अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में राफेल के अधिष्ठापन समारोह (इन्डक्शन सेरेमनी) के बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) और लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) को इस ताकतवर लड़ाकू विमान का इंतजार रहेगा। चीन की लगातार बढ़ रही हिमाकत का जवाब देने के लिए भारत सरकार राफेल की तैनाती एलएसी पर करना चाहती है। हालांकि राफेल की स्क्वॉड्रन अंबाला में ही रहेगी। मगर वेस्टर्न कमांड के तहत जम्मू एवं कश्मीर में सीमावर्ती हवाई ठिकानों को भी राफेल के लिए तैयार कर दिया गया है।
हवाई पट्टियां तैयार, एलएसी और एलओसी को राफेल का इंतजार, चीनी हरकत पर करेगा वार
वायुसेना सूत्रों ने बताया कि 27 जुलाई को अंबाला आने के बाद राफेल पंजाब, हिमाचल व जम्मू एवं कश्मीर के सीमावर्ती हवाई ठिकानों का अभ्यास स्वरूप दौरा कर चुका है। मगर जिस तरह से चीन के साथ तनातनी का माहौल बढ़ रहा है। भविष्य में हालात सामान्य होने तक जम्मू एवं कश्मीर के विभिन्न एयरफोर्स स्टेशनों पर राफेल की तैनाती रहेगी।
सूत्रों ने बताया कि इसके लिए जम्मू एवं कश्मीर अवंतीपुर एयरफोर्स स्टेशन, श्रीनगर एयरफोर्स स्टेशन, उधमपुर एयरफोर्स स्टेशन, सियाचिन ग्लेशियर एयरफोर्स स्टेशन लद्दाख व लेह एयरफोर्स स्टेशन की हवाई पट्टियां राफेल तैनाती के मद्देनजर तैयार की जा चुकी हैं। इसी तरह पंजाब में पाक बार्डर पर स्थित पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन, अमृतसर एयरफोर्स स्टेशन, बठिंडा एयरफोर्स स्टेशन समेत आदमपुर और हलवारा एयरफोर्स स्टेशन भी रणनीतिक रूप से तैयार हैं।
उधर, चीन के साथ तनावपूर्ण माहौल के चलते भारतीय वायुसेना अब राफेल की दूसरी खेप भी जल्द चाहती है। वायुसेना के एक अधिकारी के अनुसार कोशिश की जा रही है कि दूसरी खेप इसी साल के अंत नवंबर या दिसंबर तक भारत पहुंच जाए। जिसमें पांच और राफेल शामिल होंगे। बताते चलें कि फ्रांस की दसाल्ट एविएशन कंपनी द्वारा निर्मित 36 राफेल देश में आने हैं। जिनमें से छह राफेल विमान बतौर ट्रेनर होंगे और 30 युद्ध के लिए होंगे।
वायुसेना प्रमुख ले चुके पूर्वी वायु कमान की ताकत का जायजा
एलएसी के साथ-साथ चीन पूर्वी सेक्टर में भी गड़बड़ी कर सकता है। अरुणाचल प्रदेश से पांच भारतीयों को चीन द्वारा बंधक बनाना इसका प्रबल संकेत माना जा रहा है। इसी आशंका के चलते भारतीय वायुसेना अपनी पूर्वी वायु कमान (ईएसी) को भी राफेल से ही मजबूत बनाना चाहती है। इसी के चलते एक सप्ताह पहले वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने 02 सितंबर को पूर्वी वायु कमान का दौरा किया था।