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देवस्थानम बोर्ड: चारधाम में पूजा-पाठ छोड़कर आंदोलन में जुटे थे तीर्थ पुरोहित, पहली बार बदला था अभिषेक पूजा का समय 

प्रमोद सेमवाल, अमर उजाला, गोपेश्वर Published by: अलका त्यागी Updated Wed, 01 Dec 2021 12:30 PM IST
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Chardham Devasthanam Board Dissolution: Priests protest against board to left Puja in char dham
प्रदर्शन करते तीर्थ पुरोहित - फोटो : अमर उजाला
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देवस्थानम बोर्ड के विरोध में इस वर्ष यात्राकाल में करीब एक माह तक तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों ने आंदोलन किया। स्थिति यह रही कि तीर्थ पुरोहित बदरीनाथ धाम के साथ ही अन्य मठ-मंदिरों में पूजा-पाठ छोड़कर सड़क पर आंदोलन करते दिखे। बोर्ड के विरोध में कई बार तीर्थ पुरोहितों नें सरकार के खिलाफ बदरीनाथ में प्रदर्शन भी किया। 

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इस वर्ष बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खुले थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीमित संख्या में ही तीर्थ पुरोहितों को बदरीनाथ धाम जाने की अनुमति दी गई। जुलाई माह में धाम में तीर्थ पुरोहितों का जुटना शुरू हुआ। इसके बाद देवस्थानम बोर्ड के विरोध में आवाज उठने लगी।

बोर्ड को रद्द करने और चारधाम यात्रा को विधिवत रूप से संचालित करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। तीर्थ पुरोहितों का कहना था कि देवस्थानम बोर्ड सिर्फ थोपा हुआ प्रबंधन तंत्र है, जो परंपराओं में खलल पैदा कर रहा है।

श्री बदरीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पंकज डिमरी का कहना है कि देवस्थानम बोर्ड की नाकामी के कारण इतिहास में पहली बार बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने के समय में परिवर्तन किया गया था।
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प्रदर्शन करते तीर्थ पुरोहित - फोटो : अमर उजाला
इस वर्ष पंचांग गणना के तहत 30 अप्रैल को धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित हुई, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बोर्ड की ओर से समय पर बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी ) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी को दक्षिण भारत से उत्तराखंड लाने की पैरवी नहीं की गई। इससे लॉकडाउन के कारण कपाट खोलने की तिथि 15 मई निर्धारित की गई।
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Chardham Devasthanam Board Dissolution: Priests protest against board to left Puja in char dham
गंगोत्री धाम में विरोध प्रदर्शन करते तीर्थ पुरोहित - फोटो : अमर उजाला
उन्होंने कहा कि सरकार के बजाय चारधामों का नियंत्रण ट्रस्ट के हाथों में दे देना चाहिए। इसका संचालन संत समाज, तीर्थ पुरोहित और हकहकूकधारियों के नियंत्रण में होना चाहिए। देवस्थानम बोर्ड के नियंत्रण में पहली बार बदरीनाथ धाम की पूजाओं के समय में परिवर्तन किया गया। जब बदरीनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध किया तो बोर्ड ने पूजा के समय को यथावत कर दिया था।
Chardham Devasthanam Board Dissolution: Priests protest against board to left Puja in char dham
पीएम मोदी को खून से पत्र लिखते तीर्थ पुरोहित - फोटो : अमर उजाला
बदरीनाथ धाम में यात्राकाल के दौरान प्रतिदिन सुबह पांच बजे से अभिषेक पूजा शुरू हो जाती है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण तहत जारी एसओपी में मंदिर को खोलने का समय सुबह सात बजे निर्धारित किया गया था, जिसे देखते हुए देवस्थानम बोर्ड ने बदरीनाथ धाम में पूजा के समय में परिवर्तन कर दिया। तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध किया। तब जाकर बोर्ड ने धाम की पूजा का समय यथावत किया गया।
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केदारनाथ में उपवास पर बैठे तीर्थ पुरोहित - फोटो : अमर उजाला
देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थपुरोहितों, हकहकूकधारियों और पंडा समाज के बीच जो शंकाएं थी, उन्हें मुख्यमंत्री ने दूर कर बोर्ड को भंग कर दिया है। यह निर्णय स्वागत योग्य है। जनता के बीच इस विधेयक को लेकर संदेह पैदा हो गया था, जिसे सरकार ने भंग कर स्वागत योग्य निर्णय लिया है।
- महेंद्र प्रसाद भट्ट, बदरीनाथ विधायक।
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