बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। क्रिकेट के मैदान में झंडे गाड़ने वाले गांगुली का जन्म 1972 में इसी तारीख को चंडीदास और निरुपा गांगुली के घर हुआ था। उनके पिता का प्रिंट का व्यापार था और वह कोलकाता के कुछ रसूखदार परिवारों में से एक थे। सौरव शुरू से ही काफी संपन्न परिवार से थे लेकिन उनके पिता ने उन्हें इस बात का घमंड नहीं होने दिया।
सौरव गांगुली ने वैसे तो क्रिकेट में दादा के नाम से मशहूर हुए और अपने नेतृत्व क्षमता की बदौलत भारतीय क्रिकेट के सफलतम कप्तानों में शुमार हुए। हालांकि, गांगुली के लिए क्रिकेट के मैदान में पहुंचना इतना आसान नहीं था। ऐसे में आइए एक नजर डालते हैं सौरव के बचपन से जुड़ी अनसुनी कहानियों के बारे में जिसने उन्हें क्रिकेटर बनाने में मुख्य भूमिका निभाई।
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Sourav Ganguly Birthday: 'महाराज' से 'दादा' कैसे बने गांगुली? भाई ने पलटी किस्मत, बचपन के प्यार से हुई शादी
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Tue, 08 Jul 2025 11:40 AM IST
सार
गांगुली ने वैसे तो क्रिकेट में दादा के नाम से मशहूर हुए और अपने नेतृत्व क्षमता की बदौलत भारतीय क्रिकेट के सफलतम कप्तानों में शुमार हुए। हालांकि, गांगुली के लिए क्रिकेट के मैदान में पहुंचना इतना आसान नहीं था। आइए उनकी कहानी जानते हैं...
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सौरव गांगुली का जन्मदिन
- फोटो : ANI

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सौरव गांगुली का जन्मदिन
- फोटो : ANI
बाएं या दाएं हाथ के बल्लेबाज?
फुटबॉल के लिए प्रसिद्द कोलकाता शहर में सौरव को क्रिकेट की लत उनके बड़े भाई स्नेहाशीष की वजह से लगी और यही कारण था कि उन्होंने अपने भाई की तरह ही दाएं हाथ की जगह बाएं हाथ से खेलना शुरू किया, जबकि गांगुली बचपन से दाएं हाथ से ही सब काम करते थे, लेकिन भाई के साथ अभ्यास करने और उसके जैसा खेलने के लिए उन्होंने अपने खेलने का तरीका बदल दिया।
फुटबॉल के लिए प्रसिद्द कोलकाता शहर में सौरव को क्रिकेट की लत उनके बड़े भाई स्नेहाशीष की वजह से लगी और यही कारण था कि उन्होंने अपने भाई की तरह ही दाएं हाथ की जगह बाएं हाथ से खेलना शुरू किया, जबकि गांगुली बचपन से दाएं हाथ से ही सब काम करते थे, लेकिन भाई के साथ अभ्यास करने और उसके जैसा खेलने के लिए उन्होंने अपने खेलने का तरीका बदल दिया।
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सौरव गांगुली के साथ डोना, सचिन और अंजलि
- फोटो : ANI
सौरव उर्फ महाराज
सौरव गांगुली को वैसे तो दुनियाभर में उनके फैंस भारतीय टीम के दादा के रूप में जानते हैं लेकिन काफी संपन्न घराने से होने की वजह से उनके पिता चंडीदास उन्हें महाराज के नाम से बुलाते थे। बाद में इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर सर जेफ्री बॉयकॉट ने उन्हें प्रिंस ऑफ़ कोलकाता के नाम से नवाजा था।
क्रिकेटर भाई
सौरव गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष खुद एक क्रिकेटर थे और बंगाल की तरफ से रणजी और प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते थे। हालांकि वे राष्ट्रीय टीम से कभी नहीं खेल पाए लेकिन उनकी मदद से सौरव ने क्रिकेट खेलना शुरू किया और स्कूल और कॉलेज स्तर पर खेलते हुए आगे बढ़ते गए।
सौरव गांगुली को वैसे तो दुनियाभर में उनके फैंस भारतीय टीम के दादा के रूप में जानते हैं लेकिन काफी संपन्न घराने से होने की वजह से उनके पिता चंडीदास उन्हें महाराज के नाम से बुलाते थे। बाद में इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर सर जेफ्री बॉयकॉट ने उन्हें प्रिंस ऑफ़ कोलकाता के नाम से नवाजा था।
क्रिकेटर भाई
सौरव गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष खुद एक क्रिकेटर थे और बंगाल की तरफ से रणजी और प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते थे। हालांकि वे राष्ट्रीय टीम से कभी नहीं खेल पाए लेकिन उनकी मदद से सौरव ने क्रिकेट खेलना शुरू किया और स्कूल और कॉलेज स्तर पर खेलते हुए आगे बढ़ते गए।

सौरव गांगुली और उनकी बेटी सना
- फोटो : ANI
मां को नापसंद क्रिकेट
फुटबॉल के लिए मशहूर कोलकाता शहर और एक बड़े व्यापारी खानदान से तालुक रखने वाले सौरव गांगुली की माँ निरुपा गांगुली नहीं चाहती थीं कि उनका बेटे किसी खेल को अपना प्रोफेशन बनाए। इस वजह से उन्हें सौरव का क्रिकेट खेलना पसंद नहीं था। यहां तक कि सौरव के पिता चंडीदास भी क्रिकेट को नापसंद करते थे लेकिन बड़े भाई की वजह से उन्हें इसकी इजाजत मिल गई।
बचपन का प्यार
सौरव गांगुली ने अपने बचपन के प्यार डोना गांगुली से 1997 में शादी की थी। डोना एक प्रशिक्षित प्रोफेशनल डांसर थीं और दोनों एक दूसरे को काफी अच्छी तरह से जानते थे। दोनों को बाद में एक बेटी हुई जिसका नाम सना रखा गया।
फुटबॉल के लिए मशहूर कोलकाता शहर और एक बड़े व्यापारी खानदान से तालुक रखने वाले सौरव गांगुली की माँ निरुपा गांगुली नहीं चाहती थीं कि उनका बेटे किसी खेल को अपना प्रोफेशन बनाए। इस वजह से उन्हें सौरव का क्रिकेट खेलना पसंद नहीं था। यहां तक कि सौरव के पिता चंडीदास भी क्रिकेट को नापसंद करते थे लेकिन बड़े भाई की वजह से उन्हें इसकी इजाजत मिल गई।
बचपन का प्यार
सौरव गांगुली ने अपने बचपन के प्यार डोना गांगुली से 1997 में शादी की थी। डोना एक प्रशिक्षित प्रोफेशनल डांसर थीं और दोनों एक दूसरे को काफी अच्छी तरह से जानते थे। दोनों को बाद में एक बेटी हुई जिसका नाम सना रखा गया।

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सौरव गांगुली का जन्मदिन
- फोटो : ANI
सौरव के नाम की सड़क
कोलकाता में सौरव गांगुली की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके गृहनगर में एक आपर्टमेंट और डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया है।
बीसीसीआई अध्यक्ष बने और फिर कोहली से विवाद
क्रिकेट छोड़ने के बाद गांगुली कमेंट्री करते रहे और साथ क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल में भी अपना दायित्व निभाते रहे। साल 2019 के अक्तूबर में उन्हें बीसीसीआई का अध्यक्ष चुना गया। फिर कोरोना का दौर आया और तब भी गांगुली के क्रिकेट को सुचारू रूप से चलाने की कोशिशों को सराहा गया। 2020 में आईपीएल यूएई में कराए गए।
हालांकि, इसके बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से उनका विवाद सामने आया, जब विराट के टी20 कप्तान से हटने के फैसले के बाद उन्हें वनडे की कप्तानी से भी हटा दिया गया। दोनों में बयानबाजी का दौर भी चला। फिर 18 अक्तूबर 2022 को रोजर बिन्नी बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बने। गांगुली को इस पद से हटा दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें दोबारा इस पद पर आने की इच्छा थी, लेकिन बीसीसीआई के दूसरे अधिकारी नहीं माने। फिलहाल वह एमसीसी की क्रिकेट कमिटी के अध्यक्ष हैं।
कोलकाता में सौरव गांगुली की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके गृहनगर में एक आपर्टमेंट और डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया है।
बीसीसीआई अध्यक्ष बने और फिर कोहली से विवाद
क्रिकेट छोड़ने के बाद गांगुली कमेंट्री करते रहे और साथ क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल में भी अपना दायित्व निभाते रहे। साल 2019 के अक्तूबर में उन्हें बीसीसीआई का अध्यक्ष चुना गया। फिर कोरोना का दौर आया और तब भी गांगुली के क्रिकेट को सुचारू रूप से चलाने की कोशिशों को सराहा गया। 2020 में आईपीएल यूएई में कराए गए।
हालांकि, इसके बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से उनका विवाद सामने आया, जब विराट के टी20 कप्तान से हटने के फैसले के बाद उन्हें वनडे की कप्तानी से भी हटा दिया गया। दोनों में बयानबाजी का दौर भी चला। फिर 18 अक्तूबर 2022 को रोजर बिन्नी बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बने। गांगुली को इस पद से हटा दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें दोबारा इस पद पर आने की इच्छा थी, लेकिन बीसीसीआई के दूसरे अधिकारी नहीं माने। फिलहाल वह एमसीसी की क्रिकेट कमिटी के अध्यक्ष हैं।