयर मार्शल निर्दोष त्यागी ने किया।
विज्ञापन
विज्ञापन
Former Air Marshal Revealed Secrets of Kargil War in Military Literature Festival
कारगिल युद्ध जीतने के बाद भारतीय सेना
एक और खुलासा करते हुए एयर मार्शल त्यागी ने कहा कि यदि हाईकमान से फौज को एलओसी पार करने की इजाजत मिल गई होती तो कारगिल युद्ध को 15 से 20 दिन पहले ही खत्म कर दिया जाता। उल्लेखनीय है कि यह युद्ध 60 दिन तक चला था। इसमें भारत के करीब 527 जवान शहीद हुए थे और 1300 से अधिक जवान घायल हुए थे। इतना ही नहीं एयरफोर्स का एक लड़ाकू विमान व एक हेलीकॉप्टर मार गिराया गया था और एक लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। हालांकि इस युद्ध में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के दांत खट्टे करवा दिए थे, लेकिन कुछ निर्णय समय पर हुए होते तो युद्ध जल्दी निपट सकता था।
Former Air Marshal Revealed Secrets of Kargil War in Military Literature Festival
कारगिल युद्ध - फोटो : अमर उजाला
पूर्व एयर मार्शल निर्दोष त्यागी ने कहा कि कारगिल युद्ध में वायु सेना का इस्तेमाल कब किया जाएगा, यह निर्णय लेने में लंबा समय लग गया था। उस पर एलओसी क्रॉस करने की पाबंदी ने भी ऑपरेशन को काफी प्रभावित किया था। पूर्व एयर मार्शल त्यागी ने बताया कि कारगिल समीक्षा कमेटी ने भी हालात का सही स्तर तक मूल्यांकन करने में बहुत लंबा समय लगा दिया, फिर जाकर एहसास हुआ कि स्थिति कितनी गंभीर है।
विज्ञापन
Former Air Marshal Revealed Secrets of Kargil War in Military Literature Festival
कारगिल युद्ध
घुसपैठियों के साथ पाकिस्तानी सेना हमारी सीमाओं में घुस चुकी है और हमारी कई चौकियों पर कब्जा भी कर चुकी है। सेना को जब इस बारे में मालूम चला तो अधिकारी बड़े अचंभे में थे। इसकी वजह थी खुफिया तंत्र की कमजोरी। हमारी इंटेलिजेंस इस घुसपैठ का सही अंदाजा नहीं लगा पाई थी, जिसका अंजाम कारगिल युद्ध के रूप में सामने आया। सेवामुक्त रक्षा सचिव शेखर दत्त ने कहा कि हमें केंद्रीय और राज्य स्तर पर खुफिया और निगरानी तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है। इसके लिए हमें खुफिया तंत्र और निगरानी के साझे रास्ते विकसित करने पड़ेंगे।
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed